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बीईएल ने लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ के निर्माण के लिए डीआरडीएल, आईआरडीई के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ (एलबीईजीएफ) का निर्माण करने के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशालाएं डीआरडीएल, हैदराबाद और आईआरडीई, देहरादून के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ मिसाइल की एक उप-प्रणाली होती है जिसका उपयोग वांछित टार्गेट का पता लगाने के लिए डिटोनेशन पल्स पैदा करने के लिए किया जाता है। यह लेज़र प्रोक्सिमिटी सेन्सर और एंड गेम प्रोसेसर की असेंबली है। लेज़र प्रोक्सिमिटी सेन्सर का प्रयोग टार्गेट रेंज और सेक्टर सूचना को मापन में किया जाता है जबकि एंड गेम प्रोसेसर ऐल्गोरिद्म का प्रयोग करते हुए एलपीएफ द्वारा दिए गए रेंज डेटा का संसाधन करता है और डिटोनेशन पल्स पैदा करता है।

इस एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किए जाने से बीईएल पुणे में स्थित अपनी अत्याधुनिक और नवीनतम सुविधा में एलबीईजीएफ का निर्माण कर सकेगी जहां विभिन्न उच्च स्तरीय और मिशन के लिए अत्यावश्यक ईओ और लेज़र प्रणालियों का निर्माण पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है।

डीआरडीएल, डीआरडीओ के बारे में

रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) देश की रक्षा के लिए आवश्यक अत्याधुनिक और नवीनतम मिसाइल प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों की डिज़ाइन और विकास करता है। डीआरडीएल मिसाइल और रणनीतिक प्रणालियों के लिए आवश्यक अनेक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है जिनमें एरोडायनेमिक्स और एयरफ्रेम डिज़ाइन, कंप्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स, सॉलिड, लिक्विड, रैमजेट और स्कैमजेट प्रोपल्शन, प्रिसीज़न फेब्रिकेशन, सिस्टम एनालिसिस और मिसाइल आधारित शस्त्र प्रणालियों के लिए कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं।

आईआरडीई, डीआरडीओ के बारे में

यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थापना (आईआरडीई) मुख्य रूप से रक्षा सेवाओं के लिए ऑप्टिकल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल यंत्रीकरण में अनुसंधान, डिज़ाइन, विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कार्य करती है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने सीएएसडीआईसी, डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने डिज़िटल रेडार वार्निंग रिसीवर की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट सिस्टम्स डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी), डीआरडीओ के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु लाइसेंसिंग करार (एलएटीओटी) पर हस्ताक्षर किया। यह अत्याधुनिक व नवीनतम, वायुवाहित इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति प्रणाली है जो घने संकेत परिस्थिति में लड़ाकू प्लेटफार्म को परिवर्तनशील परिस्थिति जागरूकता, उत्कृष्ट संवेदनशीलता, बेहतर प्राचल मापन की सटीकता और घने संकेत के समक्ष अवरोधन की उच्च संभाव्यता प्रदान करेगा।

एलएटीओटी से बीईएल भारतीय सशस्त्र बलों को डिज़िटल रेडार चेतावनी रिसीवर का निर्माण व आपूर्ति कर सकेगी। इसके द्वारा सीएएसडीआईसी इस उत्पाद के कामकाज से संबंधित आवश्यक डेटा के साथ बीईएल को गुणता आवश्वासन हेतु तकनीकी जानकारी, परीक्षण व अनुरक्षण की विधि के पूर्ण ब्यौरे अंतरित करेगा।

सीएएसडीआईसी, डीआरडीओ के बारे में

सीएएसडीआईसी डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रयोगशाला है जिसे लड़ाकू विमान की प्रणालियों और समाधान के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नालॉजीस फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने संवितरित ध्वनिक संवेदन के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य संवितरित ध्वनिक संवेदन की तकनीक विकसित करने के लिए बीईएल और आईआईटीएम की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाना है। इससे बीईएल और आईआईटीएम को परिधि सुरक्षा क्षेत्र में भविष्य के व्यवसाय की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।

आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के बारे में

आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत एक कंपनी है। प्रवर्तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) द्वारा विज्ञान, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई धारा 8 कंपनी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित हब, यह साइबर भौतिक प्रणाली के विज्ञान, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने आईआईटी मद्रास के साथ जेडीए पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने क्वान्टम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) के साथ एक संयुक्त विकास करार (जेडीए) पर हस्ताक्षर किया। यह जेडीए क्वान्टम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बीईएल और आईआईटीएम की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है।

आईआईटी – मद्रास के बारे में

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) को देश और विदेश दोनों में तकनीकी शिक्षा, मूलभूत व व्यावहारिक अनुसंधान, नवोन्मेष, उद्यमिता और औद्योगिक परामर्श में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति के संकाय सदस्य, अत्यधिक अभिप्रेरित और प्रतिभावान विद्यार्थियों, उत्कृष्ट तकनीकी और सहायक स्टाफ और प्रभावी प्रशासन, सभी ने आईआईटी मद्रास की इस ख्यातलब्ध दर्जे को स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। इस संस्थान को भारत के अव्वल दर्जे की इंजीनियरी विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। हाल ही में, आईआईटी मद्रास को प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा दिया गया है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने एचएसएल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 14 नवंबर, 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने अभिचिह्नित उत्पादों / प्रणालियों के संयुक्त विकास, विनिर्माण और उत्पाद उन्नयन करने के लिए तथा स्वदेशी रक्षा, गैर-रक्षा और निर्यात बाज़ारों के उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए रक्षा पीएसयू हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

एचएसएल के बारे में

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड रक्षा मंत्रालय के तहत एक अग्रणी जहाज निर्माण संगठन है जो जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत, पनडुब्बी निर्माण और मरम्मत के साथ-साथ अपतटीय और तटवर्ती संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण की जरूरतों को पूरा करता है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में, एचएसएल ने 1948 में अपने पहले जहाज, जल उषा के शुभारंभ के बाद से, 200 जहाजों के निर्माण और 2,000 जहाजों की मरम्मत को पूरा करने की दुर्लभ विशिष्टता अर्जित की है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहुउत्पाद, बहुप्रौद्योगिकी, बहुयूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैररक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बीरोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रोऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैररक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोलाबारूद, सीकर और मिसाइल, मानवरहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने स्पेसफेरिंग टेक्नालॉजीस प्रा. लि. के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 14 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने रक्षा और गैर-रक्षा अनुप्रयोगों के लिए फैब्रिक-आधारित रैडोम, शेल्टर, परिनियोजित किए जाने वाले स्पेस हैबिटाट, एरोस्टैट आदि के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग करने के लिए स्पेसफेरिंग टेक्नालॉजीस प्रा. लि. के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

यह एमओयू बीईएल स्पैसफेरिंग की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है। इससे दोनों कंपनियों को कार्मिकों तथा महत्वपूर्ण रक्षा परिसंपत्तियों, त्वरित परिनियोजनीय दाबरहित और दाबयुक्त रैडोम, अगली पीढ़ी के एरोस्टैट एयरबोर्न लंबी-दूरी की चौकसी प्लेटफार्म प्रणाली की सुरक्षा के लिए भारतीय रक्षा बलों और असैनिक ग्राहकों की विविध ज़रूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी।

स्पेसफेरिंग टेक्नालॉजीस प्रा. लि. के बारे में

स्पेसफेरिंग टेक्नालॉजीस प्रा. लि. महत्वपूर्ण रक्षा और अंतरिक्ष अन्वेषण अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न प्रकार के सॉफ्ट सामान या परिनियोजनीय/वायुयुक्त प्रणालियों की डिज़ाइन, विकास और उत्पादन में लगी बेंगलूरु से बाहर स्थित स्टार्ट-अप कंपनी है जिसका कार्य चरम परिवेशों के लिए उन्नत शेल्टर, दाबरहित और दाबयुक्त रैडोम, परिनियोजित किए जाने वाले स्पेस हैबिटाट, माइक्रोमीटियोरॉयड और ऑर्बिटल डेबरिस बैलिस्टिक शील्डिंग तक ही सीमित नहीं है।

स्पेसफेरिंग के पास असाधारण सॉफ्ट सामान और वायुयुक्त सामग्रियों की निर्माणी सक्षमताएं हैं जो रक्षा और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों की सख्त आवश्यकताओं को पूरी करती हैं। स्पेसफेरिंग और उसके कार्मिकों के पास नासा, इसरो, भारतीय थलसेना, भारतीय वायुसेना आदि में हार्डवेयर और साफ्टवेयर विकास कार्य करने का गहन अनुभव है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहुउत्पाद, बहुप्रौद्योगिकी, बहुयूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैररक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बीरोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रोऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैररक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोलाबारूद, सीकर और मिसाइल, मानवरहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने प्रोफेंस एलएलसी, यूएस के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 14 नवंबर नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने हल्के हथियारों के निर्माण और विपणन में सहयोग के लिए प्रोफेंस एलएलसी, यूएस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू का उद्देश्य बीईएल और प्रोफेंस एलएलसी की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है। इससे दोनों कंपनियों की वर्तमान और भावी बाजार की जरूरतों के लिए संयुक्त रूप से हल्के हथियार विकसित करने में मदद मिलेगी।

श्री मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक, बीईएल और श्री राज नायर, निदेशक, भारत और एपीएसी, प्रोफेंस एलएलसी ने श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), श्री रुधिरामूर्ति ए, जीएम (बीईएल-नवी मुंबई) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में एमओयू के हस्ताक्षरित दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया गया।

प्रोफेंस एलएलसी के बारे में

प्रोफेंस एक अग्रणी कंपनी है जिसे रक्षा हथियार प्रणालियों के निर्माण, सिस्टम एकीकरण और प्रशिक्षण के व्यवसाय में विशेषज्ञता प्राप्त है। प्रोफेन्स घरेलू और विदेशी उपयोग की हथियार प्रणालियों का निर्माण और समर्थन के लिए अमेरिका की विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ पंजीकृत है और इसके पास प्रत्यक्ष वाणिज्य या विदेशी सैन्य बिक्री के लिए आवश्यक नेशनल स्टॉक नंबर (एनएसएन) है। प्रोफेंस संयुक्त राज्य अमेरिका के फीनिक्स, एरिजोना में स्थित है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहुउत्पाद, बहुप्रौद्योगिकी, बहुयूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैररक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बीरोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रोऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैररक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने हथियार और गोलाबारूद, सीकर और मिसाइल, मानवरहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

फोटो कैप्शन श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), श्री रुधिरामूर्ति ए, जीएम (बीईएल-नवी मुंबई) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में एमओयू के हस्ताक्षरित दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए श्री मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक, बीईएल और श्री राज नायर, निदेशक, भारत और एपीएसी, प्रोफेंस एलएलसी ।

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बीईएल ने एसवीसी टेक वेंचर्स एलएलपी के साथ एमओयू किया

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बेंगलूरु, 14 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने हेवी ड्यूटी ब्लास्ट डोर्स के निर्माण और विपणन के लिए एसवीसी टेक वेंचर्स एलएलपी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

यह एमओयू बीईएल और एसवीसी टेक वेंचर्स एलएलपी की पारस्परिक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है। इससे दोनों कंपनियों को रक्षा संस्थापनाओं तथा राष्ट्रीय परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए नए और बेहतर हेवी ड्यूटी ब्लास्ट डोर्स की डिज़ाइन / विकास में साझेदारों के रूप में सहयोग करने में मदद मिलेगी।

एसवीसी टेक वेंचर्स एलएलपी के बारे में

एसवीसी टेक अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसी और सीएफईईएस, डीआरडीओ द्वारा प्रमाणित ब्लास्ट प्रूप डोर्स का विकास और स्वदेशी निर्माण करती है। रक्षा मंत्रालय की कुछ सुविधाएं जो देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, को ब्लास्ट प्रूफ डोर की ज़रूरत होती है जो अत्यावश्यक राष्ट्रीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा के लिए अत्यधिक दबाव और विखंडन प्रभाव को सहन कर सकते हैं। ऐसे ब्लास्ट प्रूफ डोरपेचीदा और बड़े होते हैं जिनका आकार 18 मीटर X 7.5 मीटर तक होता है और जिनका वजन 150 टन से भी अधिक हो सकता है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहुउत्पाद, बहुप्रौद्योगिकी, बहुयूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैररक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बीरोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रोऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैररक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोलाबारूद, सीकर और मिसाइल, मानवरहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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प्रेस विज्ञप्ति समाचार

बीईएल ने स्वच्छता पखवाड़ा मनाया

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नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) 1-15 दिसंबर, 2022 तक देश भर के सभी यूनिटों, एसबीयू और कार्यालयों में स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है बेंगलुरु स्थित बीईएल के कार्पोरेट कार्यालय में आज स्वच्छता पखवाड़ा समारोह की शुरुआत श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, सीएमडी, बीईएल और श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) के नेतृत्व में सभी कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता शपथ लेने के साथ हुई। कर्मचारियों को तीन भाषाओं-कन्नड़, हिंदी और अंग्रेजी में शपथ दिलाई गई। इसके बाद सफाई करने वाले कर्मचारियों के साथ एक मार्च-पास्ट किया गया, जिसमें “जीवन साफ करें, पृथ्वी को हरा-भरा बनाएं” और “स्वच्छता ईश्वरीय है।… आदि नारे लगाए गए

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प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल ने वाईआईएल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 14 नवंबर, 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारतीय रक्षा और निर्यात बाज़ारों की आवश्यकताओं को संयुक्त रूप से पूरा करने के लिए गोलाबारुद हार्डवेयर और मिलिटरी ग्रेड कंपोनेंट्स के क्षेत्र में सहयोग के लिए रक्षा पीएसयू यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

इस एमओयू का उद्देश्य बीईएल और वाईआईएल की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना और हथियारों और गोला-बारूद और संबंधित प्रणालियों के उत्पादन के लिए विनिर्माण और परीक्षण बुनियादी ढांचे / संसाधनों को साझा करना है ।

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), जो वर्तमान में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक और निदेशक (विपणन), बीईएल के पद धारित करते हैं और श्री एस के यादव, निदेशक (प्रचालन), वाईआईएल ने श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), श्री जी सूर्यनारायण मूर्ति, जीएम (बीईएल-पुणे) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एमओयू के हस्ताक्षरित दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया।

वाईआईएल के बारे में

यंत्र इंडिया लिमिटेड भारत सरकार के स्वामित्व वाली रक्षा कंपनी है, जिसे 2021 में आयुध निर्माणियों को अनेक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में पुन:संरचित कर और निगमित कर स्थापित किया गया था। वाईआईएल की उत्पादन सुविधाएं आठ स्थानों पर हैं और यह मुख्य रूप से छोटे से उच्च क्षमता वाले गोला-बारूद, रॉकेट, बम, फ़्यूज़ आदि के लिए हार्डवेयर के निर्माण के लिए आवश्यक विशेष घटकों और उपकरणों का निर्माण करती हैं। यह विशेष ग्रेड स्टील और एल्यूमीनियम मिश्र धातु फोर्जिंग / कास्टिंग / एक्सट्रूज़न आदि का भी उत्पादन करती है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहुउत्पाद, बहुप्रौद्योगिकी, बहुयूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैररक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बीरोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रोऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैररक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोलाबारूद, सीकर और मिसाइल, मानवरहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।