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निष्ठा संधि और आईईएम

निष्ठा संधि (आईपी) निवारणात्मक सतर्कता का एक महत्वपूर्ण तंत्र है, जिसका लक्ष्य भ्रष्टाचार को रोकना और सार्वजनिक खरीद में सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करना है। केंद्रीय सतर्कता आयोग भारत में निष्ठा संधि के कार्यान्वयन का नोडल प्राधिकरण है। इसमें न केवल रिश्वत को बल्कि बोली में सांठ-गांठ और कृत्रिम रूप से बोली बढ़ाने जैसे अन्य भ्रष्ट कार्य-कलापों को नियंत्रित किया जाता है। आईपी सरकार/ सरकारी विभाग/ सरकारी कंपनी आदि के बीच की एक लिखित करार होता है तथा सभी बोलीकर्ता रिश्वत, सांठ-गांठ आदि से स्वयं को दूर रखने की सहमति देते हैं। यदि लिखित करार का उल्लंघन किया जाता है, तो संधि में उल्लिखित शास्तियां लागू होंगी जिनमें निम्नलिखित शामिल है –

निष्‍ठा संधि एक मॉनीटरिंग प्रणाली है, जिसमें स्वतंत्र चौकसी का प्रावधान किया जाता है। केन्द्रीय सतर्कता आयोग निष्‍ठा संधि के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए स्वतंत्र बाहरी मॉनीटर (आई.ई.एम.) को मनोनीत करता है।

इस प्रकार, अपने वर्तमान स्‍वरूप में आईपी में तीन स्‍तर होते हैं-

सरकारी खरीद में पारदर्शिता, समानता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, आयोग सरकारी संगठनों में निष्ठा संधि (आईपी) को अपनाने और उसे कार्यान्वित करने की सिफारिश करते आ रहा है । सीवीसी ने अपने कार्यालय आदेश सं. 41/12/07 दिनांक 04.12.2007 व सं. 43/12/07 दिनांक 28.12.2007 और परिपत्र सं.24/08/08 दिनांक 05.08.2008 द्वारा सभी संगठनों में निष्ठा संधि अपनाने की सिफारिश और सरकारी संगठनों में की जाने वाली प्रमुख खरीद के संबंध में इसके कार्यान्वयन के लिए आधारभूत दिशा-निर्देश दिए हैं । आयोग द्वारा अपने कार्यालय आदेश सं.10/5/09 दिनांक18.05.2009 में मानक प्रचालनात्मक प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई थी।

निष्‍ठा संधि को अपनाना- मानक प्रचालनात्‍मक प्रक्रिया; स्‍वतंत्र बाहरी मॉ‍नीटर

आयोग ने निष्ठा संधि की समग्र योजना की समीक्षा करने के लिए, पूर्व केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त, श्री पी शंकर की अध्यक्षता में दिसंबर 2015 में एक समिति गठित की। समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद, आयोग ने परिपत्र सं. 02/01/2017 दिनांक 13.01.2017 के माध्यम से सरकारी विभागों/ संगठनों में निष्ठा संधि को अपनाने की एक संशोधित मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी की है। इसकी मुख्य बिंदुएं निम्नानुसार हैं –

कार्यान्‍वयन की प्रक्रिया

आईईएम की भूमिका और कर्तव्‍य

संगठन के सीवीओ की भूमिका आईईएम की उपस्थिति से अप्रभावित रहेगी। आईईएम द्वारा जांच किए जा रहे मामले की अलग जाँच-पड़ताल सीवीसी द्वारा सीवीसी अधिनियम या सतर्कता मैनुअल के प्रावधानों के संदर्भ में की जा सकती है यदि उनके द्वारा कोई शिकायत प्राप्त होती है या आयोग द्वारा उन्हें इसका निर्देश दिया जाता है।

बीईएल का आई.ई.एम.

बीईएल ने सीवीसी दिशानिर्देशों के अनुपालन में अखंडता समझौते को लागू किया है और इसकी सिफारिश के अनुसार, निम्नलिखित को स्वतंत्र रूप से बाहरी निगरानी के लिए नियुक्त किया है।

आईईएम के संपर्क विवरण निम्न है:

1. श्री संजय कुमार श्रीवास्तव, आई..एस. (सेवानिवृत्त)

अपार्टमेंट टी-06 बी, विंडसर कोर्ट,

डीएलएफ फेस IV, गुड़गाव122009

ई-मेल: sksrivastava_7854[at]rediffmail[dot]com

2. श्री राजीव रंजन वर्मा, आई.पी.एस. (सेवानिवृत्त)

111 ब्लॉक I, अर्राह गार्डन रेसिडेंस, साउथ टू पिल्लर्स 3 एंड 4,

बेली रोड, शेखपूरा, पटना – 800014

ई-मेल: rajivaranjanin[at]yahoo[dot]co[dot]in

3. श्री अश्वनी कुमार, पूर्व सीएमडी, देना बैंक

फ्लैट सं. 22-बी, टर्फ व्यू, सेठ मोतीलाल जी सांघी मार्ग,

वर्ली (लोटस), मुंबई – 400 018

ई-मेल: ashwani[dot]ashwani282[at]gmail[dot]com