BEL

प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल और एएआई ने स्वदेशी एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने के लिए करार किया

Product category :प्रेस विज्ञप्ति

Date : मार्च 24, 2022


हैदराबाद, 24 मार्च, 2022 - गैर-रक्षा क्षेत्र में अपने विविधीकरण अभियान और सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का प्रमुख प्रयास करते हुए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अपनी आर एंड डी पहत के तहत, विंग्स इंडिया-2022 में एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली और देश के विमानपत्तनों में विमानों की सतही आवाजाही जिनका अब तक आयात किया जा रहा था, के संयुक्त, स्वदेशी विकास के लिए करार किया है।

इस करार के तहत, बीईएल और एएआई उन्नत- सतही आवाजाही मार्गदर्शन एवं नियंत्रण प्रणाली (एएसएमजीसीएस) जो एक जटिल भू चौकसी प्रणाली है जो विमानों की उड़ान और उतराई के सुरक्षित प्रचालन के लिए विमानपत्तनों में एयर ट्रैफिक और भारतीय नागरी एयरस्पेस का प्रबंध करती है, के साथ सिविल एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) को संयुक्त रूप से विकसित करेंगे।

आज हैदराबाद में विंग्स इंडिया-2022 में श्री संजीव कुमार, अध्यक्ष, एएआई की उपस्थिति में इस करार पर बीईएल और एएआई की ओर से क्रमश: श्री एम वी राजशेखर, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और श्री एम सुरेश, सदस्य (एएनएस) ने हस्ताक्षर किए।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल के दो उद्देश्य अनेक विमानों में सुरक्षा और पृथक्करण सुनिश्चित करना और विमानपत्तन तथा भारतीय एयरस्पेस के प्रचालनों का प्रभावी प्रबंधन करना है। एएसएमजीसीएस विमानपत्तन में सर्व-मौसमी परिस्थितियों में सुरक्षित सतही आवाजाही बनाए रखने के उद्देश्य से, जमीन पर विमानों और वाहनों को रूटिंग, मार्गदर्शन और चौकसी सेवाएं प्रदान करता है।

एएसएमजीसीएस के साथ एटीएमएस का उद्देश्य प्राथमिक/द्वितीयक रेडार, ऑटोमेटिक डिपेंडेंट सर्वीलेंस-ब्रॉडकास्ट (एडीएस-बी), मल्टी-लैटरेशन सिस्टम (एमएलएटी) और नौचालन उपकरण जैसे जीपीएस, इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर) के साथ अंतर्क्रिया करते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को कवरेज क्षेत्र का संपूर्ण एयर ट्रैफिक चित्र प्रदान करना है। इसे एरोनॉटिकल फिक्सड टेलीकम्यूनिकेशन्स नेटवर्क (एएफटीएन), एयरपोर्ट ऑपरेशनल डेटाबेस (एओडीबी), एयरपोर्ट कोलेबोरेटिव डिसीज़न मेकिंग (एसीडीएम) और सेंट्रलाइज़्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (सीएटीएफएम) जैसी अनेक उप-प्रणालियों के साथ इंटरफेस भी किया जाता है। सैन्य विमानों सहित बड़े पैमाने के एयर ट्रैफिक की ज़रूरतों क पूरा करने के लिए इस सिस्टम का उपयोग संकुलित विमानपत्तनों और एयरस्पेसों में किया जा सकता है।

इस सिस्टम में संस्थागत रूप से विकसित अनेक प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के लिए सिचुएशन डिसप्ले, सर्वीलेंस डेटा प्रोसेसिंग (एसडीपी), फ्लाइट डेटा प्रोसेसिंग (एफडीपी), सेफ्टी नेट और डिसीजन सपोर्ट (एसएनईटी), कंट्रोल एंड मानीटरिंग डिसप्ले (सीएमडी), उन्नत एएसएमजीसीएस आदि। कंट्रोलर का कार्यभार कम करते हुए, एयर ट्रैफिक प्रवाह में सुधार करते हुए और उड़ानों की देरी कम करते हुए अधिक सुरक्षा के साथ यह क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। एटीएम संचालन को सुरक्षित बनाते हुए अतिरिक्त और संवितरित बनावट द्वारा वर्धित सिस्टम विश्वसनीयता और उपलब्धता प्रदान की जाती है।

श्री एम वी राजशेखर, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल ने करार पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा - “बीईएल विभिन्न गैर-रक्षा कारोबारी खंडों के लिए समाधान प्रस्तुत करने के अपने क्षेत्र को बढ़ाने का लगातार प्रयास करती आ रही है। एएआई के साथ यह करार भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बड़ा कदम है।  यह करार बीईएल और एएआई की पूरक शक्तियों और सक्षमताओं को बढ़ाने की ओर लक्षित है और इससे दोनों को विमानपत्तनों के आधुनिकीकरण के अवसरों का लाभ लेने का अवसर मिलेगा।”

श्री संजीव कुमार, अध्यक्ष एएआई ने कहा “एएआई अपने ग्राहकों को क्षमता और लागत-प्रभाव तथा पर्यावरण के अनुकूल सेवाओं को बढ़ाने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र / विमानपत्तनों पर कुशल और सक्षम एयर नेविगेशन सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है। एएआई विकासशील वैश्विक सेवा मानकों के साथ हवाई अड्डों में एटीएम प्रणाली का नियमित रूप से उन्नयन करता है। वर्तमान करार भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' मिशन के अनुपालन में व्यवस्थित, सक्षम और लागत-प्रभावी तरीके से अपने एएनएस अवसंरचना का उन्नयन के लिए एएआई की आर एंड डी नीति के अनुरूप है। इससे एएनएस अवसंरचना की खरीद के लिए एएआई की विदेशी निर्भरता कम होगी। मुझे विश्वास है कि यह भारतीय उड्डयन उद्योग में सहयोग का एक नया अध्याय साबित होगा।”

एएआई के बारे में

एएआई, नागरी उड्डयन मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है, जो 137 विमानपत्तनों का प्रबंधन करता है, जिसमें रक्षा हवाई क्षेत्र के 24 अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन (तीन अंतरराष्ट्रीय सिविल एन्क्लेव सहित), 10 सीमा शुल्क हवाई अड्डे (चार सीमा शुल्क सिविल एन्क्लेव सहित), 80 घरेलू विमानपत्तन और 23 घरेलू सिविल एन्क्लेव शामिल हैं। एएआई को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ संपूर्ण भारतीय नागरिक हवाई क्षेत्र और समुद्री क्षेत्रों में हवाई यातायात सेवाएं प्रदान करने के लिए सौंपा गया है, जिसमें विमान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी विमानपत्तन और अन्य स्थानों पर भूतल की स्थापना भी शामिल है।

बीईएल के बारे में

बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जिसके उत्पाद रक्षा कारोबार में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी एवं गन/शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में है। बीईएल के रक्षा-इतर कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन, गृहभूमि सुरक्षा एवं स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण एवं अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सायबर सुरक्षा, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर एवं मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।