बेंगलूरु, 15 फरवरी, 2023- यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित हो रहे द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 में नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारत की तीनों सेवाओं के लिए लोरा शस्त्र प्रणाली के देशीय निर्माण और आपूर्ति के लिए इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
इस अत्याधुनिक सामरिक शस्त्र प्रणाली हथियार का निर्माण आईएआई के साथ कार्य-भाजन व्यवस्था के आधार पर मुख्य ठेकेदार के रूप में बीईएल द्वारा किया जाएगा।
यह समझौता ज्ञापन उच्च प्रौद्योगिकी रणनीतिक रक्षा प्रणालियों के क्षेत्र में भारत और इज़राइल के बीच बढ़ती साझेदारी का परिणाम है, जो प्रमुख शस्त्र प्रणालियों के लिए भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है।
आईएआई के एमएएलएएम प्रभाग द्वारा विकसित, लोरा समुद्र से जमीन और जमीन से जमीन पर मार करने वाली प्रणाली है जिसमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, एक अद्वितीय लांचर, कमांड और नियंत्रण प्रणाली और जमीन/समुद्री समर्थन प्रणाली शामिल है। लोरा प्रणाली 10 मीटर सीईपी के परिशुद्ध स्तर के साथ कई रेंजों के लिए बैलिस्टिक हमले की क्षमता प्रदान करती है।
आईएआई के बारे में
इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) लिमिटेड इज़राइल की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रौद्योगिकी और नवाचार नेतृत्वकर्ता है जो वायु, अंतरिक्ष, समुद्र, भूमि, साइबर और गृहभूमि सुरक्षा के लिए उन्नत, अत्याधुनिक प्रणालियों के विकास और निर्माण में विशेषज्ञता रखती है। 1953 से, इस कंपनी ने दुनिया भर की सरकारों और वाणिज्यिक ग्राहकों को उन्नत प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान किए हैं जिसमें उपग्रह, मिसाइल, हथियार प्रणाली और युद्ध सामग्री, मानव रहित और रोबोटिक प्रणालियां, रेडार, सी4आईएसआर आदि शामिल हैं। आईएआई बिजनेस जेट की डिजाइन और निर्माण भी करती है।
लोरा को आईएआई के सिस्टम्स, मिसाइल्स एंड स्पेस ग्रुप में विकसित किया गया था। इस समूह का वायु-रक्षा प्रणालियों में लंबा रिकॉर्ड है जैसे ऐरो 2 और 3, बराक 8, मंडराती मिसाइलें और अनगिनत मिसाइल और उपग्रह प्रणालियां, जैसे प्रेक्षण उपग्रह, नैनो- उपग्रह, संचार उपग्रह (राष्ट्रीय संचार उपग्रह ड्रोर सहित)। इस समूह ने बेरेशीट अंतरिक्ष यान का भी सह-निर्माण किया है जिसने अपने पहले ही मिशन पर चंद्रमा की यात्रा की थी। आईएआई वायु रक्षा, रेडार, उपग्रह, मानव रहित वाहन, नागरिक विमानन और साइबर के लिए एक राष्ट्रीय और वैश्विक तकनीकी केंद्र है।
बीईएल के बारे में
नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।
बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके नवाचारी निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।
फोटो कैप्शन- श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और श्री योएल रोनेन, मुख्य विपणन अधिकारी, आईएआई, इज़राइल ने बीईएल और आईएआई, इज़राइल के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए।