BEL

इतिहास

देश की आजादी के बाद, भारत सरकार ने एक व्यापक औद्योगिक नीति की घोषणा की जिसमें अनेक महत्वपूर्ण उत्पादों को निर्मित करने की अवसंरचना स्थापित करने की शक्ति इसे प्रदान की गई। इसी शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारतीय रक्षा की विशिष्टीकृत इलेक्ट्रॉनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 1954 में रक्षा मंत्रालय के अधीन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना की गई। आज बीईएल रेडार और फायर कंट्रोल सिस्टम, मिसाइल सिस्टम, संचार और सी4आई सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति और वैमानिकी, नौसैनिक सिस्टम और पनडुब्बी-रोधी युद्धपद्धति सिस्टम, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिक्स और गन अपग्रेड तथा रणनीतिक घटकों के क्षेत्रों में अत्याधुनिक और नवीनतम उत्पाद और सिस्टम के साथ देश की सीमाओं की रक्षा करने में देश के रक्षा बलों को सशक्त बनाते हुए एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी और बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है।

Bel Inauguration

बीईएल सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के ऐसे विशेष समूह में है जिन्हें नवरत्न का दर्जा दिया गया है। कंपनी की प्रगति भारत में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स में हो रहे उन्नत कार्यों को प्रतिबिंबित करती है। बीईएल ने वर्षों के दौरान अनेक उपलब्धियां हासिल की है। आकाश वायु रक्षा शस्त्र प्रणाली बीईएल की स्वदेशी डिज़ाइन, विकास और निर्माण पहल का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत की 7,500 कि.मी. लंबी तटरेखा की चौकसी को सशक्त करने के लिए विकसित यह तटीय चौकसी प्रणाली मित्र देशों को पेश की जा रही है। शस्त्र लोकेटिंग रेडार और 3डी सामरिक नियंत्रण रेडार प्रस्तुत करते हुए बीईएल ने रेडार के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है।

रक्षा प्रमुख कारोबार क्षेत्र होने पर भी बीईएल ने गैर-रक्षा क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज की है। बीईएल की अचूक इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीनों ने भारत की मतदान प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटि-मुक्त बनाया है। कोविड वैश्विक महामारी में जब देश को इसकी सेवाओं की अत्यधिक आवश्यकता थी, तब बीईएल ने सरकार की मदद करते हुए रिकार्ड समय में 30,000 आईसीयू वेन्टीलेटरों का निर्माण किया।

Bel Inauguration

बीईएल संस्थागत आर एंड डी और स्वदेशीकरण पर अत्यधिक ज़ोर देते हुए, भारतीय निजी उद्योगों से बाह्यस्रोतण करते हुए, सरकारी-निजी साझेदारी, संयुक्त उद्यम, क्षमता विस्तारण और आधुनिकीकरण करते हुए सरकार की मेक इन इंडिया पहल को बढ़ाने में अपना योगदान देती आ रही है। कंपनी ने अपनी बाह्यस्रोतण नीति को लागू करने के लिए ‘मेक इन इंडिया प्रकोष्ठ’ स्थापित किया है।

बीईएल का लक्ष्य अपने समग्र कारोबार में गैर-रक्षा अंश को बढ़ाने का है। इसके लिए कंपनी द्वारा जिन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है उनमें नागरी विमानन क्षेत्र, द्रोण-रोधी प्रणालियां, उपग्रह असेंबली और एकीकरण, सोलार, रेल्वे और मेट्रो समाधान, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऊर्जा भंडारण उत्पाद, चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स, कृत्रिम बुद्धि आदि शामिल हैं।

बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है। दुनिया भर में नए निर्यात बाज़ारों का लाभ लेने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) और मित्र विदेशी देशों (एफएफसी) में नए बाज़ार विकसित करने के प्रयास में, बीईएल ने ओमान, और श्रीलंका में विदेशी विपणन कार्यालय शुरु किए हैं। बीईएल ने विपणन कार्यकलापों को बढ़ाने के लिए अपने सिंगापूर और न्यूयॉर्क स्थित क्षेत्रीय कार्यालयों का भी विस्तार किया है। कंपनी ने अपने ज़ोर दिए जाने वाले क्षेत्र के रूप में निर्यात और ऑफसेट की पहचान की है।