BEL

Categories
बीईएल सुर्खियों में

BEL’s Armoured Engineer Reconnaissance Vehicle inducted into Indian Army

Bengaluru/Pune, December 22, 2021: The first batch of next-generation
Armoured Engineer Reconnaissance Vehicles (AERV), indigenously designed and
developed by DRDO and manufactured by the Pune Unit of Navratna Defence PSU
Bharat Electronics Limited (BEL), was formally inducted into Indian Army by Gen
Manoj Mukund Naravane, PVSM, AVSM, SM, VSM, ADC, Chief of Army Staff, on
December 21, 2021.
The vehicles were inducted into the Corps of Engineers at a ceremony held at Bombay
Engineering Group (BEG), Pune, in the presence of Dinesh Batra, Director (Finance),
BEL; Lt Gen Harpal Singh, PVSM, AVSM, VSM, ADC, Engineer-in-Chief; Lt Gen J S
Nain, AVSM, SM, GOC-in-C, Southern Command; Maj Gen Sanjay Rehani, Director
General (Combat Engineers); Brig Sanjay Mathur, VSM, Brig Comb Engrs (B), and
other senior officers.
AERV is manufactured by BEL-Pune with more than 90% indigenous content. It is a
versatile BMP-IIK amphibious Infantry Combat Vehicle (ICV) fitted with instruments
for water reconnaissance, land reconnaissance, navigation and data backup. The
AERV is capable of measuring soil bearing capacity on riverbanks to determine if they
are motorable for military vehicles on Go-No Go basis (critical parameters for bridge
laying), dry and wet gaps in day and night conditions, slopes and height of river banks
/ canals. It’s possible to navigate the AERV with military maps using Military Grid Coordinate System, measure and plot underwater beds and water currents of

rivers/canals, store data from various instruments on Control Console for further
analysis and decision-making.
The induction of the next-generation AERV will boost the Indian Army’s combat
capability and is a milestone in the journey towards an Atmanirbhar Bharat.

Categories
प्रेस विज्ञप्ति समाचार

भारत और खाड़ी क्षेत्र – रक्षा प्रौद्योगिकी के लिए पहली बार बीईएल और सऊदी कंपनी के बीच समझौता

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के महाप्रबंधक (अंतर्राष्ट्रीय विपणन) अनिल पंत ने कहा कि निकट भविष्य में भारत और सऊदी अरब के बीच कई तकनीकी साझेदारियां हुई हैं। रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों में घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयास में, पहली बार सऊदी अरब की एक कंपनी पावर फॉर डिफेंस टेक्नोलॉजिज कंपनी (पीडीटीसी) ने डीपीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक समझौता किया है। सऊदी अरब साम्राज्य (केएसए) में एएल शाइबी परिवार के सदस्य शेख मोहम्मद मुस्तफा-जैनी अल-शाइबी द्वारा स्थापित कंपनी दोनों देशों के बीच तकनीकी, कारोबारी और सांस्कृतिक संबंध रखने की दृष्टि पर आधारित है। कंपनी ने अत्याधुनिक तकनीकी समाधानों की तैनाती और स्थानांतरण की मांग करते हुए करार किया है जो एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस करार के तहत दोनों कंपनियां एक साथ मिलकर सऊदी अरब के रक्षा परितंत्र के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्राप्त करेंगी। क्यों बीईएल? शेख मोहम्मद मुस्तफा-जैनी अल-शाइबी के अनुसार, “भारत में प्रौद्योगिकी की अग्रणी कंपनी बीईएल के साथ साझेदारी हमें केएसए में रक्षा और नागरिक अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण तकनीकें लाने में सक्षम बनाएगी।” “जोड़ते हुए,” दोनों देश उभरती शक्तियां हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रमुख खिलाड़ी हैं। “इस करार पर, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के महाप्रबंधक, अनिल पंत, ने कहा कि भविष्य में भारत और सऊदी अरब के बीच कई तकनीकी साझेदारियां थीं। बीईएल एडवांस्ड क्षेत्रों में खतरों का पता लगाने के लिए कई तकनीकी उत्पाद प्रदान करती है जैसे एडवांस्ड कोस्टल सिस्टम आदि।

Categories
प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल का बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन भारतीय थलसेना में शामिल

बेंगलूरु / पुणे, 22 दिसंबर, 2021 – डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से अभिकल्पित और विकसित तथा नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की पुणे यूनिट द्वारा निर्मित अगली पीढ़ी के बख्तरबंद इंजीनियर टोही वाहन (ए.ई.आर.वी.) की पहले खेप 21 दिसंबर, 2021 को जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, थलसेना प्रमुख द्वारा औपचारिक रूप से भारतीय थलसेना में शामिल की गई।

ये वाहन श्री दिनेश बत्रा, निदेशक (वित्त), बीईएल, ले. जनरल हरपाल सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एडीसी, प्रमुख अभियंता, ले. जनरल जे एस नैन, एवीएसएम, एसएम, जीओसी-इनचार्ज, दक्षिणी कमान, मेजर जनरल संजय रेहानी, महानिदेशक (कॉम्बैट इंजीनियर्स), ब्रिगे. संजय माथुर, वीएसएम, ब्रिग कॉम्ब इंजीनियर्स (बी) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रूप (बीईजी), पुणे में आयोजित समारोह में इंजीनियर कोर में शामिल किए गए।

बीईएल-पुणे में ए.ई.आर.वी. का निर्माण 90% से अधिक स्वदेशी सामग्रियों से किया गया। यह एक परिवर्तनशील बीएमपी-आईआईके जल-थल इन्फैंट्री समाघात वाहन (आई.सी.वी.) है जिसे जल टोही, भू टोही, नौचालन और डेटा बैकअप के यंत्रों से फिट किया जाता है। ए.ई.आर.वी. नदी के किनारों में मृदा बियरिंग क्षमता की माप करने में सक्षम है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे सैन्य वाहनों को गो-नो गो आधार पर (पुल बिछाने के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता), दिन व रात की परिस्थितियों में सूखे और गीले भू-भाग का अंतर, नदी के किनारों / नहरों की ढलान और ऊंचाई में चलाने योग्य हैं या नहीं। ए.ई.आर.वी. में सैन्य ग्रिड को-ऑर्डिनेट सिस्टम का उपयोग करते हुए नौचालन करना, अंतर्जलीय स्थलों तथा नदियों / नहरों की जल धाराओं की माप करना और रूप-रेखा तैयार करना, अतिरिक्त विश्लेषण और निर्णय लेने के लिए कंट्रोल कन्सोल पर विभिन्न उपकरणों से डेटा स्टोर करना संभव है।

अगली पीढ़ी के ए.ई.आर.वी. को शामिल करने से भारतीय थलसेना की समाघात क्षमता बढ़ेगी और यह आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

Categories
बीईएल सुर्खियों में

BEL’s Dinesh Kumar Batra wins CII CFO of the Year

Mr Dinesh Kumar Batra, Director (Finance) and CFO of Navratna Defence PSU Bharat Electronics Limited, received the prestigious CII CFO of the Year Award in the PSU category from Mr T V Mohandas Pai.

Mr Dinesh Kumar Batra, Director (Finance) and CFO of Navratna Defence PSU Bharat Electronics Limited, received the prestigious CII CFO of the Year Award in the PSU category from Mr T V Mohandas Pai, Chairman, Manipal Global Education Services, at an awards ceremony held at Bengaluru on December 16, 2021.

Mr Batra joined BEL in 1984. He is an alumnus of HBTU, Kanpur; IIFT, Delhi; and MDI, Gurgaon. In an illustrious career spanning 37 years, he has served in various capacities at Ghaziabad, Delhi, Pune and Bengaluru.

He is a change agent who facilitates sustainable and continuous growth by following best practices of corporate governance with financial transparency. He has created wealth for shareholders by doubling the market capitalization.

Mr Batra has steered BEL to become the first DPSU to cross the landmark market capitalization of Rs.50,000 Crores and declared highest ever dividend of 400%.

BEL achieved its best ever financial performance under his leadership, instilling confidence among all stakeholders. This resulted in highest PE ratio of BEL’s share price among all Maharatna and Navratna manufacturing CPSEs.

BEL achieved its best ever financial performance under his leadership, instilling confidence among all stakeholders. This resulted in highest PE ratio of BEL’s share price among all Maharatna and Navratna manufacturing CPSEs

He has brought structural reforms to manage debtors to achieve highest ever cash from operations.

He was instrumental in BEL taking revolutionary initiatives in response to Covid, bringing hope to the families of deceased employees. His inspirational, visionary and creative leadership makes him a wonderful mentor who has built teams and strategies for business transformation. He enjoys excellent rapport with all stakeholders.

Categories
प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल के दिनेश कुमार बत्रा ने सीआईआई सीएफओ ऑफ द इयर – पीएसयू श्रेणी का पुरस्कार जीता

बेंगलूरु, 17 दिसंबर, 2021- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) और सीएफओ श्री दिनेश कुमार बत्रा ने दिनांक 16 दिसंबर, 2021 को बेंगलूरु में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में श्री टी वी मोहनदास पै, अध्यक्ष, मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेस से पीएसयू श्रेणी में प्रतिष्ठित सीआईआई सीएफओ ऑफ द इयर का पुरस्कार प्राप्त किया।

श्री बत्रा ने वर्ष 1984 में बीईएल में कार्यग्रहण किया। वे एचबीटीयू, कानपुर; आईआईएफटी, दिल्ली; और एमडीआई, गुडगांव के पूर्व विद्यार्थी हैं। 37 वर्षों के शानदार करियर में उन्होंने गाज़ियाबाद, दिल्ली, पुणे और बेंगलूरु में विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे परिवर्तन प्रिय अधिकारी हैं, जो वित्तीय पारदर्शिता के साथ कार्पोरेट प्रशासन की सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाते हुए सतत और निरंतर विकास सुलभ बनाते हैं। उन्होंने बाज़ार पूँजीकरण को दुगुना करते हुए शेयरधारकों के लिए संपत्ति सृजित की है।

श्री बत्रा ने बीईएल को ऐसा पहला डीपीएसयू बनने में योगदान दिया, जिसने रु. 50,000 करोड़ का अभूतपूर्व बाज़ार पूँजीकरण हासिल किया और 400% का अब तक का सर्वोच्च लाभांश घोषित किया। उनके नेतृत्व में बीईएल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम वित्तीय कार्य-निष्पादन प्राप्त किया। इसके परिणामस्वरूप सभी महारत्न और नवरत्न विनिर्माणी सीपीएसई में बीईएल के शेयर मूल्य का उच्चतम पीई अनुपात हासिल हुआ।

उन्होंने आंतरिक उपार्जन से कार्यशील पूँजी की आवश्यकता और नई पूँजी अवसंरचना निवेश की आवश्यकता का प्रबंधन किया और बीईएल को ऋण-मुक्त बनाए रखा। उन्होंने प्रचालन से अब तक की उच्चतम नकदी प्राप्त करने के लिए देनदारों के प्रबंधन हेतु संरचनात्मक सुधार किया। उन्होंने बीईएल में कोविड के विरुद्ध क्रांतिकारी पहल करने और मृतक कर्मचारियों के परिवारों में आशा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रेरणादायक, दूरदर्शी और रचनात्मक नेतृत्व उन्हें एक अनुकरणीय सलाहकार बनाता है, जिन्होंने व्यापार परिवर्तन के लिए टीमें तैयार की और रणनीतियां बनाई। सभी हितधारकों के साथ उनके संबंध सराहनीय हैं।

Categories
बीईएल सुर्खियों में

BEL receives biggest avionics order ever from HAL for LCA Tejas Fighter Aircraft programme

Bharat Electronics Ltd (BEL) received an order worth Rs. 2,400 crores from
Hindustan Aeronautics Limited (HAL) for the manufacture and supply of 20 types of
airborne electronic systems to be fitted on Light Combat Aircraft (LCA) Tejas Mk1A.
“The order spanning five years from 2023 to 2028 involves supply of critical avionic
Line Replaceable Units (LRUs) related to Digital Flight Control Computers, Air Data
Computers, Weapon Computers, LRUs related to Radar Warning Receiver (RWR) and
Head Up Display. The LRUs have been indigenously designed and developed by
Aeronautical Development Agency (ADA), DRDO Labs, Aeronautical Development
Establishment (ADE), Combat Aircraft Systems Development and Integration Centre
(CASDIC) and Central Scientific Instruments Organisation (CSIO),” BEL stated.
The officials at BEL state that this is the biggest ever order received by BEL for
Avionic Systems and will go a long way in ensuring the Indian Air Force‘s Air
superiority.
“The order for supply of Avionic Systems for 83 Tejas MK1A fighter aircraft will be
executed by two Strategic Business Units (SBUs) of BEL: Electronic Warfare &
Avionics, Bengaluru, and BEL-Panchkula, Haryana. All the systems will be delivered
by BEL to HAL in a ready-to-board condition,” officials from BEL said.
The home-grown fighter is slated to be equipped with indigenous flight control
computers, air data computers which would also be supplied by BEL under this
contract. These systems have been designed and developed by various labs of
Defence Research Development Organisation (DRDO) and Aeronautical Development
Agency, Bengaluru.
Anandi Ramalingam, CMD, BEL, said: “We are pleased to receive this order from HAL
for the prestigious LCA Tejas Fighter aircraft programme. It will give a big boost to
the Government of India’s indigenisation drive. BEL is all geared up to supply the
critical Avionics LRUs as per the delivery schedule. We look forward to continuing
our strong partnership with HAL for more such programmes.

Categories
प्रेस विज्ञप्ति

एलसीए तेजस लड़ाकू विमान प्रोग्राम के लिए बीईएल को एचएएल से अब तक का सबसे बड़ा एवियोनिक्स आदेश मिला है।

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए में फिट किए जाने वाले 20 प्रकार के एयरबोर्न इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के निर्माण और आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 2,400 करोड़ रुपये का आदेश मिला है। इस आदेश में 2023 से 2028 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटरों, एयर डेटा कंप्यूटरों, वेपन कंप्यूटरों, राडार वार्निंग रिसीवर (आरडब्ल्यूआर) और हेड अप डिस्प्ले से संबंधित एलआरयू से संबंधित महत्वपूर्ण एविओनिक लाइन रिप्लेसेबल यूनिटों (एलआरयू) की आपूर्ति शामिल है। एलआरयू को एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए), डीआरडीओ लैब्स, एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एडीई), एयरक्राफ्ट सिस्टम डेवलपमेंट सेंटर (सीएएसआईसी) और सेंट्रल इंस्ट्रूमेंट्स (डीसीएसओ बीईएल के अधिकारियों का कहना है कि एविओनिक प्रणालियों के लिए यह बीईएल को प्राप्त अब तक का सबसे बड़ा आदेश है और यह भारतीय वायु सेना की वायु श्रेष्ठता सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। 83 तेजस एमके 1 ए लड़ाकू विमान के लिए एविओनिक प्रणालियों की आपूर्ति के आदेश को बीईएल की दो रणनीतिक व्यापार यूनिटों (एसबीयू)-इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर एंड एवियॉनिक्स, बेंगलुरु और बीईएल-पंचकूला, हरियाणा द्वारा निष्पादित किया जाएगा। सभी प्रणालियों को बीईएल द्वारा एचएएल को तैयार स्थिति में सुपुर्द किया जाएगा। बीईएल के अधिकारियों ने कहा। इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को स्वदेशी उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर, एयर डेटा कंप्यूटर से सुसज्जित किया जाएगा जिसकी आपूर्ति भी इस ठेके के तहत बीईएल द्वारा की जाएगी। इन प्रणालियों को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, बेंगलुरु की विभिन्न प्रयोगशालाओं द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। बीईएल की सीएमडी आनंदी रामलिंगम ने कहा, हमें प्रतिष्ठित एलसीए तेजस लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए एचएएल से इस आदेश को प्राप्त करने की खुशी है। यह भारत सरकार के स्वदेशीकरण अभियान को एक बड़ा बढ़ावा देगा। आपूर्ति कार्यक्रम के अनुसार महत्वपूर्ण एविओनिक्स एलआरयू की आपूर्ति करने के लिए बीईएल पूरी तरह तैयार है। हम ऐसे और प्रोग्रामों के लिए एचएएल के साथ अपनी मजबूत साझेदारी जारी रखने के लिए तत्पर हैं।

Categories
प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल ने मनाया स्वच्छता पखवाड़ा 2021

नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने 1-15 दिसंबर, 2021 से देश भर में फैली अपनी सभी इकाइयों, एसबीयू और कार्यालयों में स्वच्छता पखवाड़ा 2021 मनाया।

समारोह के भाग के रूप में, विभिन्न गतिविधियों जैसे कि स्वच्छता प्रतिज्ञा का प्रशासन, पौधे लगाना, इकाइयों में स्वच्छता अभियान, कबाड़ सामग्री का निपटान, संबंधित विभागों द्वारा अभिलेखों का रखरखाव, आदि कंपनी भर में आयोजित किए गए थे। कर्मचारियों के बच्चों के लिए पेंटिंग, पोस्टर व निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

Categories
प्रेस विज्ञप्ति समाचार

बीईएल ने 360 डिग्री कवरेज के साथ कस्टमाइजेबल ड्रोन डिटेक्शन रडार विकसित किया

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने मिनी-और माइक्रो-क्लास ड्रोनों और यूएवी का पता लगाने और ट्रैक करने के लिए फ्रीक्वेंसी-मॉड्यूलेटेड कंटीन्यूस-वेव (एफएमसीडबल्यू) ड्रोन डिटेक्शन रडार विकसित किया है। बीईएल के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने नौ महीने पहले इस उत्पाद पर काम करना शुरू किया था।

यह ड्रोन/यूएवी से खतरों के लिए एक पूर्ण निगरानी समाधान (खोज और ट्रैक) प्रदान करता है। माइक्रो ड्रोन की अधिकतम पहचान सीमा 1 किमी, मिनी ड्रोन 2 किमी और छोटे ड्रोन 3 किमी है। राडार का संचालन तापमान-20 डिग्री सेल्सियस से + 55 डिग्री सेल्सियस तक होता है। यह बीईएल में विकसित एक संपूर्ण स्वदेशी उत्पाद है जिसमें किसी अन्य संगठन से प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण (टीओटी) नहीं हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन डिटेक्शन रडार (डीडीआर) दिगंश में 360-डिग्री कवरेज प्रदान करने में सक्षम है। रडार का एक लाभ यह है कि संचारित शक्ति कम है और यह इसे एलपीआई (इंटरसेप्ट की कम संभावना) सक्षम बनाता है। एलपीएल क्षमता के कारण, रडार के मापदंडों और रडार प्रकार की सही पहचान करना रिसीवर के लिए बहुत मुश्किल है। इसके उच्च प्रोसेसिंग गेन और अच्छी रेंज के रिजॉल्यूशन ने बहुत कम रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम बनाता है। यह इलक्ट्रो ऑप्टिकल और लेज़र जैसे अन्य सेंसर को लक्षित सीमा, दिगंश और ऊंचाई प्रदान करते हुए खतरे के खिलाफ प्रतिउपाय करने के लिए भी प्रेरित कर सकता है। बीईएल के अधिकारी ने बताया।

डीडीआर हर मौसम में दिन और रात एक निर्दिष्ट हवाई क्षेत्र की निगरानी करने में सक्षम है। रडार को वायरयुक्त संचार के माध्यम से नियंत्रित और दूरस्थ रूप से संचालित किया जा सकता है। तैनात करना और बैकपैक में ले जाना आसान है जो इसे पोर्टेबल बनाता है।

उन्होंने कहा, अधिकारियों का कहना है कि उत्पाद अनुकूलन योग्य है। “यह वाहन, जैमर और बंदूक पर लगाया जा सकता है। विभिन्न उड़ने वाली वस्तुओं के साथ इसका परीक्षण किया गया है और भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के समक्ष क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया है।

हार्ड किल और सॉफ्ट किल तंत्र के साथ ड्रोन

भारतीय नौसेना ने सितंबर में” हार्ड किल “और” सॉफ्ट किल “क्षमताओं के साथ भारत के पहले स्थानीय रूप से निर्मित नौसेना एंटी-ड्रोन सिस्टम (एनएडीएस) के लिए बीईएल के साथ एक ठेके पर हस्ताक्षर किया।

इन मशीनों को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है और बीईएल द्वारा निर्मित किया गया है।

इस प्रणाली में एक रडार शामिल है जो 4 किमी तक के माइक्रो ड्रोनों का पता लगाने के साथ 360 डिग्री कवरेज के साथ आता है और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर जो स्पष्ट मौसम में चुनिंदा दिगंश में 2 किमी तक के माइक्रो-ड्रोनों का पता लगा सकता है। इसमें 3 किमी तक के आरएफ कम्युनिकेशन, रेडियो फ्रीक्वेंसी/ग्लोबल नेविगेशन फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट सिस्टम (आरएफक्यू/जीएनएसएस सिग्नल के लिए 3 किमी तक जैमिंग) और 150 मीटर से 1 किमी के बीच माइक्रोड्रोनों को बेअसर करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक लेज़र-आधारित हार्ड किल सिस्टम है। सेंसर को कमांड पोस्ट के माध्यम से एकीकृत किया गया है।

सॉफ्ट किल जैमिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपायों का उपयोग करता है। इसके तहत, हम दुश्मन के ड्रोनों को तोड़-मरोड़ सकते हैं और उन्हें गुमराह कर सकते हैं… एक अधिकारी ने कहा।

Categories
प्रेस विज्ञप्ति समाचार

बेंगलूरु: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने एयरबेस सुरक्षित करने, खुफिया जानकारियां जुटाने के लिए यूएवी विकसित किया

रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) विकसित किया है जो ऐसे अनुप्रयोगों के लिए आदर्श रूप से उपयुक्त हैं जिन्हें अधिक सहनशीलता की आवश्यकता होती है। यह एयरबेस को सुरक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो 2016 में पठानकोट वायु सेना स्टेशन में हुए जैसे हमलों को रोक सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि यूएवी प्रणाली का उपयोग हवाई टोह लेने और खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए भी किया जा सकता है। इस प्रणाली में एक हेक्साकॉप्टर, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक पेलोड, ऑटो विचिंग प्रणाली के साथ-साथ एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन शामिल हैं। यह 100 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है और इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल (ईओ/आईआर) सेंसर हैं। यह दिन में 2 किमी और रात में 1 किमी तक के त्रिज्या का सर्वेक्षण करने में सक्षम है। यह उड़ान के दौरान किसी भी समय छवि स्नैपशॉट ले सकता है और यूएवी प्रणाली को कठोर वातावरण का सामना करने के लिए बनाया गया है। वायर्ड केबल से संचालित, यह छह घंटे तक उड़ सकता है और मोटर को ठंडा होने के लिए एक घंटे की आवश्यकता होती है। यदि बिजली अचानक बंद हो जाती है, तो इन-बिल्ट बैटरी इसे पांच मिनट के लिए बिजली प्रदान करना जारी रख सकती हैं। इस प्रणाली का उपयोग इलेक्ट्रो-ऑप्टिक पेलोड के विस्थापन के साथ अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए विभिन्न निगरानी और निगरानी अनुप्रयोगों के लिए प्रभावी ढंग से किया जा सकता है और इसका लाभ लंबे समय तक मिलने वाला है। बीईएल के अभियंताओं ने नौ महीने पहले यूएवी विकसित करने पर काम करना शुरू किया था। रक्षा पीएसयू एक मल्टी-रोटर यूएवी, हेक्साकॉप्टर-20 भी विकसित कर रहा है। यह अन्य मल्टीकॉप्टरों के साथ सहयोगी मिशन करने में सक्षम एक मध्यम ऊंचाई वाला दीर्घकालिक स्थायित्व (एमएएलई) यूएवी है। हेक्साकॉप्टर को एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत), लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (एलआईडीएआर) और माइक्रोफोन अनुप्रयोगों के आधार पर वांछित पेलोड लेने और उसे सक्रिय करने के लिए कस्टमाइज किया जा सकता है। इसका एक सरल यूजर इंटरफेस है, जिसे एकल ऑपरेटर द्वारा संभाला जा सकता है। यूएवी को बेंगलुरु स्थित एक स्टार्टअप के सहयोग से विकसित किया गया है। इसकी क्षमताओं को सेना और वायु सेना को दिखाया गया है और बीईएल के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने इसमें रुचि दिखाई है।