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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
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बीईएल का बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन भारतीय सेना में शामिल

बेंगलुरु/पुणे, 22 दिसंबर, 2021: डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित और नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की पुणे इकाई द्वारा निर्मित, अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहनों (एईआरवी) के पहले बैच को औपचारिक रूप से शामिल किया गया। 21 दिसंबर, 2021 को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, सेनाध्यक्ष द्वारा भारतीय सेना में।

श्री दिनेश बत्रा, निदेशक (वित्त), बीईएल की उपस्थिति में बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (बीईजी), पुणे में आयोजित एक समारोह में वाहनों को कोर ऑफ इंजीनियर्स में शामिल किया गया; लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, इंजीनियर-इन-चीफ; लेफ्टिनेंट जनरल जे एस नैन, एवीएसएम, एसएम, जीओसी-इन-सी, दक्षिणी कमान; मेजर जनरल संजय रेहानी, महानिदेशक (लड़ाकू इंजीनियर); ब्रिगेडियर संजय माथुर, वीएसएम, ब्रिगेडियर कॉम्ब इंजीनियरिंग (बी), और अन्य वरिष्ठ अधिकारी।

AERV 90% से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ BEL-पुणे द्वारा निर्मित है। यह एक बहुमुखी बीएमपी- आईआईके एम्फीबियस इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल (आईसीवी) है जो पानी की टोह लेने, भूमि टोही, नेविगेशन और डेटा बैकअप के लिए उपकरणों से सुसज्जित है। AERV यह निर्धारित करने के लिए नदी के किनारों पर मिट्टी की असर क्षमता को मापने में सक्षम है कि क्या वे गो-नो गो के आधार पर सैन्य वाहनों के लिए मोटर योग्य हैं (पुल बिछाने के लिए महत्वपूर्ण पैरामीटर), दिन और रात की स्थिति में सूखे और गीले अंतराल, ढलान और नदी के किनारे की ऊंचाई / नहरें। मिलिट्री ग्रिड को-ऑर्डिनेट सिस्टम का उपयोग करके सैन्य मानचित्रों के साथ एईआरवी को नेविगेट करना, नदियों/नहरों के पानी के नीचे के बेड और पानी की धाराओं को मापना और प्लॉट करना, आगे के विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए कंट्रोल कंसोल पर विभिन्न उपकरणों से डेटा स्टोर करना संभव है।

अगली पीढ़ी के AERV के शामिल होने से भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और यह आत्मानिर्भर भारत की यात्रा में एक मील का पत्थर है।

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बीईएल ने इंटीग्रेटेड एंटी-सबमैरीन वारफेर सिस्टम (आईएसी एमओडी ‘सी’) की आपूर्ति के लिए रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ रु. 250 करोड़ के संविदा पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु / नई दिल्ली, 22 जुलाई, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने कल नौ इंटीग्रेटेड एएसडबल्यू कॉमप्लेक्स (आईएसी) एमओडी ‘सी’ सिस्टमों की आपूर्ति के लिए, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ लगभग रु. 250 करोड़ मूल्य की संविदा पर हस्ताक्षर किया। आईएसी एमओडी ‘सी’ भारतीय नौसेना की सभी प्रकार के सतही जहाजों के लिए एक इंटीग्रेटेड एंटी-सबमैरीन वारफेर (एएसडबल्यू) सिस्टम है।

आईएसी एमओडी ‘सी’ फायर कंट्रोल समाधानों का परिगणन करता है और टॉरपीडो और रॉकेट जैसे एएसडबल्यू शस्त्रों की फायरिंग आसान बनाता है। इस फायर कंट्रोल सिस्टम को किसी भी वांछित प्लेटफार्म – छोटे जहाजों से लेकर बड़े जहाजों के विन्यास तक, की ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह सिस्टम डिकॉय लांचिंग प्रणाली द्वारा आने वाले टॉरपीडो के लिए काउंटर मीज़र क्षमता सुलभ बनाता है। आईएसी एमओडी ‘सी’ का स्वदेशी विकास बीईएल द्वारा माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच के अनुरूप, डीआरडीओ की सहायता से किया गया है।

बीईएल के बारे में – बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी और बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा खंड में सैन्य संचार, रेडार, मिसाइल सिस्टम, नौसैनिक सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेर एवं वैमानिकी, सी4आई सिस्टम, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिक्स और गन / शस्त्र सिस्टम के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में उत्पाद और सेवाएं प्रस्तुत करती है। बीईएल के गैर-रक्षा खंड में ईवीएम, होमलैंड सेक्योरिटी और स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण और अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सायबर सेक्योरिटी, सेवा साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर और मास्ट शामिल हैं।

चित्र परिचय – बीईएल और रक्षा मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित इंटीग्रेटेड एएसडबल्यू कॉमप्लेक्स (आईएसी) एमओडी ‘सी’ सिस्टम की संविदा श्री आर एस कुटियाल, अपर महाप्रबंधक (राष्ट्रीय विपणन-नेवी), बीईएल को सौंपते हुए कमोडोर नेल्सन डिसूजा, एनएम, पीडीडबल्यूई/एनएचक्यू।