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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
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बीईएल ने ई.टी. आइकोनिक ब्रांड ऑफ इंडिया– 2022 का पुरस्कार जीता

प्रतिष्ठित संगठन कई हो सकते हैं, लेकिन बहुमूल्य ब्रांड वाले संगठन कुछ ही होते हैं जिनके नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखे जाते हैं।

नवरत्न रक्षा पीएसयू जिसने भारत के रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स की नियति को आकार दिया, की आइकोनिक ब्रांड छवि को देश के अग्रणी समाचार पत्र ने मान्यता प्रदान की जब 29 अक्तूबर, 2022 को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को “दि एकानॉमिक टाइम्स – आइकोनिक ब्रांड ऑफ इंडिया पुरस्कार -2022” प्रदान किया गया। नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक तथा निदेशक (वित्त) एवं सीएफओ श्री दिनेश कुमार बत्रा ने मुंबई में आयोजित पुरस्कार समारोह में कंपनी की ओर से यह पुरस्कार श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, माननीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, कौशल, रोजगार, उद्यमिता, नवाचार मंत्रालय तथा पर्यटन मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार के करकमलों से ग्रहण किया।

रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि से प्रेरित होकर, वर्ष 1954 में रक्षा मंत्रालय के अधीन, भारत सरकार द्वारा बीईएल की स्थापना की गई थी। हिमालय का बर्फानी तूफान हो, अरब सागर का नमकीन पानी हो या थार मरुस्थल का तपाने वाला तापमान हो, बीईएल ऐसे अत्याधुनिक उत्पाद और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है जो चरम परिस्थितियों में बेहतरीन काम करने वाले होते हैं और भारतीय सशस्त्र बलों के सटीक मानकों को पूरा करता हैं। बीईएल की छवि के साथ एक और महत्वपूर्ण बात ग्राहकों द्वारा उस पर किया जाने वाला पूरा भरोसा है। बीईएल द्वारा अपने उत्पादों के लिए ग्राहकों को प्रदान की जा रहा आजीवन समर्थन भी इसमें उल्लेखनीय भूमिका निभाता है।

आज रक्षा कारोबार में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो बीईएल के लिए अछूता है – रेडार, मिसाइल प्रणालियां, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणालियां, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और एवियोनिक्स, सी4आई प्रणालियां, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिक्स और गन / शस्त्र अपग्रेड, इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ जैसा कोई भी क्षेत्र लें, कंपनी ने इन सभी क्षेत्रों में सर्वोत्तम उत्पाद दिए हैं।

मुख्य कारोबार रक्षा क्षेत्र होने पर भी, बीईएल ने सोलर ट्रैफिक सिग्नल और इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन (ईवीएम) जैसे असैनिक उत्पादों से आम लोगों में अपनी मौजूदगी महसूस कराई है। कोविड-19 की वैश्विक महामारी से लड़ते समय जब देश को इसकी सेवाओं की सबसे अधिक ज़रूरत थी, तब बीईएल ने भारत सरकार की मदद करने के लिए रिकार्ड समय में 30,000 आईसीयू वेन्टिलेटरों का सफल निर्माण किया।

सभी अच्छे ब्रांड यूं ही नहीं विकसित होते हैं। वे धीरे-धीरे विकसित होते हैं। बीईएल भी पिछले सात दशकों से लगातार विकसित होती आ रही है और बदलते समय के साथ-साथ, संबंधित गैर-रक्षा क्षेत्रों में विविधीकरण करने का प्रयास करती आ रही है। गैर-रक्षा क्षेत्र में बीईएल जिन क्षेत्रों में ध्यान दे रही है उनमें नागरी विमानन क्षेत्र, ड्रोण-रोधी प्रणालियां, मानवरहित प्रणालियां, उपग्रह असेंबली और एकीकरण, सोलार कारोबार, रेलवे और मेट्रो समाधान, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऊर्जा भंडारण उत्पाद (लियॉन और फ्यूल सेल, चार्जिंग स्टेशन आदि), होमलैंड सुरक्षा और स्मार्ट सिटी कारोबार, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक और स्वास्थ्य देखभाल समाधानों की श्रृंखला, कृत्रिम आसूचना, कंपोज़िट शेल्टर और मास्ट आदि समाधान शामिल हैं।

बीईएल भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भरता के अपने सपने को साकार करने में लगी है। अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अलावा, सहयोगात्मक आर एंड डी में कंपनी द्वारा किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई से कार्य का बाह्यस्रोतण करने के प्रयास हों या बड़े मिसाइल प्रोग्राम पूरा करने के लिए सरकारी-निजी साझेदारी के लिए अभूतपूर्व निर्णय लेने हों, बीईएल यह सुनिश्चित करने का कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि उसके प्रयास स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता के सरकार के बृहद लक्ष्य के अनुरूप हों। बीईएल दुनिया भर में निर्यात करने पर ज़ोर देने के लिए अपने हरसंभव प्रयास करते हुए अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा भी रही है।

रक्षा के लिए भारत सरकार की नई नीतियों में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के लिए समान अवसर प्रदान करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। रक्षा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खोले जाने के बावजूद, बीईएल लगभग 15% की दर से विकास करती आ रही है जिसका श्रेय इन प्रगतिवादी नीतियों को जाता है जिनके कारण बदलते कारोबारी परिदृश्य में भी प्रतिस्पर्धी तेजी बनाए रखने में मदद मिली है।

ब्रांड बीईएल का वादा है – “भूमि जल हो, या हो आसमान । वीर जवानों के साथ खड़े हरदम । अंधेरे में भी हम राह को रौशन करें।

29 अक्तूबर, 2022 को मुंबई में आयोजित पुरस्कार समारोह में श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, माननीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, कौशल, रोजगार, उद्यमिता, नवाचार मंत्रालय तथा पर्यटन मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार के करकमलों से कंपनी की ओर से श्री मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक (राष्ट्रीय विपणन), श्री दामोदर भट्टड, महाप्रबंमधक (वित्त) और श्री प्रदीप सेठिया, अपर महाप्रबंधक (वित्त) के साथ “दि एकानॉमिक टाइम्स – आइकोनिक ब्रांड ऑफ इंडिया पुरस्कार -2022” ग्रहण करते हुए श्री दिनेश कुमार बत्रा, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक तथा निदेशक (वित्त) एवं सीएफओ, बीईएल।

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बीईएल डिफेक्स्पो 2022 में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगी

बेंगलूरु, 12 अक्तूबर, 2022 – दिनांक 18 से 22 अक्तूबर तक गांधीनगर, गुजरात में आयोजित होने वाले डिफेक्सपो में बीईएल अपने कारोबार के सभी क्षेत्रों के अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों का प्रदर्शन करेगी।

डिफेक्सपो 2022 के दौरान प्रदर्शित किए जाने वाले उत्पादों और प्रणालियों में ‘वायु रक्षा और निगरानी’, ‘C4I सिस्टम’, ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित उत्पाद’, ‘गैर-रक्षा और विविधीकरण उत्पाद’, ‘रेडार सिस्टम’, ‘संचार प्रणाली’, ‘एयरबोर्न उत्पाद एवं प्रणाली’, ‘होमलैंड सिक्योरिटी एंड साइबर सिक्योरिटी’, ‘भविष्यगामी प्रौद्योगिकी’, ‘मिसाइल सिस्टम्स’, ‘ईओ एवं लेजर आधारित उत्पाद’, ‘आउटडोर प्रदर्श उत्पाद’ और इंडियन पेवेलियन शामिल होंगे। इसके अलावा, बीईएल अपने कुछ नए उत्पादों/प्रौद्योगिकियों को लॉन्च/प्रदर्शित करते हुए अपनी आर एंड डी क्षमताओं का भी प्रदर्शन करेगी।

‘वायु रक्षा और निगरानी’ के क्षेत्र में बीईएल के प्रदर्शन में हेक्साकॉप्टर, टेथर्ड यूएवी, रोबोटिक निगरानी और डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम शामिल होंगे। सी4I सिस्टम के क्षेत्र के प्रदर्शन में सी4I प्रौद्योगिकियां, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम और नेविगेशनल कंसोल शामिल होंगे। साथ ही ‘गैर-रक्षा और विविधीकरण’ के उत्पादों और प्रणालियों की पूरी श्रृंखला भी प्रदर्शनी में होगी।

बीईएल अपने ‘रेडार सिस्टम’ का प्रदर्शन करेगी, जिसमें बैटल फील्ड शॉर्ट रेंज एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (बीएफएसआर-एईएसए) रेडार, एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रेडार, माउंटेन फायर कंट्रोल रडार, वेपन लोकेटिंग रेडार आदि शामिल होंगे। ‘संचार प्रणाली’ के क्षेत्र में बीईएल के प्रदर्शन में उच्च क्षमता वाले रेडियो रिले, मैनपैक हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर), प्वाइंट टू मल्टी प्वाइंट रेडियो, एसडीआर हैंड हेल्ड नेवल संस्करण और कई अन्य उत्पाद शामिल होंगे।

इस प्रदर्शनी में अन्य ‘भविष्यगामी प्रौद्योकियों’ में ऑटोमैटिक डिपेंडेंट सर्विलांस-ब्रॉडकास्ट सिस्टम, पोजिशन इंडिकेटर – G3I, हैंड-हेल्ड इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम, एक्सटेंडेड सी-बैंड ब्लॉक अप-कन्वर्टर, मोनोलिथिक माइक्रोवेव इंटीग्रेटेड सर्किट (एक एनक्लोशर में 15 प्रकार) आदि शामिल हैं। बीईएल के आउटडोर डिस्प्ले का मुख्य आकर्षण हेक्साकॉप्टर, टिथर्ड यूएवी, यूएवी का समूह, रोबोटिक निगरानी प्लेटफॉर्म, एचएलएस सीआईबीएमएस, बीएफएसआर एईएसए, एफएमसीडब्ल्यू आधारित डीडीआर, हाइड्रोजन आधारित स्कूटर और प्लेटफॉर्म के साथ अल्ट्रा लाइट वेट एनक्लोजर होंगे।

इन अत्याधुनिक उपकरणों का पूरा सेट किसी भी रक्षा बल और नागरी आवश्यकताओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।

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बीईएल ने एवीएनएल (अवनी) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारतीय रक्षा और निर्यात बाजार की आवश्यकताओं को संयुक्त रूप से पूरा करने के लिए रक्षा पीएसयू आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (एवीएनएल/अवनी) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

इस एमओयू का उद्देश्य बीईएल और एवीएनएल (एवीएएनआई) की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है ताकि लड़ाकू वाहनों, मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी), इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल (आईएफवी), आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल (एएफवी) और संबंधित प्रणालियों के क्षेत्रों में घरेलू और निर्यात अवसरों का लाभ उठाया जा सके।

श्री दिनेश कुमार बत्रा, तत्कालीन सीएमडी, बीईएल और श्री ए एन श्रीवास्तव, सीएमडी, एवीएनएल/अवनी ने श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), बीईएल, श्री संजय द्विवेदी, निदेशक (परिचालन), एवीएनएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल, श्री मनोज कुमार, कार्यकारी निदेशक, बीईएल और बीईएल तथा अवनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में बीईएल और अवनी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।

एवीएनएल/ अवनी के बारे में

एवीएएल रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक सरकारी क्षेत्र का उपक्रम है (जिसे पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड से बनाया गया) जिसके पास अत्याधुनिक बख्तरबंद लड़ाकू वाहन जैसे टैंक, इनफैंट्री कॉम्बैट वाहन, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल (एमपीवी), लॉजिस्टिक्स व्हीकल आदि जैसे अत्युन्नत बख्तरबंद लड़ाकू वाहन की डिज़ाइन और निर्माण करने की आधुनिक अवसंरचना और क्षमता है। एवीएनएल में टी-72 और टी-90 टैंकों, एमबीटी अर्जुन, ब्रिज लेयर टैंक, ट्रॉल, बीएमपी-II और उसके परिवर्त, एमपीवी 4×4, एमपीवी 6×6, स्टालियन 5/7.5 टी, एलपीटीए2.5 टी, क्लोज़ रेंज नेवल गन (सीआरएन-91), नेवल डिकॉय लांचर कवच और इन सभी वाहनों के लिए उच्च शक्ति इंजन तथा ट्रांसमीशन असेंबली मौजूद है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो- ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

फोटो कैप्शन- श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), बीईएल, श्री संजय द्विवेदी, निदेशक (परिचालन), एवीएनएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल, श्री मनोज कुमार, कार्यकारी निदेशक, बीईएल और बीईएल तथा अवनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में बीईएल और अवनी के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान करते हुए श्री दिनेश कुमार बत्रा, तत्कालीन सीएमडी, बीईएल और श्री ए एन श्रीवास्तव, सीएमडी, एवीएनएल/अवनी।

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बीईएल और एडबल्यूईआईएल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने भारतीय रक्षा और निर्यात बाज़ारों की आवश्यकताओं को संयुक्त रूप से पूरा करने के लिए एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडबल्यूईआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य वायु रक्षा, आर्टिलरी गन सिस्टम, मध्यम कैलिबर शस्त्र, छोटे हथियार और संबंधित प्रणालियों के क्षेत्र में घरेलू और निर्यात अवसरों को पता करने के लिए बीईएल और एडबल्यूईआईएल की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाना है।

श्री दिनेश कुमार बत्रा, तत्कालीन सीएमडी, बीईएल और श्री रविन कुलश्रेष्ठ, निदेशक (वित्त), एडब्ल्यूईआईएल ने श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) तथा बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के बीच हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया।

एडबल्यूआईएल के बारे में

एडबल्यूईआईएल, तत्कालीन आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के निगमीकरण द्वारा गठित सात रक्षा पीएसयू में से एक, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय के तहत भारत सरकार का उद्यम है। इसे कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत एक कंपनी के रूप में निगमित किया गया है जो छोटे हथियारों, मध्यम कैलिबर हथियारों, वायु रक्षा, आर्टिलरी गन सिस्टम्स, गोला-बारूद हार्डवेयर आदि जैसी रक्षा प्रणालियों की डिजाइन, विकास और निर्माण में लगी हुई है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो- ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है।

बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) तथा बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के बीच हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ें का आदान-प्रदान करते हुए श्री दिनेश कुमार बत्रा, तत्कालीन सीएमडी, बीईएल, और श्री रविन कुलश्रेष्ठ, निदेशक (वित्त), एडब्ल्यूईआईएल।

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बीईएल ने ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 17 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने फील्ड वायरलेस सिस्टम (एफडब्ल्यूएस) के क्षेत्र में सहयोग के लिए ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य फील्ड वायरलेस सिस्टम के क्षेत्र में व्यावसायिक संभावनाओं का लाभ लेना तथा बीईएल और ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है।

ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के बारे में

ट्रूकॉम सभी मिशन महत्वपूर्ण सूचना, संचार प्रणाली और दूरसंचार समाधान उपलब्ध कराती है।

श्रीमती रश्मि कथूरिया, जीएम (एससीसीएस / बीईएल-गाज़ियाबाद) और श्री संजीव दास, एमडी, ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

फोटो कैप्शन – श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए श्रीमती रश्मि कथूरिया, जीएम (एससीसीएस / बीईएल-गाज़ियाबाद), और श्री संजीव दास, एमडी, ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड।

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बीईएल ने सीएएसडीआईसी, डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने डिज़िटल रेडार वार्निंग रिसीवर की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट सिस्टम्स डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी), डीआरडीओ के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु लाइसेंसिंग करार (एलएटीओटी) पर हस्ताक्षर किया। यह अत्याधुनिक व नवीनतम, वायुवाहित इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति प्रणाली है जो घने संकेत परिस्थिति में लड़ाकू प्लेटफार्म को परिवर्तनशील परिस्थिति जागरूकता, उत्कृष्ट संवेदनशीलता, बेहतर प्राचल मापन की सटीकता और घने संकेत के समक्ष अवरोधन की उच्च संभाव्यता प्रदान करेगा।

एलएटीओटी से बीईएल भारतीय सशस्त्र बलों को डिज़िटल रेडार चेतावनी रिसीवर का निर्माण व आपूर्ति कर सकेगी। इसके द्वारा सीएएसडीआईसी इस उत्पाद के कामकाज से संबंधित आवश्यक डेटा के साथ बीईएल को गुणता आवश्वासन हेतु तकनीकी जानकारी, परीक्षण व अनुरक्षण की विधि के पूर्ण ब्यौरे अंतरित करेगा।

सीएएसडीआईसी, डीआरडीओ के बारे में

सीएएसडीआईसी डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रयोगशाला है जिसे लड़ाकू विमान की प्रणालियों और समाधान के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने आईआईटी मद्रास के साथ जेडीए पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने क्वान्टम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) के साथ एक संयुक्त विकास करार (जेडीए) पर हस्ताक्षर किया। यह जेडीए क्वान्टम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बीईएल और आईआईटीएम की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है।

आईआईटी – मद्रास के बारे में

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) को देश और विदेश दोनों में तकनीकी शिक्षा, मूलभूत व व्यावहारिक अनुसंधान, नवोन्मेष, उद्यमिता और औद्योगिक परामर्श में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति के संकाय सदस्य, अत्यधिक अभिप्रेरित और प्रतिभावान विद्यार्थियों, उत्कृष्ट तकनीकी और सहायक स्टाफ और प्रभावी प्रशासन, सभी ने आईआईटी मद्रास की इस ख्यातलब्ध दर्जे को स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। इस संस्थान को भारत के अव्वल दर्जे की इंजीनियरी विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। हाल ही में, आईआईटी मद्रास को प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा दिया गया है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने सीएचईएसएस, डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने मल्टी केडबल्यू बीम डायरेक्टेड ऑप्टिकल चैनल (बीडीओसी) के निर्माण के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशाला, सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेस (सीएचईएसएस) के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

“मल्टी किलो-वॉट बीम डायरेक्टिंग ऑप्टिकल चैनल” किसी भी लेज़र डीईडबल्यू प्रणाली के लिए प्रमुख घटक होता है। बीम डायरेक्टिंग ऑप्टिकल चैनल यथावत् रखे लैन्सों और दर्पणों की एक जटिल प्रणाली होती है जो उच्च शक्ति के लेज़र का संचालन करने में सक्षम होती है। यह लक्ष्य पर अत्यंत सटीक, फोकसित और स्थिरीकृत लेज़र बीम डालता है।

इस एलएटीओटी पर हस्ताक्षर करने से बीईएल अपनी पुणे स्थित अत्याधुनिक और नवीनतम निर्माणी सुविधा में “मल्टी किलो-वॉट बीम डायरेक्टिंग ऑप्टिकल चैनल” का निर्माण कर सकेगी जहां विभिन्न उच्च तकनीक और मिशन के लिए अत्यावश्यक ईओ और लेज़र प्रणालियों का निर्माण पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है।

सीएचईएसएस, डीआरडीओ के बारे में

सीएचईएसएस, डीआरडीओ उच्च ऊर्जा की शस्त्र प्रणालियों का विकास करता है। इसका प्रमुख ध्यान उच्च शक्ति के लेज़र सहित विभिन्न लेज़र पदार्थों, घटकों और लेज़र प्रणालियों का अनुसंधान और विकास करने पर है। इसने उच्च शक्ति की लेज़र प्रौद्योगिकी के आधार पर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम पहले ही विकसित कर उसकी आपूर्ति की है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ के निर्माण के लिए डीआरडीएल, आईआरडीई के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ (एलबीईजीएफ) का निर्माण करने के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशालाएं डीआरडीएल, हैदराबाद और आईआरडीई, देहरादून के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ मिसाइल की एक उप-प्रणाली होती है जिसका उपयोग वांछित टार्गेट का पता लगाने के लिए डिटोनेशन पल्स पैदा करने के लिए किया जाता है। यह लेज़र प्रोक्सिमिटी सेन्सर और एंड गेम प्रोसेसर की असेंबली है। लेज़र प्रोक्सिमिटी सेन्सर का प्रयोग टार्गेट रेंज और सेक्टर सूचना को मापन में किया जाता है जबकि एंड गेम प्रोसेसर ऐल्गोरिद्म का प्रयोग करते हुए एलपीएफ द्वारा दिए गए रेंज डेटा का संसाधन करता है और डिटोनेशन पल्स पैदा करता है।

इस एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किए जाने से बीईएल पुणे में स्थित अपनी अत्याधुनिक और नवीनतम सुविधा में एलबीईजीएफ का निर्माण कर सकेगी जहां विभिन्न उच्च स्तरीय और मिशन के लिए अत्यावश्यक ईओ और लेज़र प्रणालियों का निर्माण पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है।

डीआरडीएल, डीआरडीओ के बारे में

रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) देश की रक्षा के लिए आवश्यक अत्याधुनिक और नवीनतम मिसाइल प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों की डिज़ाइन और विकास करता है। डीआरडीएल मिसाइल और रणनीतिक प्रणालियों के लिए आवश्यक अनेक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है जिनमें एरोडायनेमिक्स और एयरफ्रेम डिज़ाइन, कंप्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स, सॉलिड, लिक्विड, रैमजेट और स्कैमजेट प्रोपल्शन, प्रिसीज़न फेब्रिकेशन, सिस्टम एनालिसिस और मिसाइल आधारित शस्त्र प्रणालियों के लिए कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं।

आईआरडीई, डीआरडीओ के बारे में

यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थापना (आईआरडीई) मुख्य रूप से रक्षा सेवाओं के लिए ऑप्टिकल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल यंत्रीकरण में अनुसंधान, डिज़ाइन, विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कार्य करती है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नालॉजीस फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने संवितरित ध्वनिक संवेदन के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य संवितरित ध्वनिक संवेदन की तकनीक विकसित करने के लिए बीईएल और आईआईटीएम की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाना है। इससे बीईएल और आईआईटीएम को परिधि सुरक्षा क्षेत्र में भविष्य के व्यवसाय की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।

आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के बारे में

आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत एक कंपनी है। प्रवर्तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) द्वारा विज्ञान, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई धारा 8 कंपनी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित हब, यह साइबर भौतिक प्रणाली के विज्ञान, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है