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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
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बीईएल ने अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस हैंडलिंग रोबॉट के निर्माण के लिए आर एंड डीई (ई), डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस हैंडलिंग रोबॉट के निर्माण और एकीकरण के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशाला, अनुसंधान एवं विकास संस्थापना (इंजीनियर्स), पुणे के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस की हैंडलिंग और डिफ्यूज़िंग के लिए सुदूर परिचालित वाहन यूएक्सओआर की डिज़ाइन तैयार की गई है। यह हवा से गिराए गए अनएक्सप्लोडेड बमों की हैंडलिंग और उन्हें डिफ्यूज़ करने में सक्षम होता है। यूएक्सओआर का उपयोग यूएक्सओ तक सुदूर रूप से पहुंचने और उसे डिफ्यूज़ करने के लिए किया जा सकता है। यह हैवी ड्यूटी-कॉम्पैक्ट सर्व भू-भागीय प्लेटफार्म पर आधारित होता है और रोबोटिक आर्म, एब्रासिव वाटर जेट कटिंग मशीन आदि से सुसज्जित होता है। इसे सुदूर रूप से भी नियंत्रित किया जा सकता है।

समझौता ज्ञापन बीईएल को दूरस्थ रूप से संचालित वाहनों के अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने और अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस हैंडलिंग उपकरणों के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को और बढ़ाने में सक्षम करेगा।

आर एंड डीई (ई), डीआरडीओ

आर एंड डीई (ई), डीआरडीओ, भारतीय रक्षा बलों के तीनों स्कंधों के लिए विभिन्न इंजीनियरिंग प्रणालियों के स्वदेशी विकास में लगा हुआ है। आर एंड डीई (ई) ने सैन्य ब्रिजिंग, माइन-वारफेयर और संबद्ध प्रणालियों, हथियार कार्यक्रमों और क्षेत्र रक्षा और एनबीसी सामूहिक-सुरक्षा प्रणाली के लिए लॉन्चर जैसी लड़ाकू इंजीनियरिंग प्रणालियों को विकसित और वितरित किया है। यह रोबोटिक्स, समग्र उत्पादों और माइक्रो-इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम के क्षेत्रों में भी काम कर रहा है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो- ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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महिलाओं के एमएसएमई से खरीद करने के लिए बीईएल को सराहा गया

बेंगलूरु, 21 नवंबर, 2022 – सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) ने भारत सरकार की सार्वजनिक खरीद नीति के कार्यान्वयन में बीईएल द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की है। नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान एमएसएमई वर्ग के तहत महिला उद्यमियों से नवरत्न सीपीएसई में सर्वाधिक खरीद के लिए प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया है। इस पत्र में भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक खरीद नीति का कार्यान्वयन आज्ञापक बनाने के लिए बीईएल द्वारा किए गए प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया गया है।

यह पुरस्कार 18 नवंबर, 2022 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक खरीद नीति पर आयोजित सीपीएसई सम्मेलन के दौरान बीईएल को प्रदान किया गया। इस सीपीएसई सम्मेलन का उद्घाटन श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, एमएसएमई के राज्य मंत्री द्वारा किया गया। सम्मेलन का विषय ‘लोचता से पुनरुत्थान’ (‘Resilience to Resurgence’) था।

बीईएल की ओर से यह सम्मान श्री मनोज यादव, अपर महाप्रबंधक (प्रबंध सेवाएं) ने प्राप्त किया।

चित्र परिचय – सार्वजनिक खरीद नीति के सीपीएसई सम्मेलन में बीईएल की ओर से प्रशस्ति-पत्र प्राप्त करते हुए श्री मनोज यादव, अपर महाप्रबंधक (प्रबंध सेवाएं)।

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बीईएल ने आईएमटीएमए उत्पादकता के 2 पुरस्कार जीते

बेंगलूरु, 21 नवंबर 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के बेंगलूरु कॉमप्लेक्स की निर्यात विनिर्माण रणनीतिक कारोबार यूनिट ने 18-19 नवंबर, 2022 को इंडियन मशीन टूल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएमटीएमए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय उत्पादकता के शिखर सम्मेलन में 2 पुरस्कार जीते। बीईएल ने विनिर्माण उत्पादकता बढ़ाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए चैंपियन ऑफ चैंपियंस अवार्ड (प्रथम पुरस्कार) और वॉक्स पॉपुली (वॉयस ऑफ द ऑडियंस) पुरस्कार प्राप्त किया। पुरस्कार विजेता टीम में निर्यात विनिर्माण एसबीयू, बेंगलूरु कॉमप्लेक्स, बीईएल के श्री प्रेमकुमार डी, श्री नागेंद्र बाबू आर, श्री दीपक जी एच, सुश्री कल्याणी बी, श्री चंगप्पा एन आर और श्री अंजन के एन शामिल थे।

पुरस्कार विजेता केस अध्ययन में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि रक्षा प्रमुख बीईएल ने किस तरह पहली बार आईसीयू वेंटिलेटर के निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश किया और कोविड-19 वैश्विक महामारी की पहली लहर के दौरान सभी प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ते हुए 90 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30,000 आईसीयू वेंटिलेटर के निर्माण की चुनौती को स्वीकार किया।

भारत सरकार ने 30,000 आईसीयू वेंटिलेटर का ऑर्डर देकर बीईएल और इसकी चपल उत्पादन प्रणाली क्षमता पर भरोसा जताया। इन वेंटिलेटर का निर्माण लॉकडाउन के दौरान किया गया था। आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के लिए बीईएल को विभिन्न सरकारी एजेंसियों से अपार समर्थन मिला। इस परियोजना को अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में शुरू किया गया था और कई चुनौतियों का सामना करते हुए 30,000 वेंटिलेटर का उत्पादन 14 अगस्त, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।

बीईएल ने सामने किए गए प्रमुख चुनौतियाँ इस प्रकार रहीं – बीईएल ने किसी पूर्व अनुभव/क्षेत्र ज्ञान/अवसंरचना के बिना महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण निर्माण में प्रवेश किया; 30,000 वेंटिलेटर की सुपुर्दगी 90 दिनों की कम अवधि में करने की डिज़ाइन; निर्यात प्रतिबंध और विदेशी घरेलू मांग, गतिशील मूल्य निर्धारण और अप्रत्याशित लीड समय के साथ महत्वपूर्ण घटकों का आयात करना; राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण एमएसएमई से कार्य पैकेजों का उप-ठेका करना; सीमा पार और अंतर-राज्यीय यातायात बंद होने आदि के कारण परिवहन संबंधी समस्याएं; समवर्ती उत्पादन चरण के दौरान विभिन्न तकनीकी मानकों को पूरा करना क्योंकि सीवी 200 वेंटिलेटर को महत्वपूर्ण घटकों के स्वदेशीकरण प्रयासों को पूरा करने के लिए डिजाइन टीमों (डीआरडीओ, स्कैनरे और बीईएल) द्वारा लगातार उन्नत किया जा रहा था; डीजीएचएस द्वारा नैदानिक परीक्षण और अनुमोदन चूंकि सीवी200 पहली बार शुरु किए जा रहे थे; रक्षा उत्पादों के बदले मेडिकल ग्रेड के आईसीयू वेंटिलेटर के उत्पादन को पूरा करने के लिए विनिर्माण सुविधा का पुनर्गठन।

बीईएल द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण जिसके कारण सफलता प्राप्त हुई, में शामिल थे – तेजी से और गतिशील निर्णय लेने के लिए युद्ध कक्ष का निर्माण; टीओटी भागीदारों की पहचान और बीईएल और टीओटी टीमों का सह-विन्यास; बुनियादी ढांचे का निर्माण / पुनर्संरेखण; विशिष्ट कार्यों के साथ विभिन्न-क्षेत्रों में कार्य बल टीमों का गठन; वैधानिक प्रमाण पत्र प्राप्त करना; महत्वपूर्ण और लंबे लीड के पुर्जों के लिए एकाधिक/वैकल्पिक सोर्सिंग; आयातित पुर्जों का समय पर स्वदेशीकरण; कई व्यावसायिक यूनिटों में उत्पादन; वेंटिलेटर के उपयोग पर चिकित्सा पेशेवरों का ऑनलाइन प्रशिक्षण; अखिल भारतीय स्थापना नेटवर्क।

शीर्ष प्रबंधन की पूर्ण भागीदारी, संसाधन अनुकूलन और कर्मचारियों की कुल भागीदारी के कारण रिकॉर्ड समय में इस विशाल परियोजना को सफलता मिली। इस सफलता ने बीईएल को चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में विविधीकरण कर के लिए प्रेरित किया।

चित्र परिचय

आईएमटीएमए उत्पादकता पुरस्कार प्राप्त करते हुए बेंगलूरु कॉम्प्लेक्स के निर्यात विनिर्माण एसबीयू की बीईएल टीम ।

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बीईएल-गाज़ियाबाद ने सीआईआई एक्ज़िम बैंक का कारोबारी उत्कृष्टता पुरस्कार जीता

रोल मॉडल संगठन की मान्यता मिली

बेंगलूरु, 25 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) की गाज़ियाबाद यूनिट ने सीआईआई एक्ज़िम बैंक कारोबारी उत्कृष्टता पुरस्कार (2022) और रोल मॉडल संगठन के लिए निर्णायकों की संस्तुति, दो पुरस्कार जीते।

यह पुरस्कार भारतीय कार्पोरेट संगठनों में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 1994 में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और एक्सपोर्ट इम्पोर्ट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा स्थापित, कारोबारी उत्कृष्टता के लिए सीआईआई-एक्ज़िम बैंक पुरस्कार की मान्यता का सर्वोच्च स्तर है।

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, सीएमडी, बीईएल ने 25 नवंबर, 2022 को बेंगलूरु में सीआईआई द्वारा आयोजित गुणता सम्मेलन में बीईएल की ओर से यह प्रतिष्ठित पुरस्कार श्री जयदीप मजूमदार, कार्यपालक निदेशक (एनसीएस) एवं यूनिट प्रमुख, बीईएल-गाज़ियाबाद, श्री जगदीश चंद, महाप्रबंधक (रेडार), बीईएल-गाज़ियाबाद, श्रीमती रश्मि कथूरिया, महाप्रबंधक (एससीसीएस), बीईएल-गाज़ियाबाद, श्री गिरिराज एन, महाप्रबंधक (डीसीसीएस), बीईएल-गाज़ियाबाद, श्री नवीन कुमार, प्रभारी महाप्रबंधक (ऐंटेना), बीईएल-गाज़ियाबाद, श्री के के अगरवाल, प्रभारी महाप्रबंधक (कार्पोरेट गुणता), श्रीमती अनीता श्रीवास्तव, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (क्यूएस) एवं प्रभारी, कारोबारी उत्कृष्टता के साथ ग्रहण किया।

सीआईआई संगठनों को तीन स्तरों में मान्यता प्रदान कता है – गोल्ड प्लस (पहला स्तर), प्लेटिनम (दूसरा स्तर) और अवार्ड (सर्वोच्च स्तर)। इनमें से एक पुरस्कार विजेता संगठन को कुछेक निश्चित परिमापियों में संगठन द्वारा प्रदर्शित सर्वोच्च स्तर की उत्कृष्टता के लिए रोल मॉडल संगठन घोषित किया जाता है। बीईएल का बेंगलूरु कॉमप्लेक्स पहला पीएसयू था जिसे वर्ष 2018 में सीआईआई द्वारा रोल मॉडल संगठन का दर्जा दिया गया था। यह गर्व का विषय है कि बीईएल की गाज़ियाबाद यूनिट को अब रोल मॉडल संगठन की मान्यता प्रदान की गई है।

बीईएल-गाज़ियाबाद में पांच रणनीतिक कारोबारी यूनिटें हैं जो तीन विशेष उत्पाद– रेडार, सी4आई और सैटकॉम और उनका समाधान प्रस्तुत करती हैं। ये यूनिटें देश की रक्षा के लिए 90% रेडार, 100% सी4आई समाधान और 80% सैटकॉम उपकरणों की सुपुर्दगी करती हैं। पुरस्कार के प्रशस्ति-पत्र में वैश्विक महामारी के दौरान भी बेहतर कारोबारी कार्य-निष्पादन, आर एंड डी पर ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में आक्रामक प्रगति, तेज गति से प्रौद्योगिकी अनुकूलन, ग्राहक संबंध, नवोन्मेष की सुदृढ़ संस्कृति और निरंतर रूपांतरण के लिए बीईएल- गाज़ियाबाद की प्रशंसा की गई है।

अपने अभिभाषण में, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, सीएमडी ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि बीईएल की गाज़ियाबाद यूनिट को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार और उत्कृष्टता की मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि बीईएल भूमि, समुद्र और वायु, तीनों क्षेत्रों में देश की रक्षा कर रही है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीनों द्वारा लोकतंत्र के लिए और कोविड वैश्विक महामारी के दौरान वेन्टीलेटरों के निर्माण द्वारा बीईएल द्वारा दिए गए योगदान के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि ग्राहकों का विश्वास प्राप्त करने के लिए बीईएल की कारोबार प्रक्रियाएं अच्छी तरह व्यवस्थित हैं और सीआईआई के सहयोग से बीईएल की कारोबारी उत्कृष्टता यात्रा के बारे में बताया।

श्री जयदीप मजूमदार, कार्यपालक निदेशक (एनसीएस) और यूनिट प्रमुख, बीईएल-गाज़ियाबाद ने उत्पाद निर्माण से लेकर उच्च स्तरीय प्रणालियों और प्रणाली एकीकरण तक गाज़ियाबाद यूनिट के रूपांतरण के बारे में बताया। उन्होंने गाज़ियाबाद यूनिट में कारोबारी उत्कृष्टता रूपांतरण के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।

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बीईएल का बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन भारतीय सेना में शामिल

बेंगलुरु/पुणे, 22 दिसंबर, 2021: डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित और नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की पुणे इकाई द्वारा निर्मित, अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहनों (एईआरवी) के पहले बैच को औपचारिक रूप से शामिल किया गया। 21 दिसंबर, 2021 को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, सेनाध्यक्ष द्वारा भारतीय सेना में।

श्री दिनेश बत्रा, निदेशक (वित्त), बीईएल की उपस्थिति में बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी), पुणे में आयोजित एक समारोह में वाहनों को कोर ऑफ इंजीनियर्स में शामिल किया गया; लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, इंजीनियर-इन-चीफ; लेफ्टिनेंट जनरल जे एस नैन, एवीएसएम, एसएम, जीओसी-इन-सी, दक्षिणी कमान; मेजर जनरल संजय रेहानी, महानिदेशक (लड़ाकू इंजीनियर); ब्रिगेडियर संजय माथुर, वीएसएम, ब्रिगेडियर कॉम्ब इंजीनियरिंग (बी), और अन्य वरिष्ठ अधिकारी।

AERV 90% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ BEL-पुणे द्वारा निर्मित है। यह एक बहुमुखी बीएमपी- आईआईके एम्फीबियस इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी) है जो पानी की टोह लेने, भूमि टोही, नेविगेशन और डेटा बैकअप के लिए उपकरणों से सुसज्जित है। AERV यह निर्धारित करने के लिए नदी के किनारों पर मिट्टी की असर क्षमता को मापने में सक्षम है कि क्या वे गो-नो गो के आधार पर सैन्य वाहनों के लिए मोटर योग्य हैं (पुल बिछाने के लिए महत्वपूर्ण पैरामीटर), दिन और रात की स्थिति में सूखे और गीले अंतराल, ढलान और नदी के किनारे की ऊंचाई / नहरें। मिलिट्री ग्रिड को-ऑर्डिनेट सिस्टम का उपयोग करके सैन्य मानचित्रों के साथ एईआरवी को नेविगेट करना, नदियों/नहरों के पानी के नीचे के बेड और पानी की धाराओं को मापना और प्लॉट करना, आगे के विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए कंट्रोल कंसोल पर विभिन्न उपकरणों से डेटा स्टोर करना संभव है।

अगली पीढ़ी के AERV के शामिल होने से भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और यह आत्मानिर्भर भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।