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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

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श्री रजनीश शर्मा ने बीईएल के निदेशक (बेंगलूर कॉमप्लेक्स) का कार्यभार संभाला

Product category :समाचार

Date : अगस्त 10, 2024


बेंगलूर, 10 अगस्त, 2024 - श्री रजनीश शर्मा ने नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के निदेशक (बेंगलूर कॉमप्लेक्स) का कार्यभार संभाला। इस पदोन्नति से पहले वे बीईएल के सैन्य रेडार एसबीयू के महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।

श्री रजनीश शर्मा ने 1989 में दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1990 में बीईएल में कार्यग्रहण किया। 33 वर्षों से अधिक के लंबे करियर में, उन्होंने बीईएल की विभिन्न यूनिटों और रणनीतिक कारोबारी यूनिटों (एसबीयू) में काम किया उन्हें रेडार सिस्टम, सेक्योर कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति और वैमानिकी, नौसैनिक मिसाइल सिस्टम आदि जैसी प्रमुख प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में विविधतापूर्ण अनुभव प्राप्त है।

उन्होंने एलआरसैम सहित बीईएल की कुछ सबसे बड़ी प्रणालियों के कार्य-निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे उनका अनुभव समृद्ध हुआ और उन्हें संगठनात्मक व्यवसायों, चुनौतियों, जन, टीमों, विविध संस्कृतियों आदि के बारे में समग्र दृष्टिकोण प्राप्त हुआ।

ऐसी भूमिकाओं और चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, उन्होंने प्रमाणित परियोजना प्रबंधन पेशेवर, गुणता और संगठनात्मक उत्कृष्टता के प्रमाणित प्रबंधक, सिक्स सिग्मा, सीआईआई कारोबारी उत्कृष्टता मूल्यांकनकर्ता आदि जैसी व्यावसायिक दक्षताएं भी अर्जित की। इस ज्ञानार्जन ने उन्हें थालेस-फ्रांस, सेलेक्स-इटली, एचएसए-हॉलैंड, आरएसी-रूस और आईएआई-इज़राइल जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ प्रमुख परियोजनाओं को सफलतापूर्वक निष्पादित करने में सक्षम बनाया।

इसके अलावा, सीएबीएस के साथ एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एवं कंट्रोल सिस्टम, फ्लाईकैचर, वेपन लोकेटिंग रेडार, रिपोर्टर रेडार, रेवती और रोहिणी रेडार जैसी परियोजनाओं में एलआरडीई के साथ सक्रिय भागीदारी ने श्री रजनीश शर्मा को विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक और उत्पादन प्रक्रियाओं में अपने कौशल को निखारने में मदद की जो किसी भी कारोबारी संस्था की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

उनकी बहुमुखी प्रतिभा, सजग स्वभाव और प्रौद्योगिकी भागीदारों के साथ घनिष्ठ संबंध ने श्री रजनीश शर्मा को अपने ज्ञानार्जन को आत्मसात करने और प्रौद्योगिकी को परिपक्व और मजबूत प्रक्रियाओं में बदलने की क्षमता दी जिससे सर्वश्रेष्ठ उत्पाद तैयार होते हैं। उनकी प्रक्रिया-उन्मुख और दृढ़ निश्चयी, कभी हार न मानने वाली प्रवृत्ति ने उन्हें कठिन लक्ष्यों को समय पर हासिल करने में मदद की।