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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

संसाधन और निवेश

बीईएल की सभी 9 विनिर्माण यूनिटों में उनके स्वयं के विकास एवं अभियांत्रिकी (डी एण्ड ई) प्रभाग हैं । इन डी एण्ड ई प्रभागों की भूमिका नए उत्पाद विकसित करना और ग्राहक अभिस्वीकृति प्राप्त करना, नए कारोबार सृजित करना, उत्पाद जीवनचक्र समर्थन एवं समय पर कोटि उन्नत रूप प्रदान करना, यथा आवश्यक प्रौद्योगिकियाँ, प्रक्रम, संयोजन एवं घटक विकसित करना है ।

उत्पाद विकास के लिए बीईएल की विभिन्न यूनिटों में डीएण्डई अभियंताओं द्वारा यथा आवश्यक विशिष्टीकृत मुख्य प्रौद्योगिकी माड्यूलों के अभिकल्प बेंगलूर स्थित मुख्य केन्द्रीय डीएण्डई समूहों में तैयार किए जाते हैं । वर्तमान में, बेंगलूर एवं गाज़ियाबाद में बीईएल की दो केन्द्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाएँ (सीआरएल) हैं जिनकी प्राथमिक भूमिका प्रौद्योगिकी के जटिल क्षेत्रों में कार्य करना, विभिन्न यूनिटों में डी एण्ड ई प्रभागों द्वारा प्रयोग करने हेतु सामर्थ्यपूर्ण प्रौद्योगिकी माड्यूल विकसित करना एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर डी एण्ड ई अभियंताओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है । इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स में प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान-केन्द्रित करने के लिए शीघ्र ही ऐसी एक और केन्द्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना है ।

RD-3

वर्तमान में बीईएल के अनु. व वि. कार्यकलापों में लगभग 1600 अभियंता और 400 सहायक स्टाफ कार्यरत हैं । बीईएल के अनु. व वि. प्रभाग विभिन्न वर्गों की परियोजनाओं – संस्थागत विकास परियोजनाएँ, डीआरडीओ / अन्य राष्ट्रीय अभिकल्प एजेन्सियों / प्रतिष्ठित विदेशी विक्रेताओं के साथ संयुक्त विकास या प्रौद्योगिकी हस्तांतरण परियोजनाओं पर कार्य करते हैं । सामान्यत: विक्रयावर्त का लगभग 50% बीईएल द्वारा अभिकल्पित उत्पादों से, विक्रयावर्त का 25% डीआरडीओ तथा अन्य राष्ट्रीय अभिकल्प एजेन्सियों द्वारा अभिकल्पित उत्पादों से और शेष विदेशी सहयोग से सृजित होता है ।

अनु. व वि. पर वार्षिक व्यय बीईएल के विक्रयावर्त का लगभग 5% है । बीईएल अनु. व वि. प्रभागों के लिए आवश्यक सामर्थ्यताओं को अभिचिह्नित करने के आधार पर नियमित रूप से युवा एवं प्रतिभावान अभियंताओं की भर्ती करती है । नियोजन के बाद कार्य-पर-प्रशिक्षण तथा सतत् ज्ञानार्जन की सुविधाएँ इन अभियंताओं को त्वरित समय-सीमा में अनु. व वि. परिवेश हेतु अत्यंत उपयोगी और उत्पादक बनाती हैं । अनु. व वि. अभियंताओं के लिए उत्कृष्ट कार्य-निष्पादन हेतु मान्यता प्रदान करने एवं उन्हें प्रतिफल प्रदान करने की योजनाएँ हैं ।

बीईएल की अनु. व वि. यूनिटें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान (डीएसआईआर) विभाग द्वारा मान्यताप्राप्त हैं । बेंगलूर स्थित बीईएल के साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी केन्द्र को साफ्टवेयर इंजीनियरिंग इंस्टीटयूट (एसईआई) से केपेबिलिटी मेच्युरिटी माडल (सीएमएम) स्तर 5 रेटिंग की मान्यता मिली है ।