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विप्स के अधिवेशन में महिलाओं को प्रगति का अनिवार्य प्रेरक माना गया

Product category :समाचार

Date : फ़रवरी 14, 2024


वुमन इन पब्लिक सेक्टर (विप्स) के 34 वें वार्षिक अधिवेशन में महिलाओं को प्रगति का अनिवार्य प्रेरक के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

इस वर्ष 12-13 फरवरी, 2024 को बेंगलूरु में आयोजित विप्स अधिवेशन का विषय “महिला– स्थायी विकास का भविष्य” था।

मैसूर की महारानी, महामहिम श्रीमती प्रमोदा देवी वडियार, ने अधिवेशन का उद्घाटन किया और विस्तार से बताया कि वर्षों के दौरान किस प्रकार सरकारी क्षेत्र के उद्यमों में महिलाओं की भूमिका में सर्वसमावेश और लिंग समानता के प्रति सकारात्मक परिवर्तन आया है। महिलाओं को मतदान करने और संपत्ति के अधिकार प्रदान करने की उनकी परिवार की विरासत पर उन्होंने गौरव व्यक्त किया।

श्री अतुल सोबती, स्कोप के महानिदेशक अधिवेशन के सम्माननीय अतिथि थे। विविध क्षेत्रों में कार्यरत 75,000 से अधिक महिला कार्यबल का प्रतिनिधित्व करने वाले उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए, उन्होंने भारत की जीडीपी और सामाजिक-आर्थिक विकास में महिलाओं के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की।

श्रीमती वर्षा एस राउत, अध्यक्ष, विप्स (एपेक्स) ने कहा – “महिलाएं अक्सर सहयोग, परानुभूति और दीर्घकालिक सोच को प्राथमिकता देते हुए समस्या-समाधान और निर्णय लेने की प्रक्रिया में अभिनव दृष्टिकोण लाती हैं।”

इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में देश भर के पीएसयू से लगभग 700 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम में स्थायी विकास लाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। महिलाओं को प्रगति का अनिवार्य प्रेरक मानते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा दिए गए बहुआयामी योगदान पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इस दो दिवसीय अधिवेशन में विभिन्न क्षेत्रों के विख्यात वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

विक्स (एपेक्स) तथा विप्स (दक्षिण क्षेत्र) के सदस्य मैसूर की महारानी, महामहिम श्रीमती प्रमोदा देवी वडियार और श्री अतुल सोबती, स्कोप के महानिदेशक के साथ विप्स की स्मारिका का लोकार्पण करते हुए। विप्स राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन।