उत्पाद विकास एवं नवोन्मेष केंद्र (पीडीआईसी) की स्थापना दिसंबर 2014 में एसबीयू और यूनिटों के विकास संबंधी कार्यकलापों में सहयोग प्रदान करने और एक स्व-संपूर्ण डिज़ाइन केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए एक केंद्रीकृत सुविधा के रूप में की गई थी। पर्यावरणीय तनाव जाँच (ईएसएस) के लिए प्रोटोटाइप तैयार करने, परीक्षण करने और डिज़ाइन सत्यापन करने के लिए प्रमुख अवसंरचना, कम्बाइंड आल्टीट्यूड टेम्परेचर एंड ह्यूमिडिटी (सीएटीएच) परीक्षण, बंप परीक्षण, स्वच्छ कक्ष आदि संस्थागत सुविधाओं का हिस्सा हैं। पीडीआईसी बीईएल की सभी यूनिटों और एसबीयू के नए उत्पाद और उप-प्रणाली विकास की आवश्यकताओं को पूरा करता है। पीडीआईसी 26 एकड़ की भूमि पर एक केंद्रीकृत, वातानुकूलित, पांच मंजिला इमारत में स्थापित किया गया है और इसमें लगभग 700 से अधिक इंजीनियर कार्य कर सकते हैं।
पीडीआईसी में उच्च मूल्य-वर्धन सुनिश्चित करते हुए निरंतर नवाचार के माध्यम से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मॉड्यूल और उप-प्रणालियों के डिजाइन और विकास कार्य किया जाता है जिससे बीईएल की कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए नए उत्पादों को लाने के लिए वर्तमान तकनीकों को अपनाने के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त किया जाता है। आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ एक ही स्थान में बहु-विषयक संसाधन प्रभावी विकास सुनिश्चित करते हैं और मानकीकरण तय करते हैं।
आर एंड डी इंजीनियरों को नवाचार करने में सक्षम बनाने के लिए, पीडीआईसी डिज़ाइन, 3 डी मॉडलिंग, सत्यापन, प्रलेखन आदि के लिए नवीनतम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपकरणों से सुसज्जित है। नवाचार केंद्र ने अपने वर्तमान स्थान से अक्तूबर 2018 से अपनी गतिविधियां शुरू कीं। इंजीनियरिंग के विभिन्न प्रक्षेत्र जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स में पीडीआईसी के इंजीनियर डिज़ाइन करने, विकसित करने, प्रोटोटाइप और मॉड्यूलों, उत्पादों और उप-प्रणालियों के लिए आवश्यक विनिर्माण दस्तावेज तैयार करने में सहयोग करते हैं जिनका विपणन एकल उत्पादों के रूप में किया जा सकता है या बीईएल की कारोबारी यूनिटों द्वारा बड़ी प्रणालियों या सिस्टम-ऑफ-सिस्टम के विकास में उपयोग किया जा सकता है।
श्री नरेश कुमार
प्रमुख (उत्पाद विकास एवं नवोन्मेष केंद्र)
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
जालहल्ली, पोस्ट – बेंगलुरु – 560013