Product category :लोकेटिंग रेडार
लंबी परास की शस्त्र प्रणालियों के चलन तथा थल सेनाओं की आधुनिक व्यवस्था के चलते प्रचालन-क्षेत्रों का विस्तार दृश्य क्षमता से अधिक दूरीतक हो गया हे । युद्ध क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी डिवाइसें परिनियोजित करने से हमारी सेनाओं की सैन्य क्षमता में कई गुना बढोत्तरी और शस्त्र प्रणालियों की प्रमावकारिता अधिक से अधिक करने में मदद मिलेगी ।
शस्त्र अवस्थिति सूचक रडार (WLR) का अमिकल्प मूलतः शुत्रपक्ष की तोपें, मोर्टारों तथा रॉकेटों, जो हमारे प्रचालनो में हस्तक्षेप का कारण बने हुए हैं, की अवस्थिति जानने के अनुसार तैयार किया गया है। WLR अपनी दूसरी भूमिका के रूप मे अपनी स्वयं की स्थिति दुरूस्त करने के लिए अपने अस्त्रों से गिरने वाले गोले आदि का ट्रैक रखना व प्रेक्षण करने का कार्य करता है। विस्तीर्ण मोर्चे पर परिनियोजित तोपरवाने का बडा भाग, हवाई वस्तुओ के संचरण, मौसम और जमीनी शोरगुल के साथ, रडार स्क्रीन पर उच्च घनत्व के वापसी परि रोधी संकेत प्रस्तुत करता है। इन परिरोधी संकेतो का वारत्तकि समय में प्रक्रमण किया जाता है तथा अपना मिशन पूरा करने के लिए तोपचियो के लिए अपेक्षित जानकारी हासिल की जाती है।
अपेक्षित लक्ष्यों की तलाश, अवस्थिति और ट्रेकिंग का कार्य उन्नत श्रेणी की कलन विधि और आधुनिकतम हार्डवेयर द्वारा किया जाता है। अपने चारों ओर शत्रु पक्ष के शस्त्रों की अवस्थिति ज्ञात करने और लक्ष्य के पुनः परिनियोजन से पहले ही बदले की कार्रवाई करने हेतु जबाबी गोलावारी कर्ताओं को अपेक्षित लक्ष्य के आंकड़े संप्रेषित करना, रडार की एक मुख्य विशिष्टता है।
रडार में उत्कृष्ट साइड लोब स्तरों के साथ निश्चेष्ट फेस युक्त व्यूह (अरे) उपयोग किये जाते है। TATRA वाहन पर धारित रडार प्रणाली को समस्त प्रकार के भूभागों और मौसमी अवस्थाओं मे प्रचालन के अनुकूल तैयार किया गया है।
WLR रडार हउस LRDE (रक्षा अनसंधान एंव विकास संगठन DRDO) और भारत इलेट्रॉनिक्स द्वारा चलाई गई संयुक्त विकास परियोजना भारतीय सेना की लंबे समय से अनुभव की गई आवश्यकता की पूर्ति के लिए विकसित की गई है।