BEL

समाचार

माननीय प्रधानमंत्री ने निम्मलूरु, आंध्र प्रदेश में बीईएल का उन्नत रात्रि दृष्टि उत्पाद कारखाना राष्ट्र को समर्पित किया गया

Product category :समाचार

Date : अक्टूबर 16, 2025


बेंगलूरु / निम्मलूरु, 16 अक्तूबर, 2025- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा लगभग 362 करोड़ रुपये के निवेश से आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के निम्मलूरु में स्थापित उन्नत रात्रि दृष्टि उत्पाद कारखाना राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू, आंध्र प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री एस अब्दुल नजीर और आंध्र प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री पवन कल्याण भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री मनोज जैन, सीएमडी, बीईएल और श्री जितेंद्र सिंह, महाप्रबंधक (डीसीसीएस), बीईएल भी उपस्थित थे। यह रक्षा उत्पादन सुविधा उन्नत इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणालियों, स्वदेशी रूप से विकसित मिसाइलों के लिए इन्फ्रारेड सीकर और विभिन्न प्रकार के ड्रोन रोधी प्रणालियों का निर्माण करते हुए, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को मजबूत करते हुए और क्षेत्र में कुशल रोजगार को बढ़ावा देते हुए भारतीय रक्षा बलों की रात्रि दर्शी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी। निम्मलूरु संयंत्र मुख्य रूप से इमेज इंटेंसीफायर, थर्मल इमेजिंग सिस्टम और अन्य इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल उत्पादों जैसे रात्रि दर्शी उपकरणों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करता है जो कम रोशनी और रात के समय में रक्षा बलों की निगरानी, टोही और लड़ाकू संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं। 50 एकड़ में फैले इस नई सुविधा को अत्याधुनिक विनिर्माण प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दक्ष सामग्री और जनशक्ति की आवाजाही और उद्योग 4.0 प्रौद्योगिकियों की प्रौद्योगिकियों के एकीकरण सहित सभी प्रमुख बातों का ध्यान रखा गया है, जो उत्पादकता में सुधार लाने, लीड टाइम कम करने और रात्रि दर्शी प्रणालियों के उत्पादन में उच्च गुणता सुनिश्चित करने पर लक्षित है। इसमें 5,800 वर्ग मीटर का एक स्वच्छ कक्ष क्षेत्र है, जो असेंबली के लिए प्रदूषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने और संवेदनशील ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक घटकों के परीक्षण की महत्वपूर्ण विशेषता है। यह विस्तार ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक्स में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनने, विशेष रूप से अगली पीढ़ी की नाइट विजन प्रौद्योगिकियों के विकास में बीईएल के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है जो आधुनिक रक्षा बलों के लिए आवश्यक हैं।