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कोटा संगोष्ठी में बीईएल ने एमएसएमई के साथ साझेदारी का उत्सव मनाया

कोटा, 12 सितंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने 11 और 12 सितंबर, 2022 को दशहरा मैदान, कोटा, राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय रक्षा एमएसएमई संगोष्ठी और प्रदर्शनी में भाग लिया जिसे सोसायटी ऑफ इंडियन मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के सहयोग से रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है। इस संगोष्ठी में भारतीय रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित किया गया जिसने सशक्त बलों को सशक्त बनाया और विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

बीईएल ने स्वदेशीकरण के अपने प्रयासों को प्रदर्शित किया और इस मंच में एमएसएमई के साथ अपनी साझेदारी का उत्सव मनाया। माननीय लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला ने इस संगोष्ठी का उद्घाटन किया। श्री अजय भट्ट, माननीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री और श्री संजय जाजू, अपर सचिव (रक्षा उत्पादन) एवं सीईओ, डिफेंस इन्नोवेशन ऑर्गेनाइज़ेशन (डीआईओ), रक्षा मंत्रालय ने संगोष्ठी का दौरा किया, स्वदेशीकरण में बीईएल के प्रयासों को देखा और आत्मनिर्भर भारत तथा मेक इन इंडिया के समर्थन में एमएसएमई को शामिल करने के लिए बीईएल की सराहना की। संगोष्ठी में बीईएल की टीम का नेतृत्व श्री मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक (राष्ट्रीय विपणन) और श्री मनोज जैन, ओएसडी ने किया।

बीईएल के अधिकारियों ने स्थानीय एमएसएमई उद्यमियों के साथ बातचीत जो बीईएल के साथ साझेदारी करने के उत्सुक थे। उन्हें विक्रेता पंजीकरण की प्रक्रिया और एमएसएमई के लिए उपलब्ध स्वदेशीकरण के अवसरों के बारे में समझाया गया। आवश्यकताओं को समझाने और बीईएल में उपलब्ध सुविधाओं को देखने के लिए, एमएसएमई पूर्तिकर्ताओं को देश भर में स्थित बीईएल के कारखानों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया गया। इसके बाद बीईएल के साथ उनकी साझेदारी सुकर बनाने के लिए बीईएल के अधिकारी एमएसएमई पूर्तिकर्ताओं के स्थलों का दौरा करेंगे।

इस संगोष्ठी में विद्यार्थियों, रक्षा क्षेत्र में रुचि रखने वाले व्यक्तियों और आम जनता ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।

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बीईएल ने इंटीग्रेटेड एंटी-सबमैरीन वारफेर सिस्टम (आईएसी एमओडी ‘सी’) की आपूर्ति के लिए रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ रु. 250 करोड़ के संविदा पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु / नई दिल्ली, 22 जुलाई, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने कल नौ इंटीग्रेटेड एएसडबल्यू कॉमप्लेक्स (आईएसी) एमओडी ‘सी’ सिस्टमों की आपूर्ति के लिए, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ लगभग रु. 250 करोड़ मूल्य की संविदा पर हस्ताक्षर किया। आईएसी एमओडी ‘सी’ भारतीय नौसेना की सभी प्रकार के सतही जहाजों के लिए एक इंटीग्रेटेड एंटी-सबमैरीन वारफेर (एएसडबल्यू) सिस्टम है।

आईएसी एमओडी ‘सी’ फायर कंट्रोल समाधानों का परिगणन करता है और टॉरपीडो और रॉकेट जैसे एएसडबल्यू शस्त्रों की फायरिंग आसान बनाता है। इस फायर कंट्रोल सिस्टम को किसी भी वांछित प्लेटफार्म – छोटे जहाजों से लेकर बड़े जहाजों के विन्यास तक, की ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह सिस्टम डिकॉय लांचिंग प्रणाली द्वारा आने वाले टॉरपीडो के लिए काउंटर मीज़र क्षमता सुलभ बनाता है। आईएसी एमओडी ‘सी’ का स्वदेशी विकास बीईएल द्वारा माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच के अनुरूप, डीआरडीओ की सहायता से किया गया है।

बीईएल के बारे में – बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी और बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा खंड में सैन्य संचार, रेडार, मिसाइल सिस्टम, नौसैनिक सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेर एवं वैमानिकी, सी4आई सिस्टम, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिक्स और गन / शस्त्र सिस्टम के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में उत्पाद और सेवाएं प्रस्तुत करती है। बीईएल के गैर-रक्षा खंड में ईवीएम, होमलैंड सेक्योरिटी और स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण और अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सायबर सेक्योरिटी, सेवा साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर और मास्ट शामिल हैं।

चित्र परिचय – बीईएल और रक्षा मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित इंटीग्रेटेड एएसडबल्यू कॉमप्लेक्स (आईएसी) एमओडी ‘सी’ सिस्टम की संविदा श्री आर एस कुटियाल, अपर महाप्रबंधक (राष्ट्रीय विपणन-नेवी), बीईएल को सौंपते हुए कमोडोर नेल्सन डिसूजा, एनएम, पीडीडबल्यूई/एनएचक्यू।

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बीईएल ने 8वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया

रक्षा पीएसयू, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने आज वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बीईएल की यूनिटों और कार्यालयों में बड़े पैमाने पर 8वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने योग गुरुओं के नेतृत्व में प्रातः काल योग सत्रों में बड़ी संख्या में भाग लिया।

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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड पांचवी पीढ़ी के एएमसीए पर एडीई और एडीए के साथ मिलकर काम करेगा।

इस वर्ष के आरंभ में एडीई में एक नई उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) एकीकरण सुविधा का निर्माण किया गया था। यह सुविधा एएमसीए के लिए एवियोनिक्स और एफसीएस विकसित करने हेतु अनुसंधान एवं विकास संबंधी कार्यकलापों में मदद करेगी। (एक्सप्रेस फाइल फोटो) रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के विकास पर एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एडीई) और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के साथ मिलकर काम करेगी।

“हम एएमसीए की महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के विकास के लिए एडीई और एडीए के साथ मिलकर काम करेंगे। बीईएल इस कार्यक्रम में लगी हुई है। हमें किसी भी देश द्वारा डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) नहीं दिए जाएंगे। एएमसीए के विकास में कुछ समय लगेगा। कई परीक्षण किए जाएंगे। हम डीएफसीसी के विकास को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दे सकते हैं। “बीईएल के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। एएमसीए स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू है और ये विनिर्देश गोपनीयता, आंतरिक हथियार, सुपर क्रूज, सर्पीन एयर इनटेक आदि जैसी विशेषताओं के साथ पांचवीं पीढ़ी की विमान प्रौद्योगिकी के अनुरूप हैं।

इस वर्ष मार्च में, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एएमसीए कार्यक्रम ने प्रारंभिक डिज़ाइन चरण पूरा कर लिया है और विस्तृत डिज़ाइन चरण की शुरुआत की गई है। इन प्रोटोटाइप का निर्माण डीआरडीओ, एचएएल और निजी खिलाड़ियों को शामिल करते हुए एसपीवी मॉडल के माध्यम से करने की योजना है। इस वर्ष की शुरुआत में एडीई में एक नई उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) एकीकरण सुविधा का निर्माण किया गया था। यह सुविधा एविओनिक्स और एफ़सीएस के विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) कार्यों में मदद करेगी।

दिसंबर 2021 में, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके 1ए प्रोग्राम को हाथ में एक शॉट मिला क्योंकि बीईएल को लड़ाकू विमान पर फिट करने के लिए 20 प्रकार के एयरबोर्न इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के निर्माण और आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 2,400 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला। 2023 से 2028 तक के पांच वर्षों के आदेश में डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटरों, एयर डेटा कंप्यूटरों, वेपन कंप्यूटरों, रडार चेतावनी रिसीवर (आरडब्ल्यूआर) और हेड अप डिस्प्ले से संबंधित एलआरयू की आपूर्ति शामिल है।

एलआरयू को एडीए, एडीई, कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सिस्टम डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी) और केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया गया है।

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बीईएल सुर्खियों में

रक्षा मंत्री ने बीईएल के ए.आई.-सक्षम वॉइस एनालिसिस सॉफ्टवेयर (एआईवीएएस) का शुभारंभ किया बीईएल को ‘रक्षा निर्यात’ पुरस्कार मिला

बेंगलूरु/नई दिल्ली, 12 जुलाई, 2022– माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के उपलक्ष्य में दिनांक 11 जुलाई, 2022 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा आयोजित पहली एआई इन डिफेंस (AIDef) संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के एआई-सक्षम वॉइस एनालिसिस सॉफ्टवेयर (एआईवीएस) सहित 75 नव विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उत्पादों/समाधानों का शुभारंभ किया।    

श्रीमती आनंदी रामलिंगम, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने ‘रक्षा निर्यात रत्न’ पुरस्कार (सरकारी क्षेत्र वर्ग) प्राप्त किया, जिसे हाल के वर्षों (2021-22) में सर्वोच्च रक्षा निर्यात प्राप्त प्राप्त करने के लिए बीईएल को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार 2025 तक रु. 35,000 करोड़ का रक्षा निर्यात प्राप्त करने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय के वीजन के अनुरूप स्थापित किया गया है।

प्रदर्शनी में बीईएल के सॉफ्टवेयर एसबीयू और केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला-बेंगलूरु द्वारा विकसित एआईवीएएस माननीय रक्षा मंत्री को दिखाया गया। एआईवीएएस विभिन्न संचार चैनलों के माध्यम से अंतःखंडित ध्वनि संदेशों का विश्लेषण करने में खुफिया एजेंसियों की मदद करता है। उत्पाद की प्रमुख विशेषताओं में वॉइस एक्टिविटी डिटेक्शन, वक्ता की पहचान, भाषा की पहचान, की वर्ड स्पोटिंग, स्पीच कन्वर्शन, स्पीच एन्हांसमेंट, ऑडियो एडिटिंग, बोली पहचान और स्पीकर डायराइज़ेशन शामिल है।

एआईवीएएस को बाज़ार में प्रस्तुत करने के अलावा, बीईएल के सॉफ्टवेयर एसबीयू, केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला-बेंगलूरु और केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला-गाज़ियाबाद द्वारा विकसित उत्पाद / समाधान जिनका शुभारंभ / प्रदर्शन इस कार्यक्रम में किया गया उनमें एएनएएनटी (एडवर्सरी नेटवर्क एनालिसिस टूल), एफएनडी-एसएमए (सोशल मीडिया एनालिटिक्स के अंतर्गत फेक न्यूज डिटेक्टर), पीडीएम (प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस), फॉरसेवा (फोरेंसिक सर्च एंड वीडियो एनालिसिस), जीआरएआईपीएस (पेरीमीटर सुरक्षा के लिए एआई का उपयोग करते हुए जेस्चर रिकॉग्नीशन), आरएडीओसी (रेडार ऑडियो डॉपलर-आधारित ऑब्जेक्ट क्लासिफिकेशन), सीटीएनओए (एआई का उपयोग करते हुए नौसेना की वस्तुओं का वर्गीकरण और ट्रैकिंग), यूवी-कैट (कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए अनधिकृत वाहन पकड़ना), डब्ल्यूएएनएआरए (एआई का उपयोग करके जंगली जानवरों की पहचान), बीसीआईडीएम (ब्लॉक चेन आधारित इंटर ऑर्गनाइजेशन आइडेंटिटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म), एसएसपीआई (सैटेलाइट पैनक्रोमैटिक इमेज का सेगमेंटेशन), शत्रु विमान गतिविधि और योजना पहचान, समुद्री क्षेत्र के लिए एआई आधारित विसंगति की पहचान, प्लेटफॉर्म सेंसर ग्रिड – एआई आधारित सेंसर डेटा डैश बोर्ड समाधान, पीडीएम-डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल उपकरण का एआई-आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव), एमआईसीई (मल्टीमीडिया सूचना और सामग्री निष्कर्षण), एआई सक्षम अनुकूली यातायात अनुकूलन समाधान (एआईएटीसीएस) और पीआरओसीए (एआई का उपयोग करते हुए ऑब्जेक्ट वर्गीकरण द्वारा निष्क्रिय रेंजिंग) शामिल हैं।

कार्यक्रम में लांच किए गए एआईवीएएस सहित दोहरे उपयोग वाले एप्लिकेशन और बाज़ार की अच्छी संभावना वाले कुछ एआई उत्पादों से रक्षा पीएसयू के लिए नए व्यावसायिक रास्ते खुलेंगे।

फोटो कैप्शन –

  1. बीईएल द्वारा विकसित एआई-सक्षम वॉइस एनालिसिसि सॉफ्टवेयर (एआईवीएएस) का लांच करते हुए माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह।
  2. माननीय रक्षा मंत्री से हाल के वर्षों (2021-22) में सर्वोच्च रक्षा निर्यात प्राप्त प्राप्त करने के लिए ‘रक्षा निर्यात रत्न’ पुरस्कार (सरकारी क्षेत्र वर्ग) प्राप्त करते हुए श्रीमती आनंदी रामलिंगम, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, बीईएल।
  3. माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह को बीईएल के अधिकारी एआईवीएएस पर प्रस्तुतीकरण देते हुए।
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रक्षा मंत्री ने बीईएल के ए.आई.-सक्षम वॉइस एनालिसिस सॉफ्टवेयर (एआईवीएएस) का शुभारंभ किया बीईएल को ‘रक्षा निर्यात’ पुरस्कार मिला

बेंगलूरु/नई दिल्ली, 12 जुलाई, 2022– माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के उपलक्ष्य में दिनांक 11 जुलाई, 2022 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय (एमओडी) द्वारा आयोजित पहली एआई इन डिफेंस (AIDef) संगोष्ठी और प्रदर्शनी के दौरान नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के एआई-सक्षम वॉइस एनालिसिस सॉफ्टवेयर (एआईवीएस) सहित 75 नव विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उत्पादों/समाधानों का शुभारंभ किया।    

श्रीमती आनंदी रामलिंगम, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने ‘रक्षा निर्यात रत्न’ पुरस्कार (सरकारी क्षेत्र वर्ग) प्राप्त किया, जिसे हाल के वर्षों (2021-22) में सर्वोच्च रक्षा निर्यात प्राप्त प्राप्त करने के लिए बीईएल को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार 2025 तक रु. 35,000 करोड़ का रक्षा निर्यात प्राप्त करने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय के वीजन के अनुरूप स्थापित किया गया है।

प्रदर्शनी में बीईएल के सॉफ्टवेयर एसबीयू और केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला-बेंगलूरु द्वारा विकसित एआईवीएएस माननीय रक्षा मंत्री को दिखाया गया। एआईवीएएस विभिन्न संचार चैनलों के माध्यम से अंतःखंडित ध्वनि संदेशों का विश्लेषण करने में खुफिया एजेंसियों की मदद करता है। उत्पाद की प्रमुख विशेषताओं में वॉइस एक्टिविटी डिटेक्शन, वक्ता की पहचान, भाषा की पहचान, की वर्ड स्पोटिंग, स्पीच कन्वर्शन, स्पीच एन्हांसमेंट, ऑडियो एडिटिंग, बोली पहचान और स्पीकर डायराइज़ेशन शामिल है।

एआईवीएएस को बाज़ार में प्रस्तुत करने के अलावा, बीईएल के सॉफ्टवेयर एसबीयू, केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला-बेंगलूरु और केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला-गाज़ियाबाद द्वारा विकसित उत्पाद / समाधान जिनका शुभारंभ / प्रदर्शन इस कार्यक्रम में किया गया उनमें एएनएएनटी (एडवर्सरी नेटवर्क एनालिसिस टूल), एफएनडी-एसएमए (सोशल मीडिया एनालिटिक्स के अंतर्गत फेक न्यूज डिटेक्टर), पीडीएम (प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस), फॉरसेवा (फोरेंसिक सर्च एंड वीडियो एनालिसिस), जीआरएआईपीएस (पेरीमीटर सुरक्षा के लिए एआई का उपयोग करते हुए जेस्चर रिकॉग्नीशन), आरएडीओसी (रेडार ऑडियो डॉपलर-आधारित ऑब्जेक्ट क्लासिफिकेशन), सीटीएनओए (एआई का उपयोग करते हुए नौसेना की वस्तुओं का वर्गीकरण और ट्रैकिंग), यूवी-कैट (कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए अनधिकृत वाहन पकड़ना), डब्ल्यूएएनएआरए (एआई का उपयोग करके जंगली जानवरों की पहचान), बीसीआईडीएम (ब्लॉक चेन आधारित इंटर ऑर्गनाइजेशन आइडेंटिटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म), एसएसपीआई (सैटेलाइट पैनक्रोमैटिक इमेज का सेगमेंटेशन), शत्रु विमान गतिविधि और योजना पहचान, समुद्री क्षेत्र के लिए एआई आधारित विसंगति की पहचान, प्लेटफॉर्म सेंसर ग्रिड – एआई आधारित सेंसर डेटा डैश बोर्ड समाधान, पीडीएम-डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल उपकरण का एआई-आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव), एमआईसीई (मल्टीमीडिया सूचना और सामग्री निष्कर्षण), एआई सक्षम अनुकूली यातायात अनुकूलन समाधान (एआईएटीसीएस) और पीआरओसीए (एआई का उपयोग करते हुए ऑब्जेक्ट वर्गीकरण द्वारा निष्क्रिय रेंजिंग) शामिल हैं।

कार्यक्रम में लांच किए गए एआईवीएएस सहित दोहरे उपयोग वाले एप्लिकेशन और बाज़ार की अच्छी संभावना वाले कुछ एआई उत्पादों से रक्षा पीएसयू के लिए नए व्यावसायिक रास्ते खुलेंगे।

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श्री दिनेश कुमार बत्रा, सीएमडी एवं निदेशक (वित्त) बीईएल ने ‘इन्नोवेटिव सीएफओ ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार जीता

बेंगलूरु / मुंबई29 सितंबर, 2022 नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक और निदेशक (वित्त) एंड सीएफओ श्री दिनेश कुमार बत्रा को आज मुंबई में आयोजित “द बिज़नेस लीडरशिप अवार्ड” के दूसरे संस्करण में “इन्नोवेटिव सीएफओ अवार्ड” प्रदान किया गया। श्री दिनेश कुमार बत्रा ने बॉलीवुड अभिनेत्री उदिता गोस्वामी से यह पुरस्कार प्राप्त किया।

श्री दिनेश कुमार बत्रा ने बीईएल में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  कंपनी में उनके सबसे उल्लेखनीय योगदान में शेयरधारकों की संपत्ति में वृद्धि, बीईएल को 80,000 करोड़ रुपये (सीएफओ के रूप में कार्यभार संभालने के समय 24,000 करोड़ रुपये से) के ऐतिहासिक बाजार पूंजीकरण के आंकड़े को पार करने वाला पहला रक्षा सार्वजनिक उपक्रम बनाना और अब तक के सर्वाधिक 450% लाभांश की घोषणा शामिल है। उन्होंने कंपनी की प्राधिकृत पूंजी को तीन गुना बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये करने और 2:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने के लिए मंडल, प्रशासनिक मंत्रालय और शेयरधारकों की मंजूरी को सुकर बनाया।

वैश्विक महामारी, दुनिया भर में सेमीकंडक्टरों की कमी और कड़ी प्रतिस्पर्धा से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, श्री बत्रा के नेतृत्व में, बीईएल ने वित्त वर्ष 2022 में अब तक का सर्वोच्च 15,044 करोड़ रुपये का कुल कारोबार हासिल किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9% की वृद्धि है। इसके कारण हितधारकों का विश्वास बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप सभी निर्माणी पीएसयू में बीईएल के शेयर मूल्य का उच्चतम पीई अनुपात 29 हुआ।

श्री बत्रा ने आंतरिक उपार्जन से कार्यशील पूंजी की आवश्यकता और नई पूंजी अवसंरचना निवेश की आवश्यकता का प्रबंधन किया और बीईएल को ऋण-मुक्त रखा। उन्होंने प्रचालन से अब तक की सर्वोच्च नकदी प्राप्ति हासिल करने के लिए देनदारों के प्रबंधन के लिए बुनियादी सुधार लाए। कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए उन्होंने बीईएल में क्रांतिकारी पहल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  सीएफओ के रूप में, श्री बत्रा का लक्ष्य टॉपलाइन में 15 से 17% की वृद्धि सुनिश्चित करना रहा। उन्होंने कई गैर-रक्षा क्षेत्रों में बीईएल के विविधीकरण का समर्थन किया और अवसंरचना, जनशक्ति और प्रौद्योगिकी में निवेश के लिए निधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की।

श्री बत्रा नियमित रूप से हितधारकों के साथ भी बातचीत करते हैं और उन्होंने कारोबार में परिवर्तन लाने के लिए टीमों, संरचना और रणनीतियों को विकसित किया। उन्होंने बाजार पूंजीकरण के आधार पर देश की शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों में बीईएल को 79वें स्थान पर पहुँचाने में मदद की।

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पहली तिमाही के परिणाम – बीईएल ने कुल कारोबार (वर्ष-दर-वर्ष) में 96%

नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान रु. 3063.58 करोड़ का कुल कारोबार हासिल किया जो पिछले वर्ष की संबंधित अवधि में रु. 1564.34 करोड़ था।

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान कर पूर्व लाभ (पीबीटी) रु. 578.10 करोड़ था जो पिछले वर्ष की संबंधित अवधि में रु. 15.17 करोड़ था।

वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान कर पश्चात् लाभ (पीएटी) रु. 431.49 करोड़ था जो पिछले वर्ष की संबंधित अवधि में रु. 11.15 करोड़ था।

1 जुलाई, 2022 को कंपनी की आदेश बही रु. 55333 करोड़ की है।

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ब्रेकिंग-बीईएल 20 आर्चर यूएवी का निर्माण करेगी

डीआरडीओ का रुस्तम यूएवी कार्यक्रम भारतीय सशस्त्र बलों को उन्नत यूएवी प्रौद्योगिकी से सुसज्जित करने का एक प्रयास है जो न केवल आईएसआर मिशन को पूरा कर सकता है बल्कि युद्ध मिशन भी ले सकता है। इस कार्यक्रम को दो अलग-अलग प्रोग्रामों या उत्पादों में विभाजित नहीं किया गया है जिसमें एलआरयू और ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन सहित प्लेटफार्मों के बीच बहुत सी समानता है। लाइन प्रतिस्थापन यूनिट (एलआरयू) मॉड्यूलर घटक हैं और आमतौर पर एक विमान की सील यूनिट होती हैं, जिन्हें बहुत ही विशेष उपकरणों का उपयोग किए बिना कम समय में बदलने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसका मतलब है कि विमान जल्दी से सेवा में वापस आ सकता है, जबकि विफल एलआरयू का परीक्षण और मरम्मत की जा रही है। रुस्तम कार्यक्रम का पहला स्पिन-ऑफ तापास-बीएच 201 है और दूसरा आर्चर एसआरयूएवी है। एक ही ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन दोनों यूएवी का संचालन कर सकता है। तापा का विकास आईएसआर मिशनों के लिए किया जा रहा है लेकिन यह डिजाइन द्वारा लड़ाकू पेलोड का समर्थन करता है। सशस्त्र बलों में कुल 76 तापास ड्रोन शामिल किए जाएंगे-थल सेना, वायु सेना, 12 और नौसेना, चार। एचएएल की पहचान पहले 5 तापास के लिए विनिर्माण फर्म के रूप में की गई है जो अगले साल अप्रैल तक चरणबद्ध मानव के रूप में वितरित किए जाएंगे। पहले पांच तापास ड्रोनों के लिए उड़ान नियंत्रण प्रणाली, एवियोनिक्स और डेटा से जुड़ी प्रणाली तैयार है। जैसे ही एयरफ्रेम तैयार होता है, इन प्रणालियों को तुरंत असेंबल किया जा सकता है। तापास ने हाल ही में 27,500 फीट की उड़ान ऊंचाई और 18 घंटे की सहनशीलता का प्रदर्शन किया है। यूएवी ने दो महत्वपूर्ण तकनीकों को साबित किया है जो एटीओएल या स्वायत्त टेक ऑफ और लैंडिंग हैं और स्वदेशी गगन नेविगेशन उपग्रह के साथ यूएवी की उड़ान प्रणाली के एकीकरण हैं। आर्चर यूएवी यूएवी का एक मध्यम ऊंचाई दीर्घकालिक स्थायित्व (एमएएलई) वर्ग होने जा रहा है और यह एनएएल के लाइट कैनार्ड रिसर्च एयरक्राफ्ट (एलसीआरए) पर आधारित है। इसे भारतीय सेना के साथ सेवा में आईएआई हेरोन यूएवी को प्रतिस्थापित या पूरक करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि रुस्तम-I एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक था। आर्चर यूएवी उन्नत एवियोनिक्स आर्किटेक्चर के साथ रुस्तम-I की स्पिन ऑफ है। यह कम दूरी के हथियार यूएवी, हर्मेस 550 वर्ग यूएवी के समतुल्य होने जा रहा है। इसका उपयोग सटीक रणनीतिक टोही के लिए, उच्च मूल्य के लक्ष्यों और बंकरों सहित जमीनी लक्ष्यों को मारने, तोपखाने की फायरिंग का मार्गदर्शन करने और सीमा और संघर्ष क्षेत्रों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में गश्ती मिशन आयोजित करने के लिए किया जाएगा। यूएवी 4 स्वदेशी रूप से विकसित हेलिना एटीजीएम को फायर करने में सक्षम होगा जो 7-8 किलोमीटर दूर के जमीन के लक्ष्य को मार कर सकता है। यह लेजर निर्देशित रॉकेट भी फायर कर सकता है। डीआरडीओ के मैनपैड के लिए विकसित की जा रही हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल के साथ तीरंदाज को एकीकृत करने की भी योजना है। तीरंदाज यूएवी विकास अपडेटः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने टर्बोजेट इंजन द्वारा संचालित एक “मध्यम दूरी के मानवरहित वाहन (यूएवी)” का विकास शुरू किया है। पिछले वर्ष, नए यूएवी के विनिर्देशों को तब प्रकट किया गया था जब डीआरडीओ ने चार प्रोटोटाइप के लिए अभिरूचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) निविदा प्रकाशित की थी। इसके लिए 6 कंपनियों से बोली प्राप्त हुई है जिसमें शामिल हैं-अल्फा डिज़ाइन टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, किनेको लिमिटेड, एचएएल, एल एंड टी मशीन वर्क्स लिमिटेड। डिफेंस रीच द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, बीईएल आर्चर यूएवी के विनिर्माण असेंबली और एकीकरण के लिए एल1 बोली लगाने वाली साबित हुई है। पहला आर्चर यूएवी ठेका प्रदान किए जाने के एक साल के भीतर परीक्षण और उड़ान प्रमाणीकरण के लिए निर्धारित तीन अतिरिक्त प्रोटोटाइप के साथ उपलब्ध होगा। निविदा में 20 सीमित श्रृंखला उत्पादन यूनिटों के पहले निर्माण आदेश का अनुमान लगाया गया है। इस लॉट के पहले 4 आर्चर का उपयोग वायु-सतह मिसाइल के परीक्षण सहित विभिन्न परीक्षणों के लिए किया जाएगा। इन 20 यूनिटों की आपूर्ति भारतीय सेना और वायु सेना को की जाएगी और यदि सशस्त्र बल इस प्रदर्शन से संतुष्ट हैं तो फिर 100 और यूनिटों का आदेश दिया जाएगा। आर्चर की क्षमताः तीरंदाज का वजन लगभग 600 किलोग्राम, पेलोड 200 किलोग्राम और ईंधन क्षमता लगभग 150 किलोग्राम होगी। यूएवी की क्षमता 12 घंटे की होगी, इसकी सर्विस सीमा 22,000 फीट होगी और इसकी रेंज ऑटो टेक-ऑफ और लैंडिंग (एटीओएल) क्षमताओं के साथ 220 किलोमीटर होगी।

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बीईएल ने रक्षा पहल, बेलारूस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु: नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने आज संयुक्त सचिव (डीआईपी) और भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में रक्षा पहल (डीआई), बेलारूस और रक्षा पहल एयरो प्राइवेट लिमिटेड, भारत (डीआई बेलारूस की सहायक कंपनी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टरों के लिए एयरबोर्न डिफेंस सूट (एडीएस) की आपूर्ति के लिए तीन कंपनियों के बीच सहयोग करना है। बीईएल प्रमुख ठेकेदार होगी और ‘मेक इन इंडिया’ श्रेणी के तहत हेलीकॉप्टरों के लिए उन्नत ईडब्ल्यू की आपूर्ति के लिए डीआई (विनिर्माण और रखरखाव) के साथ डीआई (टीओटी) द्वारा समर्थित होगी।

इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एडीएस के लिए भारत और वैश्विक बाजारों के लिए विभिन्न कारोबारी अवसरों की तलाश करना भी है। यह साझेदारी श्री संजय जाजू, अपर सचिव, रक्षा उत्पादन विभाग और इंडो बेलारूसियन संयुक्त आयोग (आईबीजेसी) के दिशा-निर्देश में विकसित हुई है। बीईएल के बारे में-यह एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट समूह है जो सैन्य संचार, रडार, मिसाइल प्रणाली, नौसेना प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर एंड एवियोनिक्स, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड गन/वेपन सिस्टम उन्नयन और रक्षा खंड में इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज के क्षेत्रों में उत्पाद और प्रणाली प्रस्तुत करता है। बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में ईवीएम, होमलैंड सिक्योरिटी और स्मार्ट सिटी, सौर, उपग्रह एकीकरण और अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सुरक्षा, एक सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और समग्र आश्रय और मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं। रक्षा पहल के बारे में-रक्षा पहल की स्थापना बेलारूस गणराज्य और विदेशों दोनों में कंपनियों और उद्यमों की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवोन्मेषी, उच्च प्रौद्योगिकी और प्रतिस्पर्धी तकनीकी समाधानों को विकसित और कार्यान्वित करने के उद्देश्य से की गई थी। डीआई विमान की सुरक्षा के लिए ईडबल्यू उपकरण के डिजाइन और निर्माण में शामिल है।