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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड

हमारे बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड नवरत्न पीएसयू (भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय के अधीन) है जिसकी स्थापना वर्ष 1954 में की गई थी । बीईएल राष्ट्र के रक्षा बलों को सशक्त बनाने वाली रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी और पेशेवर इलेक्ट्रॉनिक्स के अन्य चयनित क्षेत्रों के कारोबार में लगी हुई है ।

बीईएल ईमानदारी, निष्ठा, मूल्य और नैतिकता के महत्व को मान्यता देती है जो एक अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन के आधार हैं । सतर्कता अनिवार्यत: एक प्रबंधन प्रकार्य है। यह एक संगठन के कार्य-निष्पादन को उत्कृष्ट बनाने में महत्वपूर्ण तंत्र प्रदान करता है। इसमें कारोबार के उचित लेनदेन, पेशेवरवाद, उत्पादकता, तत्परता और नैतिक पद्धतियों को बढ़ावा देना शामिल है। यह भ्रष्टाचार के अवसरों को रोकने में व्यवस्थित सुधार लाने में सहायता करता है। अत: सतर्कता कार्मिकों के साथ संगठन की दक्षता और प्रभावशीलता को बेहतर बनाने में मदद करती है।

बीईएल में सतर्कता विभाग की स्थापना वर्ष 2003 में की गई और बीईएल की 9 यूनिटों के सभी विभागों में सतर्कता अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो बेंगलूर स्थित बीईएल के कॉर्पोरेट कार्यालय में नियुक्त सीवीओ को रिपोर्ट करते हैं ।

शिकायतों की जांच-पड़ताल के अलावा विभाग के कार्यकलापों में सीवीसी/ रक्षा मंत्रालय/ सीबीआई/ बीईएल के कॉर्पोरेट दिशा-निर्देशों/ अन्य विनियामक और सांविधिक आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करना है। यह विभाग कंपनी भर में नैतिक कार्य-पद्धतियों को सुनिश्चित करने में सक्रिय कदम उठाने की पहल करता है। प्रतिक्रियात्मक और दंडात्मक प्रतिक्रिया के साथ, यह विभाग संगठन की प्रणाली में सुधार करने के लिए निवारणात्मक और सुधार लाने के उपाय करता है।

मुख्‍य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ)

बीईएल में सतर्कता विभाग के प्रमुख मुख्य सतर्कता अधिकारी होते हैं (सीवीसी द्वारा प्रतिनियुक्त केंद्र सरकार के अधिकारी जो प्रतिनियुक्ति पर होते हैं) । मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) संबंधित संगठन के सतर्कता प्रभाग का नेतृत्व करते हैं और सतर्कता से संबंधित सभी मामलों में मुख्य कार्यपालक के सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। एक ओर वह अपने संगठन और केंद्रीय सतर्कता आयोग के बीच एक संपर्क बिंदु होते हैं तो दूसरी ओर अपने संगठन और केंद्रीय जांच ब्यूरो के बीच भी संपर्क बिंदु होते हैं। सीवीओ द्वारा किए जाने वाले सतर्कता कार्य व्यापक स्तर के होते हैं जिसमें उनके संगठन के कर्मचारियों द्वारा किए गए या किए जाने की आशंका वाली भ्रष्ट प्रथाओं के बारे में खुफिया जानकारी प्राप्त करना; उन्हें रिपोर्ट किए गए सत्यापन योग्य आरोपों की जांच-पड़ताल करना या इसकी आवश्यकता की जांच-पड़ताल करना; संबंधित अनुशासनात्मक प्राधिकारी द्वारा आगे का विचार करने के लिए जांच-पड़ताल रिपोर्ट पर कार्यवाही करना; जहां आवश्यक हो, मामले को सलाह के लिए आयोग को संदर्भित करना; अनुचित प्रथाओं या कदाचार होने से रोकने के कदम उठाना; सतर्कता की दृष्टि से लेखा-परीक्षा, निरीक्षण और अन्य रिपोर्ट की जांच करना आदि शामिल होते हैं। इस प्रकार, सीवीओ के कार्यों को व्यापक रूप से तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, जैसे- (i) निवारणात्मक सतर्कता; (ii) दंडात्मक सतर्कता; और (iii) निगरानी और संसूचना।

बीईएल में अब तक के सीवीओ की सूची