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बीईएल ने ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 4 फरवरी, 2021- एरो इंडिया 2021 बेंगलूरु में, नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) तथा ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. ने ऑटोनमस मैनपेड डाटा लिंक सिस्टम (एएमडीएलएस) के विकास में सहयोग करने और साथ ही भारत सरकार की मेक इन इंडिया जैसे नीतिगत पहलों को आगे बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया ।

बीईएल और ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. की ओर से क्रमश: श्री राजशेखर एम.वी., निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और विंग कमांडर एम वी एन साई, निदेशक- रक्षा, ग्रेने रोबोटिक्स ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया ।

ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. के बारे में

ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. अग्रणी प्रौद्योगिकी और अनुसंधान व विकास केंद्र है जो स्वाभाविक दक्षता और बुद्धिमत्ता डिज़ाइन से प्रेरित भारतीय कंपनी है । 2008 में अपनी शुरुआत से ही ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. ने उद्यमों और सरकार के लिए अत्यंत लाभदायक और अपनी तरह की स्वतंत्र प्रणालियों की डिज़ाइन, विकास और परिनियोजन करने की दृष्टि से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और रोबोटिक्स के अनुसंधान व विकास में अग्रणी रही है । ग्रेने रोबोटिक्स को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन ज्ञानार्जन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए रक्षा संबंधी सभी एकीकरण प्रणालियों का निर्माण करने के लिए सॉफ्टवेयर परिवेश में विशेषज्ञका प्राप्त है ।

बीईएल के बारे में

बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जिसके उत्पाद रक्षा कारोबार में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी एवं गन/शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में है। बीईएल के रक्षा-इतर कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन, गृहभूमि सुरक्षा एवं स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण एवं अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, ए.आई., सायबर सुरक्षा, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर एवं मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद, श्री राजशेखर एम.वी., निदेशक (आर एंड डी), बीईएल ने कहा- “एएमडीएल एक आधुनिक एवं नवीनतम डाटा लिंक प्रणाली है, जिसमें एक व्यापक वायु रक्षा समाधान प्रदान करने के लिए एआई का उपयोग किया जाता है । हम ग्रेने रोबेटिक्स के साथ साझेदारी करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं, जो एआई और रोबोटिक्स के मुख्य क्षेत्रों में काम करने वाली अग्रणी कंपनी है ।”

बीईएल और ग्रेने रोबोटिक्स के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एरो इंडिया 2021 में समझौता ज्ञापन दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए श्री राजशेखर एम.वी., निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और विंग कमांडर एम वी एन साई, निदेशक – रक्षा, ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. ।

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बीईएल ने एल एंड टी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

बेंगलूरु, 4 फरवरी, 2021 – एरो इंडिया 2021 में आज नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड (एल एंड टी) ने रक्षा उत्पादों एवं प्रणालियों के लिए उभरते देशीय और निर्यात बाज़ार की ज़रूरतों को पूरा करने में सहयोग जारी रखने के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। इस एम.ओ.यू. से रणनीतिक गठबंधन करते हुए दोनों कंपनियों की सक्षमताएँ बढ़ाने, स्वदेशीकरण की मात्रा बढ़ाने और देशीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए उच्च स्तर की और उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए सहयोग करने तथा निर्यात की संभावना बढ़ाने में मदद मिलेगी।

श्रीमती आनंदी रामलिंगम, निदेशक (विपणन), बीईएल और श्री अरुण रामचंदानी, कार्यकारी उपाध्यक्ष (रक्षा एवं एरोस्पेस), एल एंड टी ने एम.ओ.यू. दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।

बीईएल के बारे में – बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जिसके उत्पाद रक्षा कारोबार में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी एवं गन/शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में है। बीईएल के रक्षा-इतर कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन, गृहभूमि सुरक्षा एवं स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण एवं अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, ए.आई., सायबर सुरक्षा, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर एवं मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड (एल एंड टी) के बारे में – लार्सन एंड टूब्रो एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है जो ई.पी.सी. परियोजनाएँ, उच्च-तकनीक का विनिर्माण एवं सेवाएँ प्रदान करती है और इसका यूएसडी 21 बिलियन से अधिक का कारोबार है। इसका कारोबार दुनिया भर के 30 से अधिक देशों में फैला हुआ है। मज़बूत, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण और उच्च स्तरीय गुणता की निरंतर खोज ने एल एंड टी को आठ दशकों से अपने प्रमुख कारोबारी क्षेत्रों में नेतृत्व की स्थिति प्राप्त करने और उसे बनाए रखने में मदद की है।

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बीईएल ने बेरेट्टा इटली के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए

बेंगलूरु, 3 फरवरी, 2021 – भारत सरकार की दूरदृष्टि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुसार, नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इटली की प्रमुख हथियार निर्माता कंपनी बेरेट्टा इटली ने एरो इंडिया 2021 में रक्षा और रक्षा-इतर ग्राहकों की ज़रूरत के अनुसार क्लोज़ क्वार्टर कार्बाइन वेपन (सीक्यूबी कार्बाइन) और अन्य छोटे शस्त्रों का स्वदेशी निर्माण करने के लिए एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। श्रीमती आनंदी रामलिंगम, निदेशक (विपणन), बीईएल और श्री कार्लो फर्लिटो, महाप्रबंधक, फैब्रिका डी’आर्मी पिएट्रो बेरेट्टा एस.पी.ए. और उपाध्यक्ष, बेरेट्टा डिफेंस टेक्नालाजीस ने बीईएल और बेरेट्टा इटली की ओर से एम.ओ.यू. दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।

बीईएल के बारे में

बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जिसके उत्पाद रक्षा कारोबार में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी एवं गन/शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में है। बीईएल के रक्षा-इतर कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन, गृहभूमि सुरक्षा एवं स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण एवं अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, ए.आई., सायबर सुरक्षा, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर एवं मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

फैब्रिका डी’आर्मी पिएट्रो बेरेट्टा एस.पी.ए. (बेरेट्टा इटली) के बारे में – फैब्रिका डी’आर्मी पिएट्रो बेरेट्टा (बेरेट्टा इटली) रक्षा और कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित नाम है। उद्योग की अत्याधुनिक एवं नवीनतम सुविधाओं के साथ दुनिया में छोटे गोला-बारूद की व्यापक श्रृंखला का निर्माण करने वाली इस कंपनी का सबसे पुराना कारखाना (औपचारिक रूप से 1526 में स्थापित) बेरेट्टा परिवार की 15 पीढ़ियों का साक्षी रहा है और अब यह 100 से अधिक देशों को निर्यात करता है। बेरेट्टा इटली बी.डी.टी. एलायंस का हिस्सा है। बेरेट्टा डिफेंस टेक्नालॉजीस (बी.डी.टी.) बेरेट्टा की चार धारक रक्षा कंपनियों – बेरेट्टा, बिनेली, साको और स्टीनर का रणनीतिक गठबंधन है। बी.डी.टी. की ये संस्थापक कंपनियाँ अपने बाज़ार की कुछ सबसे उत्कृष्ट अस्त्र-शस्त्र और उपकरणों का निर्माण करती हैं। लगातार उत्कृष्टता हासिल करने वाली और नव-विश्व विचारकों वाली इन कंपनियों ने सरकार और एजेंसियों को अत्यावश्यक उपकरणों की आपूर्ति करने के एकल संपर्क स्रोत बनने में अपनी तकनीकी शक्तियों को संयोजित करने पर ध्यान दिया है जो आधुनिक समाघात और नीतियों की ज़रूरतों को संपूर्ण रूप से पूरा करते हैं।

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बीईएल में संविधान दिवस मनाया गया

बेंगलूरु, 26 नवंबर, 2020 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने 26 नवंबर, 2020 को संविधान दिवस मनाया। वर्ष 1949 को इसी दिन भारत के संविधान को अंगीकार किया गया था। तदुपरांत हमारा संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इस अवसर पर बीईएल की सभी यूनिटों और कार्यालयों में भारतीय संविधान की उद्देशिका पढ़ी गई। संविधान दिवस के बैनर भी प्रदर्शित किए गए। कंपनी के सभी कार्यपालकों को भारत के संविधान निर्माण की वीडियो मेल द्वारा भेजी गई।

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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने भारत सरकार को रु 174 करोड़ का अंतरिम लाभांश अदा किया

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), नवरत्न रक्षा पीएसयू ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए भारत सरकार को अपनी चुकता पूंजी पर 140% का अंतरिम लाभांश अदा किया ।

श्री एम वी गौतमा, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, बीईएल ने 12 मार्च, 2020 को नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा धारित शेयरों पर प्रदेय  रु174,43,63,569.20/- (रु. एक सौ चौहत्तर करोड़ तैंतालीस लाख तिरसठ हजार पाँच सौ उनहत्तर और पैसे बीस मात्र) के अंतरिम लाभांश का चेक माननीय रक्षा मंत्री महोदय श्री राजनाथ सिंह को सौंपा । वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बी ई एल ने अपने शेयरधारकों के लिए 140%के अंतरिम लाभांश (रु. 1.40 प्रति शेयर) की घोषणा की है।

यह लगातार 16 वां वर्ष है जब बीईएल अंतरिम लाभांश अदा कर रही है । बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपनी चुकता पूंजी पर 340% का कुल लाभांश किया है।

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बीईएल ने कार्पोरेट गवर्नेंस के लिए आईसीसी पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार जीता

बेंगलूरु, 12 अक्तूबर, 2020 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को आज इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) द्वारा आयोजित वर्चुअल समारोह में कार्पोरेट गवर्नेंस के लिए पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार 2019 प्रदान किया गया । कंपनी की ओर से श्री दिनेश कुमार बत्रा, निदेशक (वित्त) ने यह पुरस्कार प्राप्त किया ।

आईसीसी द्वारा ऑनलाइन आयोजित 10वें पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार उल्लेखनीय परिवर्तन लाने वालों को सम्मानित करने और भारतीय अर्थ व्यवस्था में योगदान देने वालों को मान्यता प्रदान करने की पहल है ।

बीईएल को यह पुरस्कार इसकी कार्पोरेट गवर्नेंस पहलों – जोखिम शमन के उपाय, भ्रष्टाचार-रोधी और सुशासन नीतियों पर प्रशिक्षण, सार्वजनिक कार्य क्षेत्र में सूचना साझा करना, स्वतंत्र निदेशकों और महिला निदेशकों के साथ इसके निदेशक मंडल, सचेतक नीति और आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए प्रदान किया गया ।

बीईएल द्वारा कार्पोरेट गवर्नेंस के लिए अपनाई गई सर्वोत्तम कार्यप्रणाली में शामिल है – मंडल का डिजिटलीकरण- बीईएल ने सभी निदेशकों को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न समिति और रणनीतिक बैठकों का आयोजन करने के लिए, सभी सांविधिक आवश्यकताओं का अनुपालन करने और इस तरह यात्रा के समय और लागत की बचत, कार्यसूची का मुद्रण न कर पृष्ठों की बचत और इस प्रकार हरित पहल को बढ़ावा देने के लिए आईपैड प्रदान किए हैं; स्वतंत्रता – स्वतंत्र निदेशकों को स्वतंत्रता सुनिश्चित करना ताकि वे कंपनी के व्यवसाय की निगरानी में अपनी सोच, व्यावहारिक दृष्टिकोण और लचीलापन विकसित कर सकें । विभिन्न क्षेत्रों में विविध अनुभव रखने वाले पेशेवर निदेशकों की विशेषज्ञता से मंडल को अभिनव कॉर्पोरेट गवर्नेंस स्थापित करने; अनुपालन / प्रकटीकरण पद्धतियों को अपनाने; शेयरधारक तुष्टिकरण सर्वेक्षण करने और सतत विकास पहल और पारिस्थितिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली ।

फोटो कैप्शन- इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) द्वारा आयोजित वर्चुअल समारोह में कंपनी की ओर से कार्पोरेट गवर्नेंस के लिए पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार 2019 प्राप्त करते हुए श्री दिनेश कुमार बत्रा, निदेशक (वित्त), बीईएल ।

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श्री एम वी राज शेखर ने बीईएल के निदेशक (अनुसंधान व विकास) का पद संभाला

बेंगलूरु, 1 सितंबर, 2020: श्री एम वी राजशेखर ने 1 सितंबर, 2020 को नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) के निदेशक (अनुसंधान व विकास) का कार्यग्रहण किया। इस पदोन्नति से पहले वे बीईल के केंद्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला (सीआरएल)-बेंगलूरु में मुख्य वैज्ञानिक और बीईएल के कार्पोरेट कार्यालय में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओ.एस.डी.) थे।

श्री एम वी राजशेखर ने श्री वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी, तिरुपति से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी में बी.टेक करने के बाद 1 फरवरी, 1985 को परिवीक्षाधीन अभियंता के रूप में बीईएल की गाज़ियाबाद यूनिट में कार्य ग्रहण किया था। अपने 35 वर्षों के लंबे करियर में, उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया और बीईएल की विविध प्रौद्योगिकियों में समृद्ध अनुभव अर्जित किया।

बीईएल की गाज़ियाबाद यूनिट में अपने कार्यकाल के दौरान वे स्थैतिक एवं डिज़िटल मोबाइल ट्रोपो-स्कैटर संचार एवं सैटकॉम, रेडार प्रदर्श एवं कमान व कंट्रोल सिस्टम जैसे संचार उत्पादों के परीक्षण में शामिल रहे। वर्ष 2000 में उन्हें हैदराबाद यूनिट भेजा गया जहाँ उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति की विभिन्न प्रणालियों के परीक्षण व कार्यारंभ पर कार्य किया। वर्ष 2004 में उन्हें मछिलिपट्टणम यूनिट भेजा गया।

मछिलिपट्टणम यूनिट में अपने कार्यकाल के दौरान, श्री राज शेखर ने रात्रि दर्शी साधित्र की डिज़ाइन और विकास के लिए योगदान दिया जिसकी गृह मंत्रालय और भारतीय थलसेना को बड़ी मात्रा में आपूर्ति की गई। उन्होंने आई.आर. ऑप्टिक्स में बीईएल के लिए अच्छी डिज़ाइन का आधार तैयार किया और सीआरएल- बेंगलूरु में संकेत प्रसंस्करण विकास की पहल की। आईआरडीई (डीआरडीओ) के सहयोग से अत्याधुनिक व नवीनतम थर्मल इमेजर आधारित साइटों व प्रणालियों के स्वदेशी विकास में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई जिसके कारण कंपनी के कारोबार में उल्लेखनीय प्रगति हुई।

मई 2016 में, उन्हें मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (इलेक्ट्रो ऑप्टिक एवं लेज़र) के पद पर पदोन्नत किया गया। सीटीओ (ईओ एंड एल) के रूप में, उन्होंने बीईएल के उत्पाद विकास एवं नवोन्मेष केंद्र (पीडी एंड आईसी) में इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स एवं लेज़र में अनेक नई परियोजनाओं की पहल की और यूनिट की डी एंड ई और सीआरएल-बेंगलूरु के प्रयासों को गति प्रदान की। भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरु और सेंट्रल ग्लास एंड सिरामिक रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीजीसीआरआई) के साथ रणनीतिक सहयोग करते हुए फायबर लेज़र प्रौद्योगिकी के विकास के लिए वे सीआरएल- बेंगलूरु और पीडीआईसी के वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणास्रोत बने।

निदेशक (अनुसंधान व विकास) के रूप में उनकी पदोन्नति से पहले, जून, 2019 में, उन्हें मुख्य वैज्ञानिक के रूप में सीआरएल- बेंगलूरु भेजा गया जहाँ उन्होंने कृत्रिम आसूचना, रोबोटिक्स एवं ड्रोन, सायबर सुरक्षा, क्लाउड एवं डेटा एनालिटिक्स, सामरिक संचार, रेडार सिग्नल एवं डेटा प्रसंस्करण, ईओ एंड एल, स्मार्ट कंप्यूटिंग डिवाइस, एम्बेडेड सिस्टम, नेटवर्किंग डिवाइस और सिस्टम तथा ईडबल्यू एंड अकास्टिक्स के लिए उन्नत सिग्नल प्रोसेसर जैसी विविध प्रौद्योगिकियों पर काम करने वाले लगभग 260 वैज्ञानिकों की टीम का नेतृत्व किया।

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बीईएल ने 30,000 वेन्टिलेटर बनाने की उपलब्धि हासिल की

बेंगलूरु, 14 अगस्त, 2020 – भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), रक्षा मंत्रालय के अधीननवरत्न पीएसयू आज कोविद-19 महामारी से लड़ने के अपने प्रयासों में भारत सरकार की मददकरने हेतु रिकार्ड समय में 30,000 आईसीयू वेन्टिलेटरों के निर्माण के सफल समापन की सहर्षघोषणा की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविद के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश कीस्वास्थ्य-सेवा अवसरंचना की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अप्रैल 2020 में इन 30,000आईसीयू वेन्टिलेटरों का आदेश दिया था।

बीईएल ने मे. स्कैनरे टेक्नालॉजीस प्राइवेट लि. मैसूरु के साथ किए गए लाइसेंस करार औरडीआरडीओ के डिज़ाइन सहयोग के आधार पर आईसीयू वेन्टिलेटर, मॉडल सीवी 200 का निर्माणकिया है। अत्यंत जटिल चिकित्सा श्रेणी के मिनिएचर प्रपोर्शनल वाल्व, ऑन/ऑफ सोलिनाएडवाल्व, ऑक्सीजन सेन्सर और फ्लो सेन्सर जैसे महत्वपूर्ण घटकों की अनुपलब्धता को दूर करने केलिए डीआरडीओ, बीईएल और स्कैनरे द्वारा किए गए स्वदेशीकरण के प्रयास निश्चित रूप सेभविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे क्योंकि भारत अब सक्षम और समर्थ चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिकपरितंत्र होने पर गर्व कर सकेगा। उक्त आदेश प्राप्त करने के बाद, अपनी दक्ष उत्पाद प्रणालीक्षमताओं के आधार पर, दो सप्ताह के भीतर ही बीईएल ने हर दिन 500 से 1,000 वेन्टिलेटर बनानेकी निर्माण व्यवस्था स्थापित की।

इन वेन्टिलेटरों का निर्माण कार्य गंभीर लॉकडाउन अवधि के दौरान किया गया और आपूर्ति कड़ीसंबंधी बाधाओं से निपटने में बीईएल को विभिन्न सरकारी एजेंसियों से पूरा सहयोग प्राप्त हुआ।चूँकि इन वेन्टिलेटरों का निर्माण केंद्र बीईएल का बेंगलूरु यूनिट था, कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउनसंबंधी विभिन्न समस्याओं से निपटने के लिए बीईएल के लिए एक नोडल आई.ए.एस. अधिकारीको नामांकित करते हुए अतिरिक्त समर्थन प्रदान किया। कम समय में 30,000 वेन्टिलेटरों कानिर्माण करने में बीईएल का सहयोग करने वाले अनेक भारतीय उद्योग जिनमें एमएसएमई सेलेकर बड़े कारोबारी गृह शामिल थे, के प्रति भी बीईएल अपना विशेष आभार प्रकट करती है।

भारत भर के विशेषज्ञ डॉक्टरों और अस्पतालों की समिति से प्राप्त बहुमूल्य प्रतिपुष्टि ने बीईएलको भारतीय कोविद मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रचालन केअतिरिक्त तरीकों के साथ वेन्टिलेटर को तुरंत उन्नत करने में मदद की। केंद्र और राज्य सरकार केप्राधिकारियों के बीच निर्बाध समन्वय से बीईएल को प्रतिष्ठित निजी सहयोगियों की मदद सेस्थापना और संस्थापना कार्य तेजी से करने में मदद मिली।

बीईएल इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम में अपना सहयोग देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धन्यवाद देती है।बीईएल, डीआरडीओ, स्कैनरे तथा उद्योग के अन्य सभी साझेदारों को चिकित्सा श्रेणी के उपकरणोंको स्वदेशी रूप से बनाने और देश की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को समय पर पूरा करने के लिए एकसक्षम परितंत्र तैयार करने में भारत सरकार की पहल का हिस्सा बनने पर गर्व है। यह भारत सरकारकी मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल का एक सच्चा उदाहरण है।

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रक्षा मंत्री जी ने रणनीतिक उत्पादों के स्वदेशीकरण के लिए बीईएल का ई.ओ.आई. जारी करने की घोषणा की

बेंगलूरु / दिल्ली, 14 अगस्त, 2020 – माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह जी ने शुक्रवार को आत्मनिर्भर भारत की पहल के अंतर्गत पाँच उत्पादों के स्वदेशीकरण के लिए अंतर सरकारी करार (आई.जी.ए.) और मेक-II वर्ग के तहत नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा जारी किए जा रहे रुचि प्रकटण (ई.ओ.आई.) / प्रस्ताव का अनुरोध (आर.एफ.पी.) की घोषणा वीडियो कॉनफ्रेंसिग द्वारा की।

इस अवसर पर श्री गौतम एम वी, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, बीईएल ने पाँच उत्पादों नामत: ब्रेज़िंग वायर, मोशन प्लेटफार्म, 6 डिग्री ऑफ फ्रीडम (DoF) और पेलोड 1000-2000 कि.ग्रा., छोटे आर्म सिम्यूलेटरों के लिए डमी वेपन, सिंगल बोर्ड कंप्यूटर (SBC) और 62X डे ज़ूम लैन्स पर माननीय रक्षा मंत्री जी को प्रस्तुतीकरण दिया।

ब्रेज़िंग वायर विशेष मिश्र धातु के होते हैं जिनका आयात वर्तमान में जर्मनी और यूएसए से किया जा रहा है। इनका उपयोग धातुओं के असमान पुर्जों जिन्हें एक्स-रे और एम.आर.आई. मशीन जैसे चिकित्सा उपकरणों में प्रयोग किया जाता है, को जोड़ने की वैक्यूम ब्रेज़िंग प्रक्रिया में किया जाता है।

मोशन प्लैटफॉर्म, 6 डिग्री ऑफ फ्रीडम (डीओएफ) एंड पेलोड 1000-2000 कि.ग्रा. वेहिक्यूलर सिम्युलेटर जिन्हें वर्तमन में ऑस्ट्रेलिया से मंगवाया जाता है, के लिए एक महत्वपूर्ण सब-एसेंबली होती है।

छोटे आर्म सिम्युलेटर के लिए डमी वेपन विभिन्न छोटे आर्म ट्रेनिंग सिम्यूलेटर का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसे स्वीडन से मंगवाया जाता है और स्वदेशी रूप से उपलब्ध नहीं है । इस सिम्युलेटर से उपयोगकर्ता को किसी भी फायरिंग स्थिति को चुन सकता है, चाहे वह खड़ा हो, घुटने पर हो या लेटा हो । सामूहिक प्रशिक्षण के लिए ऐसे कई प्रशिक्षण सिम्युलेटर स्थापित किए जा सकते हैं ।

सिंगल बोर्ड कंप्यूटर (एसबीसी) स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित एलिन्ट सिस्टम का एक सिस्टम नियंत्रक मॉड्यूल है, जिसे देश की सीमाओं पर तैनात किया जा रहा है । एसबीसी बोर्ड एक बहु-स्तरित पीसीबी है जिसे क्वाड कोर i7 प्रोसेसर और विभिन्न ऑन-बोर्ड इंटरफ़ेस और मेमोरी उपकरणों के साथ डिज़ाइन किया गया है । इसके इंटरफेस में ईथरनेट, यूएसबी पोर्ट और आईए लाइनें होती हैं जिनका उपयोग सिस्टम में अन्य उच्च गति के बोर्ड में संकेतों का पारेषण करने के लिए किया जाता है । इस मॉड्यूल को वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका से मंगवाया जा रहा है और इसे आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी बनाने का प्रस्ताव है ।

2X डे ज़ूम लैन्स लंबी दूरी का दिन की चौकसी उपकरण का हिस्सा है जिसे वर्तमान में यूएसए से मंगवाया जा रहा है और थलसेना / गृह मंत्रालय द्वारा इसकी बड़ी आवश्यकता महसूस की जा रही है। वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए रु. 0.1 करोड़ मूल्य के इस लैन्स की खरीद की जानी प्रस्तावित है ।

विक्रेता बैठक – बीईएल ने वेबिनार के माध्यम से विक्रेता बैठक आयोजित की । श्रीमती आनंदी रामलिंगम, निदेशक (विपणन) ने मेक इन इंडिया हिस्से के रूप में विक्रेताओं को बीईएल के विक्रेता विकास कार्यक्रम के बारे में बताया । उन्होंने बीईएल के विक्रेताओं से स्वदेशीकरण की दिशा में बीईएल द्वारा जारी किए गए विभिन्न ईओआई में भाग लेने का आग्रह किया।

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रक्षामंत्री ने बीईएल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित उत्पादों को लॉन्च किया

बेंगलूर/ दिल्ली, 14 अगस्त, 2020 – माननीय रक्षामंत्री, श्री राजनाथ सिंह जी ने गुरुवार, 13 अगस्त, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत विभिन्न रणनीतिक अनुप्रयोगों में उपयोग के लिए स्वदेशी रूप से विकसित दो उत्पादों- लीनियर वेरिएबल डिफरेंशियल ट्रांसड्यूसर (एलवीडीटी) और 1kW ट्रांसमीटर एरियल स्विचिंग रैक लॉन्च किए गए ।

इस अवसर पर श्री गौतम एम वी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने माननीय रक्षामंत्री को इन उत्पादों पर एक प्रस्तुति दी, जिन्हें बीईएल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया।

लीनियर वेरिएबल डिफरेंशियल ट्रांसड्यूसर (एलवीडीटी) एक मोशन सेंसिंग और फीडबैक कंट्रोल डिवाइस है, जिसे मुख्य रूप से डीआरडीओ के लैब गैस टर्बाइन रिसर्च इस्टैब्लिशमेंट (जीटीआरई) और रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) को आपूर्ति के लिए विकसित किया गया है। इसके कार्यात्मक मापदंडों की अपनी उच्च सटीकता के कारण, एलवीडीटी का अनुप्रयोग एयरोस्पेस, मिसाइलों, सौर, विमान इंजन, पवन ऊर्जा और नौसेना प्रणालियों में किया जाता है और यह प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों में काम करता है। एलवीडीटी को अनुकूलित रेट्रोफिट आवश्यकता के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है। आत्मनिर्भरता की दिशा में इस उत्पाद का विकास भारत के लिए एक बहुत बड़ा कदम है और अगले दो से तीन वर्षों के समय में इससे लगभग रु. 100 करोड़ तक विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

1kW ट्रांसमीटर हवाई स्विचिंग रैक (एएसआर) को बीईएल द्वारा पूरी तरह से संस्थागत रूप से डिजाइन किया गया है, जिसकी आपूर्ति भारतीय नौसेना के जहाजों पर एडवांस्ड कंपोज़िट कम्यूनिकेशन सिस्टम (एसीसीएस) के तहत की जाएगी। इस कॉन्फ़िगरेशन से चार उच्च आवृत्ति (एच.एफ.) ट्रांसमीटरों को चार एच.एफ. एंटेना को किसी भी संयोजन में एंटेना ट्यूनिंग यूनिट (ए.टी.यू.) में स्विच किया जा सकता है । इससे उपयोगकर्ता अधिकता के लिए किसी भी रेडियो को किसी भी एंटेना के साथ स्विच कर सकते हैं। इस सिस्टम को आईपी आधारित नेटवर्क में सुदूर रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।

एएसआर यूएसए से एचएफ एरियल स्विचिंग यूनिट के लिए एक आयात प्रतिस्थापन है और इससे प्रति यूनिट लगभग रु. 30 लाख की एफए बचत होगी ।