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बीईएल सुर्खियों में

AAI, Bharat Electronics Ltd join hands to develop indigenous Air Traffic Management Systems

Hyderabad (Telangana) [India], March 24 (ANI): In a major boost to the
Government’s “Make in India” Initiative, the Airports Authority of India (AAI), under
its R&D initiative has entered into an agreement with Navratna Defence PSU Bharat
Electronics Limited (BEL) for the joint, indigenous development of systems for air
traffic management, which were hitherto being imported.
The Agreement was signed by B K Sarkar, ED (ATM
Sekhar, Director (R&D) from BEL in presence of Sanjeev Kum
Suresh, Member (ANS), AAI and other senior officials of AAI and BEL at Wings India
2022 in Hyderabad today.
AAI, Bharat Electronics Ltd join hands to develop
indigenous Air Traffic Management Systems
https://theprint.in/india/aai-bharat-electronics-ltd-join-hands
-traffic-management-systems/887418/
Hyderabad (Telangana) [India], March 24 (ANI): In a major boost to the
Government’s “Make in India” Initiative, the Airports Authority of India (AAI), under
its R&D initiative has entered into an agreement with Navratna Defence PSU Bharat
ed (BEL) for the joint, indigenous development of systems for air
traffic management, which were hitherto being imported.
The Agreement was signed by B K Sarkar, ED (ATM-ATFM) from AAI and MV Raja
Sekhar, Director (R&D) from BEL in presence of Sanjeev Kumar, Chairman AAI, M
Suresh, Member (ANS), AAI and other senior officials of AAI and BEL at Wings India
AAI, Bharat Electronics Ltd join hands to develop
hands-tosystems/887418/
Hyderabad (Telangana) [India], March 24 (ANI): In a major boost to the
Government’s “Make in India” Initiative, the Airports Authority of India (AAI), under
its R&D initiative has entered into an agreement with Navratna Defence PSU Bharat
ed (BEL) for the joint, indigenous development of systems for air
ATFM) from AAI and MV Raja
ar, Chairman AAI, M
Suresh, Member (ANS), AAI and other senior officials of AAI and BEL at Wings India
Under this Agreement, BEL and AAI will jointly develop a Civil Air Traffic
Management System (ATMS) with Advanced-Surface Movement Guidance and
Control System (ASMGCS), a complex ground surveillance system that manages air
traffic at airports and in Indian Civil Airspace for the safe operation of flights from
take-off to landing.
Sanjeev Kumar, Chairman AAI said, “AAI is committed for safe and efficient Air
Navigation Services across Indian airspace/airports enhancing capacity and costeffective and environment-friendly services to its customers. AAI regularly upgrades
the ATM system at the airports in line with evolving global service standards.”
“The present agreement is in conformity with AAI’s R&D Policy to upgrade its ANS
Infrastructure in a systematic, efficient and cost-effective manner and in compliance
with the ‘Atmanirbhar Bharat’ missions of the Government of India. This will reduce
AAI’s foreign dependency for the procurement of ANS infrastructure. I wish this will
open a new chapter of collaboration in the Indian Aviation Industry,” he added.
After signing the agreement, MV Rajasekhar, Director (R&D), BEL said that they
have strived to expand their array of solutions for various non-defence business
segments.
“This Agreement with AAI is a major step towards the ‘Make in India’ and
‘Atmanirbhar Bharat’ missions of the government of India. The agreement aims at
leveraging the complementary strengths and capabilities of BEL and AAI and
enabling both to address airport modernization opportunities,” he said.
The dual purpose of air traffic control is to ensure safety, maintain separation
between multiple aircraft, and efficient management of operations at the airport and
Indian airspace. ASMGCS provides routing, guidance and surveillance services to
aircraft and vehicles, on the ground, in order to maintain safe surface movement in
all weather conditions at the airport. (ANI)
This report is auto-generated from ANI news service. ThePrint holds no responsibility
for its content.

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प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल और एएआई ने स्वदेशी एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने के लिए करार किया

हैदराबाद, 24 मार्च, 2022 – गैर-रक्षा क्षेत्र में अपने विविधीकरण अभियान और सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का प्रमुख प्रयास करते हुए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अपनी आर एंड डी पहत के तहत, विंग्स इंडिया-2022 में एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली और देश के विमानपत्तनों में विमानों की सतही आवाजाही जिनका अब तक आयात किया जा रहा था, के संयुक्त, स्वदेशी विकास के लिए करार किया है।

इस करार के तहत, बीईएल और एएआई उन्नत- सतही आवाजाही मार्गदर्शन एवं नियंत्रण प्रणाली (एएसएमजीसीएस) जो एक जटिल भू चौकसी प्रणाली है जो विमानों की उड़ान और उतराई के सुरक्षित प्रचालन के लिए विमानपत्तनों में एयर ट्रैफिक और भारतीय नागरी एयरस्पेस का प्रबंध करती है, के साथ सिविल एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) को संयुक्त रूप से विकसित करेंगे।

आज हैदराबाद में विंग्स इंडिया-2022 में श्री संजीव कुमार, अध्यक्ष, एएआई की उपस्थिति में इस करार पर बीईएल और एएआई की ओर से क्रमश: श्री एम वी राजशेखर, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और श्री एम सुरेश, सदस्य (एएनएस) ने हस्ताक्षर किए।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल के दो उद्देश्य अनेक विमानों में सुरक्षा और पृथक्करण सुनिश्चित करना और विमानपत्तन तथा भारतीय एयरस्पेस के प्रचालनों का प्रभावी प्रबंधन करना है। एएसएमजीसीएस विमानपत्तन में सर्व-मौसमी परिस्थितियों में सुरक्षित सतही आवाजाही बनाए रखने के उद्देश्य से, जमीन पर विमानों और वाहनों को रूटिंग, मार्गदर्शन और चौकसी सेवाएं प्रदान करता है।

एएसएमजीसीएस के साथ एटीएमएस का उद्देश्य प्राथमिक/द्वितीयक रेडार, ऑटोमेटिक डिपेंडेंट सर्वीलेंस-ब्रॉडकास्ट (एडीएस-बी), मल्टी-लैटरेशन सिस्टम (एमएलएटी) और नौचालन उपकरण जैसे जीपीएस, इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर) के साथ अंतर्क्रिया करते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को कवरेज क्षेत्र का संपूर्ण एयर ट्रैफिक चित्र प्रदान करना है। इसे एरोनॉटिकल फिक्सड टेलीकम्यूनिकेशन्स नेटवर्क (एएफटीएन), एयरपोर्ट ऑपरेशनल डेटाबेस (एओडीबी), एयरपोर्ट कोलेबोरेटिव डिसीज़न मेकिंग (एसीडीएम) और सेंट्रलाइज़्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (सीएटीएफएम) जैसी अनेक उप-प्रणालियों के साथ इंटरफेस भी किया जाता है। सैन्य विमानों सहित बड़े पैमाने के एयर ट्रैफिक की ज़रूरतों क पूरा करने के लिए इस सिस्टम का उपयोग संकुलित विमानपत्तनों और एयरस्पेसों में किया जा सकता है।

इस सिस्टम में संस्थागत रूप से विकसित अनेक प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है जैसे एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के लिए सिचुएशन डिसप्ले, सर्वीलेंस डेटा प्रोसेसिंग (एसडीपी), फ्लाइट डेटा प्रोसेसिंग (एफडीपी), सेफ्टी नेट और डिसीजन सपोर्ट (एसएनईटी), कंट्रोल एंड मानीटरिंग डिसप्ले (सीएमडी), उन्नत एएसएमजीसीएस आदि। कंट्रोलर का कार्यभार कम करते हुए, एयर ट्रैफिक प्रवाह में सुधार करते हुए और उड़ानों की देरी कम करते हुए अधिक सुरक्षा के साथ यह क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। एटीएम संचालन को सुरक्षित बनाते हुए अतिरिक्त और संवितरित बनावट द्वारा वर्धित सिस्टम विश्वसनीयता और उपलब्धता प्रदान की जाती है।

श्री एम वी राजशेखर, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल ने करार पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा – “बीईएल विभिन्न गैर-रक्षा कारोबारी खंडों के लिए समाधान प्रस्तुत करने के अपने क्षेत्र को बढ़ाने का लगातार प्रयास करती आ रही है। एएआई के साथ यह करार भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बड़ा कदम है।  यह करार बीईएल और एएआई की पूरक शक्तियों और सक्षमताओं को बढ़ाने की ओर लक्षित है और इससे दोनों को विमानपत्तनों के आधुनिकीकरण के अवसरों का लाभ लेने का अवसर मिलेगा।”

श्री संजीव कुमार, अध्यक्ष एएआई ने कहा “एएआई अपने ग्राहकों को क्षमता और लागत-प्रभाव तथा पर्यावरण के अनुकूल सेवाओं को बढ़ाने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र / विमानपत्तनों पर कुशल और सक्षम एयर नेविगेशन सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है। एएआई विकासशील वैश्विक सेवा मानकों के साथ हवाई अड्डों में एटीएम प्रणाली का नियमित रूप से उन्नयन करता है। वर्तमान करार भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के अनुपालन में व्यवस्थित, सक्षम और लागत-प्रभावी तरीके से अपने एएनएस अवसंरचना का उन्नयन के लिए एएआई की आर एंड डी नीति के अनुरूप है। इससे एएनएस अवसंरचना की खरीद के लिए एएआई की विदेशी निर्भरता कम होगी। मुझे विश्वास है कि यह भारतीय उड्डयन उद्योग में सहयोग का एक नया अध्याय साबित होगा।”

एएआई के बारे में

एएआई, नागरी उड्डयन मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय है, जो 137 विमानपत्तनों का प्रबंधन करता है, जिसमें रक्षा हवाई क्षेत्र के 24 अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन (तीन अंतरराष्ट्रीय सिविल एन्क्लेव सहित), 10 सीमा शुल्क हवाई अड्डे (चार सीमा शुल्क सिविल एन्क्लेव सहित), 80 घरेलू विमानपत्तन और 23 घरेलू सिविल एन्क्लेव शामिल हैं। एएआई को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ संपूर्ण भारतीय नागरिक हवाई क्षेत्र और समुद्री क्षेत्रों में हवाई यातायात सेवाएं प्रदान करने के लिए सौंपा गया है, जिसमें विमान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी विमानपत्तन और अन्य स्थानों पर भूतल की स्थापना भी शामिल है।

बीईएल के बारे में

बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जिसके उत्पाद रक्षा कारोबार में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी एवं गन/शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में है। बीईएल के रक्षा-इतर कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन, गृहभूमि सुरक्षा एवं स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण एवं अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सायबर सुरक्षा, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर एवं मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

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प्रेस विज्ञप्ति

रक्षा मंत्रालय ने टी-90 टैंकों के लिए कमांडर साइट के रेट्रो-संशोधन के लिए बीईएल के साथ रु. 1075 करोड़ मूल्य की संविदा पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय (एमओडी), भारत सरकार और नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने 24 फरवरी, 2022 को भारतीय सेना के लिए युद्धक टैंक-T90 के कमांडर साइट के रेट्रो-संशोधन के लिए एक संविदा पर हस्ताक्षर किए। रेट्रो-संशोधन 957 टैंकों में किया जाएगा। इस संविदा का कुल मूल्य 1,075 करोड़ रुपए (सभी करों और शुल्कों सहित) है ।

आईआरडीई, डीआरडीओ और बीईएल द्वारा संयुक्त रूप से थर्मल इमेजर-आधारित कमांडर साइट का सफल स्वदेशी विकास, अपने पूर्ववर्ती उत्पाद की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के साथ भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देगा। इससे स्वदेशी रक्षा निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और ऐसी उन्नत प्रौद्योगिकी के निर्यात का मार्ग प्रशस्त होगा।

चित्र परिचय – सुश्री दीप्ति मोहिल चावला, आईडीएएस, संयुक्त सचिव और अधिग्रहण प्रबंधक (भूमि प्रणाली) / प्रभारी (समन्वय), रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, श्री मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक (राष्ट्रीय विपणन), बीईएल के साथ संविदा दस्तावेजों का आदान-प्रदान करते हुए।

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बीईएल ने भारत सरकार को रु. 186 करोड़ का अंतरिम लाभांश अदा किया

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बी ई एल), नवरत्न रक्षा पीएसयू ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भारत सरकार को अपनी चुकता पूंजी पर 150% का अंतरिम लाभांश अदा किया है।

श्रीमती आनंदी रामलिंगम, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक – अतिरिक्त प्रभार, बीईएल ने 28.02.2022 को नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा धारित शेयरों पर प्रदेय रु. 186,89,60,967/- (रु. एक सौ छियासी करोड़ नवासी लाख साठ हजार नौ सौ सड़सठ मात्र) के अंतरिम लाभांश का चेक माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह को प्रदान किया। बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपने शेयरधारकों को 150% (रु. 1.50 प्रति शेयर) के अंतरिम लाभांश की घोषणा की है ।

यह लगातार 19 वां वर्ष है जब बीईएल अंतरिम लाभांश अदा कर रही है। बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में अपनी चुकता पूंजी पर 400% का कुल लाभांश अदा किया है।

चित्र परिचय: श्रीमती आनंदी रामलिंगम, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक – अतिरिक्त प्रभार, बीईएल, श्री दिनेश कुमार बत्रा, निदेशक (वित्त), बीईएल के साथ 28 फरवरी, 2022 को नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा धारित शेयरों पर प्रदेय रु. 186,89,60,967/- (एक सौ छियासी करोड़ नवासी लाख साठ हज़ार नौ सौ सड़सठ मात्र) के अंतरिम लाभांश का चैक माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को सौंपते हुए। साथ में हैं (बाएं से दाएं) श्री अनुराग बाजपेई, संयुक्त सचिव (पी एंड सी), श्री अजय भट्ट, माननीय रक्षा राज्य मंत्री, श्री संजय जाजू, अपर सचिव (डीपी) और श्री मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक (राष्ट्रीय विपणन), बीईएल।

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बीईएल ने अमेरिका को आईओटी उपकरणों की आपूर्ति के लिए हाइपरियोन ग्लोबल के साथ 73 मिलियन डॉलर के संविदा पर हस्ताक्षर किए।

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), एक नवरत्न रक्षा पीएसयू, और हाइपरियोन ग्लोबल ग्रुप, एलएलसी, जो अमेरिका में स्थित एक बुनियादी दूरसंचार वितरण कंपनी है, ने अमेरिकी बाजार के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों को विकसित, निर्माण और आपूर्ति करने के लिए एक संविदा पर हस्ताक्षर किए है। 21 जनवरी, 2022 को हस्ताक्षरित अनुबंध के अनुसार, बीईएल अगले पांच वर्षों में, 73 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आईओटी उपकरणों का निर्माण और आपूर्ति करेगी।

हाइपरियोन की अगली पीढ़ी के वैश्विक दूरसंचार बुनियादी ढांचे के उपकरण लोगों के जीने, सीखने, संवाद करने और डेटा का उपयोग करने के तरीके में क्रांति लाने के लिए तैयार हैं। यह वैश्विक बुनियादी ढांचा आईओटी और 5 जी के संयोजन द्वारा प्रदर्शन और गति के अभूतपूर्व स्तर को अनलॉक करने की कुंजी है। हाइपरियोन अपने ग्राहक की मांगों को पूरा करने के लिए रणनीतिक रूप से छह चरण की रणनीति को लागू करके इसे पूरा करेगा। हाइप्रीयन की विश्व स्तरीय इंजीनियरिंग और निर्माण क्षमताओं के साथ उन्नत कनेक्टिविटी समाधान प्रदान करने की आवश्यकता है। भारत की अग्रणी रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के रूप में बीईएल, हाइपरियोन, यूएसए को एक टिकाऊ उत्पाद प्रदान करने के लिए पूरी तरह योग्य है, जिसमें जगह में एक मजबूत उत्पाद रोडमैप और वैश्विक विस्तार रणनीति है।

इस ठेके पर बीईएल के न्यूयॉर्क क्षेत्रीय कार्यालय और हाइपरियोन द्वारा एमवी राजशेखर, निदेशक आर एंड डी, बीईएल, निक स्टुडबेकर, सीईओ, हाइपरियोन ग्रूप, प्रभा गोयल, जीएम (बीईएल-पंचकूला) और बीईएल और हाइपरियोन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। बीईएल के निदेशक आर एंड डी, एमवी राजशेखर ने कहा, “बीईएल संचार क्रांति जिसने दुनिया को तूफान में डाल दिया है, का एक हिस्सा होने में हाइपरियोन ग्रूप के साथ जुड़कर खुश है। हम अगले पांच वर्षों में हाइपरियोन को लाखों आईओटी उपकरणों की आपूर्ति करने की उम्मीद कर रहे हैं।” बीईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंदी रामलिंगम ने कहा, “बीईएल अपने वैश्विक विस्तार ठेके लिए आगे देख रही है और इस दिशा में एक और प्रमुख कदम है।”

हमारी केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला इस परियोजना पर सक्रिय रूप से काम करेगी और हमारा न्यूयॉर्क क्षेत्रीय कार्यालय, जो अमेरिका में हमारी विपणन गतिविधियों को संभाल रहा है, ठेके को समय पर निष्पादित करने के लिए हाइपरियोन के साथ करीबी रूप से बातचीत करेगा। हाइपरियोन ग्रुप के सीईओ निक स्टुडेबेकर ने कहा, हम अपने रणनीतिक विनिर्माण साझेदार के रूप में बीईएल को पाकर उत्साहित हैं। हमारा मानना है कि आईओटी स्थान स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों पर व्यक्तियों, छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों, नगरपालिकाओं और सरकारी संगठनों के संवाद के तरीकों में वास्तव में परिवर्तनकारी होगा। हम बीईएल और उसकी प्रतिभाशाली और निपुण टीम के साथ इस रोमांचक अवसर में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं।”

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बीईएल सुर्खियों में

BEL signs $73 Million contract with Hyperion Global for supply of IoT devices to the US

Bharat Electronics Limited (BEL), a Navratna Defence PSU, and Hyperion Global Group, LLC, an infrastructure telecommunication distribution company based in the USA, have entered into a contract to develop, manufacture and supply Internet of Things (IoT) devices for the US market.

As per the contract signed on January 21, 2022, BEL will manufacture and supply IoT devices worth USD73 Million to Hyperion during the first year of commencement of supply with a provision to negotiate and supply upgrades of the products, worth USD365 Million, in the next five years.

Hyperion’s next generation global telecommunications infrastructure devices are all set to revolutionise the way people live, learn, communicate, and consume data. This global infrastructure is the key to unlocking unprecedented levels of performance and speed made possible by the combination of IoT and 5G. Hyperion will accomplish this by strategically implementing a six-phase strategy to meet its customer demands.

The contract pairs Hyperion’s need to provide advanced connectivity solutions with BEL’s world-class engineering and manufacturing capabilities. BEL, as India’s leading defence electronics company, is uniquely qualified to deliver a durable product to Hyperion, USA, which has a robust product roadmap and global expansion strategy in place.

The contract was signed by BEL’s New York Regional Office and Hyperion in the presence of MV Rajasekhar, Director R&D, BEL, Nick Studebaker, CEO, Hyperion Group, Prabha Goyal, GM (BEL-Panchkula), and other senior officials of BEL and Hyperion.

MV Rajasekhar, Director R&D, BEL, said: “BEL is happy to be associated with Hyperion Group in being a part of the communication revolution that has taken the world by storm. We are hoping to supply lakhs of IoT devices to Hyperion in the next five years.”

Anandi Ramalingam, Chairman & Managing Director, BEL, said: “BEL is looking forward to expanding its global footprint and the contract with Hyperion is another major step in that direction. Our Central Research Laboratory will be actively working on this project and our New York Regional Office, which is handling our marketing activities in the US, will be closely interacting with Hyperion for the timely execution of the contract.”

Nick Studebaker, CEO, Hyperion Group, said: “We are excited to have BEL as our strategic manufacturing partner. We believe that the IoT space will be truly transformative in the way individuals, small to large businesses, municipalities and governmental organizations at the local, regional, and national levels communicate. We are looking forward to participating in this exciting opportunity with BEL and its talented and accomplished team.”

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पदाधिकारी ने बताया बीईएल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 3 डी नौसैनिक रडार का निर्यात करेगी

हालांकि यह खुलासा नहीं हुआ है कि किन देशों ने रडार में रुचि दिखाई है, अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों में फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा, स्वीडन और अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के विकासशील बाजार शामिल हैं। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के अधिकारियों ने कहा है कि एल-बैंड 3डी एयर सर्विलांस रडार आरएडब्ल्यूएल-03 के निर्यात के लिए अंतर्राष्ट्रीय ग्राहक उसके रोस्टर पर हैं। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा निर्मित यह एक लागत-प्रभावी लंबी दूरी की एयर सर्विलांस रडार है जो हवा और सतह के लक्ष्यों का जल्द पता लगाने और उनका पता लगाने में सक्षम है, जिससे लक्ष्यों को बेअसर करने में अग्नि नियंत्रण प्रणालियों को सक्षम बनाता है। “बीईएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,” “हम इसे विदेशों में भी बेचना चाहते हैं और बातचीत जारी है। आरएडब्ल्यूएल-03 जहाज और भूमि-आधारित दोनों विन्यास में आता है। हमने इसे भारतीय नौसेना को दिखाया है और शामिल करने की प्रक्रिया जारी है। 2018 में हमने स्वीडिश एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी साब के साथ मिलकर रडार विकसित किया। हालांकि यह पता नहीं चला है कि किन देशों ने रडार में रुचि दिखाई है, अधिकारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों में फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा, स्वीडन शामिल हैं और अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में विकासशील बाजार शामिल हैं। राडार की इंस्ट्रूमेंटेशन सीमा 400 किलोमीटर है। उन्होंने कहा, “हम 400 किलोमीटर तक मिसाइल, हेलीकॉप्टर और विमान सहित सभी प्रकार के हवाई लक्ष्यों का पता लगा सकते हैं। राडार डॉपलर डेटा के साथ-साथ तीन-आयामी लक्ष्य डेटा प्रदान करता है। 2डी रडार से अधिक 3डी रडार का लाभ दिशा और सीमा के अलावा लक्ष्य की ऊंचाई का अनुमान है। हमने 2015 में इस रडार पर काम करना शुरू किया और इसे पूरा होने में लगभग दो साल लग गए। इसका वजन लगभग 4 टन है और इसमें नवीनतम सिग्नल प्रोसेसिंग तकनीक शामिल है। आरएडब्ल्यूएल-03 एंटीना सुगठित है और इसे पहियों वाले वाहनों और जहाजों में समायोजित किया जा सकता है। बीईएल ने समुद्री सतह और हवाई लक्ष्यों का पता लगाने और उनकी निगरानी करने के लिए सतह निगरानी रडार भी विकसित किया है।

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बीईएल सुर्खियों में

BEL’s Armoured Engineer Reconnaissance Vehicle inducted into Indian Army

Bengaluru/Pune, December 22, 2021: The first batch of next-generation
Armoured Engineer Reconnaissance Vehicles (AERV), indigenously designed and
developed by DRDO and manufactured by the Pune Unit of Navratna Defence PSU
Bharat Electronics Limited (BEL), was formally inducted into Indian Army by Gen
Manoj Mukund Naravane, PVSM, AVSM, SM, VSM, ADC, Chief of Army Staff, on
December 21, 2021.
The vehicles were inducted into the Corps of Engineers at a ceremony held at Bombay
Engineering Group (BEG), Pune, in the presence of Dinesh Batra, Director (Finance),
BEL; Lt Gen Harpal Singh, PVSM, AVSM, VSM, ADC, Engineer-in-Chief; Lt Gen J S
Nain, AVSM, SM, GOC-in-C, Southern Command; Maj Gen Sanjay Rehani, Director
General (Combat Engineers); Brig Sanjay Mathur, VSM, Brig Comb Engrs (B), and
other senior officers.
AERV is manufactured by BEL-Pune with more than 90% indigenous content. It is a
versatile BMP-IIK amphibious Infantry Combat Vehicle (ICV) fitted with instruments
for water reconnaissance, land reconnaissance, navigation and data backup. The
AERV is capable of measuring soil bearing capacity on riverbanks to determine if they
are motorable for military vehicles on Go-No Go basis (critical parameters for bridge
laying), dry and wet gaps in day and night conditions, slopes and height of river banks
/ canals. It’s possible to navigate the AERV with military maps using Military Grid Coordinate System, measure and plot underwater beds and water currents of

rivers/canals, store data from various instruments on Control Console for further
analysis and decision-making.
The induction of the next-generation AERV will boost the Indian Army’s combat
capability and is a milestone in the journey towards an Atmanirbhar Bharat.

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भारत और खाड़ी क्षेत्र – रक्षा प्रौद्योगिकी के लिए पहली बार बीईएल और सऊदी कंपनी के बीच समझौता

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के महाप्रबंधक (अंतर्राष्ट्रीय विपणन) अनिल पंत ने कहा कि निकट भविष्य में भारत और सऊदी अरब के बीच कई तकनीकी साझेदारियां हुई हैं। रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयास में, पहली बार सऊदी अरब की एक कंपनी पावर फॉर डिफेंस टेक्नोलॉजिज कंपनी (पीडीटीसी) ने डीपीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक समझौता किया है। सऊदी अरब साम्राज्य (केएसए) में एएल शाइबी परिवार के सदस्य शेख मोहम्मद मुस्तफा-जैनी अल-शाइबी द्वारा स्थापित कंपनी दोनों देशों के बीच तकनीकी, कारोबारी और सांस्कृतिक संबंध रखने की दृष्टि पर आधारित है। कंपनी ने अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों की तैनाती और स्थानांतरण की मांग करते हुए करार किया है जो एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस करार के तहत दोनों कंपनियां एक साथ मिलकर सऊदी अरब के रक्षा परितंत्र के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्राप्त करेंगी। क्यों बीईएल? शेख मोहम्मद मुस्तफा-जैनी अल-शाइबी के अनुसार, “भारत में प्रौद्योगिकी की अग्रणी कंपनी बीईएल के साथ साझेदारी हमें केएसए में रक्षा और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण तकनीकें लाने में सक्षम बनाएगी।” “जोड़ते हुए,” दोनों देश उभरती शक्तियां हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ी हैं। “इस करार पर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के महाप्रबंधक, अनिल पंत, ने कहा कि भविष्य में भारत और सऊदी अरब के बीच कई तकनीकी साझेदारियां थीं। बीईएल एडवांस्ड क्षेत्रों में खतरों का पता लगाने के लिए कई तकनीकी उत्पाद प्रदान करती है जैसे एडवांस्ड कोस्टल सिस्टम आदि।

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बीईएल का बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन भारतीय थलसेना में शामिल

बेंगलूरु / पुणे, 22 दिसंबर, 2021 – डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से अभिकल्पित और विकसित तथा नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की पुणे यूनिट द्वारा निर्मित अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (ए.ई.आर.वी.) की पहले खेप 21 दिसंबर, 2021 को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, थलसेना प्रमुख द्वारा औपचारिक रूप से भारतीय थलसेना में शामिल की गई।

ये वाहन श्री दिनेश बत्रा, निदेशक (वित्त), बीईएल, ले. जनरल हरपाल सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, प्रमुख अभियंता, ले. जनरल जे एस नैन, एवीएसएम, एसएम, जीओसी-इनचार्ज, दक्षिणी कमान, मेजर जनरल संजय रेहानी, महानिदेशक (कॉम्बैट इंजीनियर्स), ब्रिगे. संजय माथुर, वीएसएम, ब्रिग कॉम्ब इंजीनियर्स (बी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रूप (बीईजी), पुणे में आयोजित समारोह में इंजीनियर कोर में शामिल किए गए।

बीईएल-पुणे में ए.ई.आर.वी. का निर्माण 90% से अधिक स्वदेशी सामग्रियों से किया गया। यह एक परिवर्तनशील बीएमपी-आईआईके जल-थल इन्फैंट्री समाघात वाहन (आई.सी.वी.) है जिसे जल टोही, भू टोही, नौचालन और डेटा बैकअप के यंत्रों से फिट किया जाता है। ए.ई.आर.वी. नदी के किनारों में मृदा बियरिंग क्षमता की माप करने में सक्षम है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे सैन्य वाहनों को गो-नो गो आधार पर (पुल बिछाने के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता), दिन व रात की परिस्थितियों में सूखे और गीले भू-भाग का अंतर, नदी के किनारों / नहरों की ढलान और ऊंचाई में चलाने योग्य हैं या नहीं। ए.ई.आर.वी. में सैन्य ग्रिड को-ऑर्डिनेट सिस्टम का उपयोग करते हुए नौचालन करना, अंतर्जलीय स्थलों तथा नदियों / नहरों की जल धाराओं की माप करना और रूप-रेखा तैयार करना, अतिरिक्त विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए कंट्रोल कन्सोल पर विभिन्न उपकरणों से डेटा स्टोर करना संभव है।

अगली पीढ़ी के ए.ई.आर.वी. को शामिल करने से भारतीय थलसेना की समाघात क्षमता बढ़ेगी और यह आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।