वर्तमान में, बीईएल की अनुसंधान एवं विकास इंजीनियरी जनशक्ति 2600 से अधिक है। बीईएल के डी एंड ई प्रभाग विभिन्न श्रेणियों की परियोजनाओं का कार्य करते हैं –
स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित उत्पादों से सृजित राजस्व वार्षिक राजस्व का लगभग 80% है। पिछले 5 वर्षों में वार्षिक अनुसंधान और विकास व्यय लगातार बीईएल की कुल बिक्री का 6.25 से 7.50% रहा है।
बीईएल की योजना अपने ग्राहकों की निरंतर विकसित आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ विविधीकरण के लिए आर एंड डी में निवेश करना जारी रखने की है। बीईएल भारत और दुनिया के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा और पेशेवर इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों, प्रणालियों और समाधानों को बनाने और वितरित करने में आत्मनिर्भर भारत को सक्षम बनाने के लिए आर एंड डी पहल का सहयोग करना जारी रखेगी।
बीईएल अनुसंधान एवं विकास प्रभागों के लिए आवश्यक दक्षताओं की पहचान करते हुए नियमित रूप से युवा इंजीनियरों की भर्ती करती है। इन इंजीनियरों के लिए नियोजन के बाद अंत:कार्य प्रशिक्षण और निरंतर सीखने की सुविधा प्रदान करने की योजनाएं हैं। अनुसंधान एवं विकास इंजीनियरों के बीच उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए कई मान्यता और पुरस्कार योजनाएं हैं।
बीईएल वर्ष दर वर्ष बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) से संबंधित कार्यकलापों को आगे बढ़ाती रही है। समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 161 पेटेंट स्वीकृत किए गए हैं। 31 मार्च 2024 तक, आईपीआर डेटा का सार इस प्रकार है –
बीईएल के अनुसंधान एवं विकास वैज्ञानिक/इंजीनियर प्रतिवर्ष प्रतिष्ठित सम्मेलनों / संगोष्ठियों / पत्रिकाओं में 70 से अधिक पत्र प्रस्तुत/प्रकाशित करते हैं।