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प्रेस विज्ञप्ति

दिल्ली मेट्रो ने रेड लाइन पर संचालन के लिए बीईएल के साथ संयुक्त रूप से विकसित भारत का पहला स्वदेशी विकसित सिग्नलिंग सिस्टम (आई-एटीएस) लॉन्च किया

Product category :प्रेस विज्ञप्ति

Date : फ़रवरी 18, 2023


नई दिल्ली/बेंगलूरु, 18 फरवरी, 2023- रेल आधारित जन पारगमन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास कार्य करते हुए दिल्ली मेट्रो ने आज अपने पहले कॉरिडोर, रेड लाइन (रिठाला से शहीद स्थल) में संचालन हेतु नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन नियंत्रण और पर्यवेक्षण प्रणाली आई-एटीएस (स्वदेशी - स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) आरंभ की। श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा श्री विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल, और डीएमआरसी और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी), शास्त्री पार्क से आज रेड लाइन पर आई-एटीएस प्रणाली औपचारिक रूप से शुरु की गई। यह सिग्नलिंग प्रणाली, पूरी तरह से स्थानीय रूप से बनाई गई है, जिसे मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के तहत बीईएल और डीएमआरसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। भारत दुनिया के कुछ देशों की विशिष्ट सूची में शामिल होने वाला छठा देश बन गया है, जिनके पास अपने स्वयं के एटीएस उत्पाद हैं। रेड लाइन से शुरुआत करते हुए, आई-एटीएस सिस्टम को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालन कॉरीडोर और चरण-4 परियोजना के आगामी स्वतंत्र कॉरीडरों पर भी संचालन के लिए तैयार किया जाएगा। आई-एटीएस का उपयोग करते हुए चरण 4 कॉरिडोर में निवारक रखरखाव मॉड्यूल भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा, आई-एटीएस का उपयोग भारतीय रेलवे सहित अन्य रेल आधारित प्रणालियों के संचालन में किया जा सकता है। उपयुक्त बदलावों के साथ विभिन्न सिग्नलिंग विक्रेताओं की प्रणालियों के साथ काम करने के लिए इस तकनीक को लचीलेपन के साथ विकसित किया गया है। आई-एटीएस का विकास मेट्रो रेलवे के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) आधारित सिग्नलिंग प्रणाली के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि एटीएस (स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) सीबीटीसी सिग्नलिंग प्रणाली की एक महत्वपूर्ण उप प्रणाली है। एटीएस एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है, जो ट्रेन संचालन का प्रबंधन करती है। मेट्रो जैसे उच्च ट्रेन घनत्व संचालन के लिए यह प्रणाली अनिवार्य है, जहां हर कुछ मिनटों में सेवाएं निर्धारित की जाती हैं। सीबीटीसी जैसी प्रौद्योगिकी प्रणालियाँ मुख्य रूप से विदेशों द्वारा नियंत्रित होती हैं। आई-एटीएस की तैनाती ऐसी तकनीकों से निपटने वाले विदेशी विक्रेताओं पर भारतीय महानगरों की निर्भरता को बहुत कम करेगी। भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहलों के तहत, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने सीबीटीसी प्रौद्योगिकी को स्वदेशी बनाने का फैसला किया था। एमओएचयूए के साथ, बीईएल, डीएमआरसी, आरडीएसओ और अन्य सहयोगी इस विकास का हिस्सा हैं। इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए बीईएल और डीएमआरसी ने नवंबर 2022 में एक एमओयू किया था। संचालन की प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए बीईएल और डीएमआरसी की एक समर्पित टीम मिलकर काम कर रही है। साइट की आवश्यकताओं का अनुकरण करने के लिए डीएमआरसी के आईटी पार्क में स्थापित एक पूर्ण विकसित आई-एटीएस लैब को अब सीबीटीसी के विकास के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। बीईएल और डीएमआरसी ने आत्मनिर्भर भारत के शासनादेश के तहत मेट्रो और रेल के लिए विभिन्न प्रणालियों के विकास में सक्रिय रूप से हाथ सहयोग किया है।  
फोटो शीर्षक - बीईएल और डीएमआरसी, आई-एटीएस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन नियंत्रण और पर्यवेक्षण प्रणाली, श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा श्री विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और डीएमआरसी और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आज औपचारिक रूप से लॉन्च करते हुए।