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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बीईएल के साथ 5,498 करोड़ रूपए के 10 संविदा पर हस्ताक्षर किए

Product category :समाचार

Date : मार्च 30, 2023


बेंगलूरु/नई दिल्ली, 30 मार्च, 2023: रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 5,498 करोड़ रूपए के 10 संविदा पर हस्ताक्षर किए हैं- यह संविदा वायु सेना परियोजनाएँ-ए) मध्यम लिफ्ट हेलीकॉप्टर (90) के लिए ईडबल्यू सूट उपकरण बीईएल-बेंगलूरु के साथ हस्ताक्षरित किया गया है। यह डीआरडीओ लैब, कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सिस्टम डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया गया है। इसमें रेडार वार्निंग रिसीवर (आरडब्ल्यूआर), मिसाइल चेतावनी प्रणाली (एमएडब्ल्यूएस) और काउंटर मेज़र डिस्पैसिंग सिस्टम (सीएमडीएस) शामिल हैं और यह आकाश प्रणाली के लिए काउंटर-ऑपरेशनल मिशन के साथ-साथ आकाश मिसाइल प्रणाली (एएमएस) एक मध्यम दूरी की, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है, जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित और बीईएल द्वारा विकसित किया गया है। एएमएस में निगरानी रेडार, फायर कंट्रोल रेडार, नियंत्रण और कमान केंद्र शामिल है। आकाश मिसाइल प्रणाली 30 किलोमीटर तक दूर तक विमानों को लक्षित कर सकती है और लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइलों और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों जैसे हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता रखती है। यह सी4आई के साथ पूरी तरह एकीकृत है और ईसीसीएम विशेषताओं से सुसज्जित है। सेना की परियोजनाः ए) स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रणाली (परियोजना आकाशतीर) पर बीईएल-गाजियाबाद के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं। यह भारतीय सेना के युद्धक क्षेत्रों में निचले स्तर के हवाई क्षेत्र की निगरानी करने और जमीन आधारित वायु रक्षा हथियार प्रणालियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सक्षम बनाएगा। बी) बीईएल-कोटद्वार के साथ टी 72 के लिए तुरंत आग का पता लगाने और सप्रेसिंग प्रणाली (आईएफडीएसएस) पर हस्ताक्षर किया गया है। आईएफडीएसएस डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया है और बीईएल-कोटद्वार द्वारा इसका निर्माण किया जाएगा। नौसेना परियोजनाः ए) सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर) (1265)-भारतीय नौसेना के लिए पोर्टेबल नवीनतम अत्याधुनिक रेडियो हैं जो डीईएएल (डीआरडीओ) और बीईएल द्वारा संयुक्त रूप से स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। एसडीआर पोर्टेबल तीन कॉन्फ़िगरेशन में विकसित किए गए हैं - भारतीय नौसेना की विशिष्ट परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एसडीआर मैनपैक, एसडीआर फिक्स्ड पैक और एसडीआर हैंड-हेल्ड। एसडीआर पोर्टेबल एक नई पीढ़ी का सॉफ्टवेयर है जो भारतीय नौसेना के नेटवर्क-केंद्रित युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवाज/डेटा के साथ मल्टी बैंड, मल्टी-चैनल, मल्टी रोल/मिशन ऑपरेशन का समर्थन करता है। ये रेडियो समृद्ध कॉम्पैक्ट रेडियो हैं जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का उपयोग करते हुए उसी हार्डवेयर पर भविष्य के तरंग रूपों के कार्यान्वयन द्वारा प्रदर्शन को बढ़ाने का लचीलापन प्रदान करते हैं. बी. एचडीवीएलएफ एचएफ रिसीवर (1178) एक संचार उपकरण है, जिसे भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों में वीएलएफ और एचएफ बैंड के संचालन में डेटा/आवाज को प्राप्त करने और डिमॉड्यूलेट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस उपकरण में उच्च श्रेणी के इनबिल्ट एन्क्रिप्शन के साथ उन्नत डीएसपी प्रौद्योगिकी शामिल है। इस अत्याधुनिक उपकरण के शामिल होने के साथ, नौसेना बलों को सुरक्षित और उच्च डेटा क्षमता के लिए आधुनिक बनाया जाएगा। इस उपकरण का उत्पादन बीईएल-पंचकूला द्वारा डिज़ाइन एजेंसी डीईएएल डीआरडीओ देहरादून से टीओटी के साथ किया जाएगा। सी) सारंग (12 नंबर) को भारतीय नौसेना के कामोव 31 हेलीकॉप्टरों में स्थापित किया जाएगा जो अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त रेडार उत्सर्जकों को रोकते हैं, उनका पता लगाते हैं और उनकी पहचान करते हैं। यह परियोजना स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई है और बीईएल-हैदराबाद द्वारा इसका निर्माण किया गया है। भारतीय नौसेना-आईएनएस-सीएमएस फॉर पी17 एंड 28 और ईडबल्यू सिस्टम के साथ तीन और परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये सभी प्रमुख परियोजनाएं हैं जो बीईएल के नेतृत्व में अन्य सरकारी क्षेत्रों, निजी क्षेत्रों और एमएसएमई को शामिल करते हुए भारतीय रक्षा उद्योग की स्वदेशी डिज़ाइन और विनिर्माण क्षमताओं को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं भारत सरकार की 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' और 'मेक इन इंडिया' पहल में एक और मील का पत्थर साबित होंगी।