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पूर्तिकर्ताओं के लिए वेबिनार

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पूर्तिकर्ताओं के लिए वेबिनार

कार्पोरेट गुणता विभाग रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार “भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ” के उपलक्ष्य में बीईएल के पूर्तिकर्ताओं के लिए एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है।

वेबिनार में प्रस्तुतीकरण (पी.पी.टी.) के विवरण इस प्रकार हैं –

दिनांक – 07-09-2021 (मंगलवार)

समय – दोपहर 2 बजे से सायं 5 बजे तक (90 मिनट का प्रस्तुतीकरण और 90 मिनट की चर्चा)

लक्षित समूह – सभी यूनिटों / एसबीयू / सीएसजी के उप-ठेका / क्रय पूर्तिकर्ता

माध्यम – इंटरनेट सिस्को वेबेक्स – लिंक

वेबिनार का विषय – “संपूर्ण आपूर्ति कड़ी में गुणता सुधार”

पूर्तिकर्ताओं से अनुरोध है कि वे वेबिनार में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराएं।

पूर्तिकर्ताओं द्वारा पंजीकरण का लिंक नीचे दिया गया है –

https://bel-india.webex.com/webappng/sites/bel-india/meeting/info/c51871198ad74148a94b5043726795c0

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भारतीय नौसेना ने नौसैनिक द्रोण-रोधी प्रणाली की आपूर्ति के लिए बीईएल के साथ संविदा पर हस्ताक्षर किया

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नई दिल्ली, 31 अगस्त, 2021 – भारतीय नौसेना ने हार्ड किट और साफ्ट किट दोनों क्षमताओं से युक्त पहली स्वदेशी, व्यापक नौसैनिक द्रोण-रोधी प्रणाली (एन.ए.डी.एस.) की आपूर्ति के लिए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ संविदा पर हस्ताक्षर किए।

आज नई दिल्ली में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और डीआरडीओ के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में भारतीय नौसेना और बीईएल द्वारा इस संविदा पर हस्ताक्षर किए गए। डीआरडीओ और बीईएल द्वारा द्रोण-रोधी प्रणाली के संयुक्त विकास में भारतीय नौसेना ने निरंतर सहयोग प्रदान किया और प्रमुख भूमिका निभाई।

डीआरडीओ द्वारा विकसित और बीईएल द्वारा निर्मित एन.ए.डी.एस. भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने वाली स्वदेशी रूप से विकसित पहली द्रोण-रोधी प्रणाली है। दुश्मनों के द्रोण से होने वाले खतरों से बचने के लिए आत्मनिर्भर भारत की पहल के तहत, पूरी तरह स्वदेशी इस प्रणाली को तैयार करने में बीईएल-बेंगलूरु, हैदराबाद, पुणे और मचिलिपट्टणम यूनिटें और डीआरडीओ की प्रयोगशालाएं, एलआरडीई-बेंगलूरु, डीएलआरएल और सीएचईएसएस, हैदराबाद तथा आईआरडीई-देहरादून ने भारतीय नौसेना के साथ गहन सहयोग किया है।

नौसेना की द्रोण-रोधी प्रणाली माइक्रो द्रोण का तुरंत पता लगा सकती है और उन्हें अवरुद्ध कर सकती है और इसमें लक्ष्यों को खत्म करने के लिए लेज़र आधारित मारक कार्यप्रणाली का उपयोग किया जाता है। एन.ए.डी.एस. नौसेना की रणनीतिक संस्थापनाओं को द्रोण के बढ़ते खतरे को पूरी तरह रोकने में प्रभावी होगी।

एन.ए.डी.एस. को पहले इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में सुरक्षा प्रदान करने के लिए और उसके बाद लाल किले में माननीय प्रधान मंत्री के स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान तैनात किया गया था । 360 डिग्री कवरेज देने वाली इस प्रणाली को मोदी-ट्रंप के रोडशो के लिए अहमदाबाद में भी तैनात किया गया था।

नौसैनिक द्रोण-रोधी प्रणाली में माइक्रो द्रोण का पता लगाने और उसे अवरुद्ध करने के लिए रेडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल / इनफ्रारेड (ई.ओ./आई.आर.) सेन्सरों और रेडियो फ्रीक्वेंसी (आर.एफ.) डिटेक्टरों का इस्तेमाल किया जाता है। डीआरडीओ की आर.एफ./ग्लोबल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जी.एन.एस.एस.) कंट्रोलर द्वारा प्रयुक्त फ्रीक्वेंसी का पता लगाता है और उसके बाद सिग्नलों को अवरुद्ध कर दिया जाता है। डीआरडीओ की द्रोण-रोधी प्रौद्योगिकी प्रणाली में तेजी से आने वाले हवाई जोखिमों से निपटने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के लिए ‘साफ्ट किल’ और ‘हार्ड किल’ दोनों विकल्प प्रदान किए गए हैं।

एन.ए.डी.एस. के स्थैतिक और गतिशील दोनों वर्शन की आपूर्ति भारतीय नौसेना को संविदा पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद की जाएगी।

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रक्षा मंत्री ने बीईएल की ट्रांसड्यूसर उत्पादन सुविधा, ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर का उद्घाटन किया

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बेंगलूरु, 13 अगस्त, 2021 – माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह जी ने शुक्रवार को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह (आजादी का अमृत महोत्सव) के अंतर्गत नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के बेंगलूरु कॉमप्लेक्स में पीएम केयर्स पहल के तहत स्थापित ट्रांसड्यूसर उत्पादन सुविधा और बीईएल द्वारा निर्मित ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर का उद्घाटन (वीडियो कॉनफ्रेंस द्वारा) किया।

इस अवसर पर श्रीमती आनंदी रामलिंगम, स्थानापन्न सीएमडी, निदेशकगण तथा बीईएल और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

ट्रांसड्यूसर उत्पादन सुविधा रु. 30 करोड़ की लागत से निर्मित यह एक बृहद् संस्थागत सुविधा है जिसमें ट्रांसड्यूसर और अंतर्जलीय उपकरणों की व्यापक श्रृंखला का उत्पादन व परीक्षण किया जाएगा। ट्रांसड्यूसर परीक्षण सुविधाओं में दाब परीक्षण सुविधा, ध्वानिक परीक्षण सुविधा और भार परीक्षण सुविधा शामिल होगी। विभिन्न अवस्थाओं में गुणता और तकनीकी विनिर्देशों को नियंत्रित करने के लिए यह प्रिसीजन उपकरणों से सुसज्जित है जैसे पीज़ो-सिरामिक्स की स्टेकिंग के लिए पिसीजन जिग्स और फिक्सचर, ट्रांसड्यूसर एलिमेंट / हाइड्रोफोन का मापन व ट्यूनिंग, पोस्ट वलकेनाइज़ेशन बांडिंग मशीनें आदि।

इस सुविधा से प्रारंभिक वर्षों में रु. 75-80 करोड़ का और वर्ष 2026 तक रु. 200 करोड़ तक का वार्षिक कुल कारोबार प्राप्त होने की अपेक्षा है। ट्रांसड्यूसर नौसैनिक उपकरण का भाग है जिसका निर्माण और आपूर्ति बीईएल चार दशकों से करती आ रही है।

बीईएल का ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर – बीईएल पीएम केयर्स पहल के तहत बीपीएल मेडिकल की स्वदेशी प्रौद्योगिकी से ओएनजीसी के लिए 5 एलपीएम और 10 एलपीएम के 30,000 ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर का निर्माण कर रही है।

ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर मरीजों को 90% से 95% तक का शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए परिवेशी वायु से ऑक्सीजन के कणों को फिल्टरन व सांद्रण करते हुए काम करता है। दोहरे प्रवाह आउटपुट के साथ बीईएल द्वारा निर्मित ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर का उपयोग ह्रदय संबंधी व्याधियों, श्वास संबंधी बीमारियों, मस्तिष्क की थकान, एथलेटिक्स संबंधी थकान या प्लैट्यू पाइपोक्सिया के मरीजों की नैदानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है। ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर कोविड-19 महामारी से लड़ने में उपयोगी होता है और इसका उपयोग ऑक्सीजन की कमी का प्रबंधन करने और चिकित्सा उपकरणों के लिए औद्योगिक परितंत्र प्रदान करने के लिए किया जाता है।

बीईएल का ऑक्सीजन कॉनसेंट्रेटर जिसकी सुपुर्दगी 4-5 महीनों में की जाएगी, से वर्ष 2021-22 में बीईएल के लिए रु. 184 करोड़ का कुल कारोबार प्राप्त होने की आशा है।

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बीईएल को 3 गवर्नेंस नाऊ पुरस्कार मिले, निदेशक (मानव संसाधन) को एच.आर. लीडरशिप अवार्ड

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नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) को राष्ट्र निर्माण, एच.आर. उत्कृष्टता और डिज़िटल सुरक्षा के लिए तीन गवर्नेंस नाऊ के पुरस्कार मिले और श्री के एम शिवकुमारन, निदेशक (मानव संसाधन), बीईएल को एच.आर. लीडरशिप अवार्ड मिला। ये पुरस्कार गुरुवार, 29 जुलाई, 2021 को ऑनलाइन माध्यम से आयोजित 8वें गवर्नेंस नाऊ पीएसयू पुरस्कार समारोह में डॉ किरण बेदी द्वारा प्रदान किए गए। चारों पुरस्कार श्री के एम शिवकुमारन, निदेशक (मानव संसाधन), बीईएल ने प्राप्त किए। गवर्नेंस नाऊ के पुरस्कार सरकारी क्षेत्र के ऐसे उपक्रमों के प्रयासों को मान्यता प्रदान करते हैं जो देश के विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

ओजस्वी और दूरदर्शी एच.आर. लीडर के लिए श्री के एम शिवकुमारन, निदेशक (मानव संसाधन), बीईएल ने एच.आर. लीडरशिप अवार्ड प्राप्त किया। एच.आर. पेशेवर के रूप में उनके समृद्ध और विविध अनुभव ने एच.आर. कार्य को कारोबार में सामर्थ्यवान बनाने में मदद की है। एच.आर. की नई नीतियों को अपनाने और उन्हें कार्यान्वित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुख-सुविधा के प्रति विशेष रूचि लेते हैं।

बीईएल को रिकार्ड समय में 30,000 स्वदेशी आई.सी.यू. वेन्टीलेटर का निर्माण और आपूर्ति करते हुए कोविड-19 के विरुद्ध सरकार की लड़ाई में मदद करने के लिए राष्ट्र निर्माण का पुरस्कार प्रदान किया गया। चिकित्सा श्रेणी के उपकरण स्वदेशी रूप से निर्मित करने और समयबद्ध ढंग से अपने राष्ट्र की स्वास्थ्य-देखभाल संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए एक सक्षम परितंत्र तैयार करने में बीईएल गौरवान्वित महसूस करती है। यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का सच्चा उदाहरण है।

सकारात्मक नेतृत्व एवं प्रबंधन के साथ एक उत्कृष्ट नियोक्ता के रूप में जिसकी समन्वित नैतिक संस्कृति और मानव संसाधन की स्पष्ट नीति है जिससे प्रेरणादायक और सहायक कार्यस्थल बनता है जहां स्टाफ को प्रतिधारित करने और उनका विकास करने में उत्कृष्टता के साथ कंपनी के मूल्यों और रणनीतिक लक्ष्यों के साथ कर्मचारी नियोजित होते हैं, के लिए पीपल केपेबिलिटी मैच्युरिटी मॉडल (पी.सी.एम.एम.) स्तर 3 हासिल करने के लिए बीईएल को एच.आर. उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया। कंपनी में संरचित कार्यपालक विकास

कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और नई प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन या नीतिगत परिवर्तनों अथवा कारोबारी विविधीकरण के अनुसार मानव संसाधन का कौशल-उन्नयन / पुन:स्थापन भी किया जाता है। बीईएल में महिलाओं को सशक्त बनाया जाता है और बेहतर कार्य-जीवन संतुलन प्रदान किया जाता है।

सूचना और डेटा को अनधिकृत लोगों से सुरक्षित रखने के लिए इंटरनेट सुरक्षा प्रचालन केंद्र (एस.ओ.सी.) स्थापित करने के लिए बीईएल को डिज़िटल सुरक्षा का पुरस्कार प्रदान किया गया।

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भारतीय नौसेना और बीईएल ने टेक्नालॉजी इनक्यूबेशन फोरम के लिए समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

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भारतीय नौसेना और बीईएल ने एक संयुक्त टेक्नालॉजी इनक्यूबेशन फोरम (टी.आई.एफ.) तैयार करने के लिए एकीकृत मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय (नौसेना), नई दिल्ली में 29 जून, 2021 को एक समझौता-ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए।

यह टेक्नालॉजी इनक्यूबेशन फोरम भारतीय नौसेना और बीईएल की नवोन्मेषी और रचनात्मक सोच तथा उभरती प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने की संयुक्त दूरदृष्टि को दर्शाता है। इस टी.आई.एफ. के व्यापक चार्टर में शस्त्र और सेन्सर, सूचना प्रौद्योगिकी तथा उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धि और मशीन लर्निंग, क्वान्टम कंप्यूटिंग, ऑटोनमस प्लेटफार्म / रोबोटिक्स, इमेज प्रोसेसिंग और कॉग्निटिव रेडियो के प्रक्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास शामिल है। टी.आई.एफ. उद्योग, शिक्षा जगत् और स्टार्ट-अप को शामिल करते हुए सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत नियोजित किए जाने वाले उत्पादों के मिशन माध्यम से विकास का नेतृत्व करेगा।

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बीईएल ने कोविड-19 की दूसरी लहर से लड़ने के लिएपीएम केयर्स निधि में रु. 5.45 करोड़ का योगदान दिया

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नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने कोविड-19 महामारी के प्रचंड दूसरेलहर से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में सरकार के सम्मिलित प्रयासों का समर्थन करते हुए, अपनीसीएसआर (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व) निधि से पीएम केयर्स निधि में रु. 5.45 करोड़ का योगदानदिया ।

बीईएल छः राज्यों के 12 सरकारी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना केलिए अपनी सीएसआर निधि से रु. 4 करोड़ का भी उपयोग कर रही है ताकि उनकी ऑक्सीजन कीआवश्यकता को पूरा किया जा सके और देश के मौजूदा संकट को कम किया जा सके ।

बीईएल कोविड-19 के खिलाफ देश की लड़ाई में सहयोग करने के हरसंभव प्रयास कर रही है ।पिछले वर्ष, कंपनी ने भारत में इस महामारी से लड़ने और उसे नियंत्रित करने के लिए और साथ ही,राहत प्रयासों के लिए अपनी सीएसआर निधि से पीएम केयर्स निधि में रु.10 करोड़ जारी किए थे ।

बेंगलूरु

30 अप्रैल, 2021

अशोक के एस

वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (कार्पोरेट संप्रेषण)

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बीईएल ने 41 उत्पादों के लिए 12 ग्रीन चैनल प्रमाण-पत्र प्राप्त किया

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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के लिए यह गर्व का क्षण था, जब उसे एक वर्ष पहलेबेंगलूरु में इसकी मिलिटरी रेडार रणनीतिक कारोबारी यूनिट (एसबीयू) में निर्मित फ्लाई कैचररेडार के पुर्जों की आपूर्ति हेतु गुणता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) का ग्रीन चैनल दर्जे काप्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ था । ग्रीन चैनल नीति तैयार किए जाने के बाद से पहली बार भारत के किसीभी संगठन को यह प्रतिष्ठित प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया ।

आज इस नवरत्न रक्षा पीएसयू ने 10 एसबीयू / यूनिटों यानी रेडार के लिए गाज़ियाबाद यूनिट और मिलिटरीरेडार, नौसैनिक उत्पादों के लिए नौसैनिक प्रणाली I और नौसैनिक प्रणाली II एसबीयू, संचारउपकरणों के लिए मिलिटरी संचार एसबीयू और पंचकूला यूनिट, ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों केलिए मचिलिपटनम यूनिट, मास्ट के पुर्जों हेतु नवी मुंबई यूनिट, संचार उपकरण के लिए बैटरी हेतुपुणे यूनिट और गन उन्नयन के लिए चेन्नै यूनिट में निर्मित कुल 41 उत्पादों के लिए 12 ग्रीन चैनलप्रमाण-पत्र प्राप्त किए ।

रक्षा मंत्रालय ने अपने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत आसानी से कारोबार करना प्रोत्साहितकरने के लिए ग्रीन चैनल नीति लागू किया । रक्षा बलों के लिए निरंतर आवश्यक मदों के व्यापकवर्गों के लिए पूर्व-निर्धारित वित्तीय और गुणता प्रत्यायन के साथ फर्मों को ग्रीन चैनल का दर्जा प्रदानकरने की व्यवस्था की गई । डीजीक्यूए और खरीद परितंत्र के विभिन्न पणधारकों को शामिल करतेहुए ग्रीन चैनल समिति (जीसीसी) द्वारा फर्मों के प्रत्यायनों का सत्यापन करने के बाद उन्हें माल केनिरीक्षण करने का दायित्व सौंपा गया ।

ग्रीन चैनल का दर्जा निर्माता द्वारा खरीदार को दिए गए अधिकार हैं कि वह निर्दिष्ट गुणता के मालको निर्मित करने और उनकी आपूर्ति करने के लिए फर्म की अवसंरचना, गुणता नीतियाँ औरपद्धतियाओं का सत्यापन करने के बाद, खरीदार की और से या उनकी ओर से पदनामित किसीअन्य अधिकारी द्वारा उत्पादों और भंडार का औपचारिक रूप से प्रमाणन कर सके। फर्म के गुणताआश्वासन के बारे में खरीदार का विश्वास ग्रीन चैनल दर्जा प्रदान करने का मूल तत्व है ।

फोटो कैप्शन –

श्री जगदीश चंद, जीएम (रेडार)/बीईएल-गाज़ियाबाद को रिपोर्टर और भरणी रेडार औरपुर्जों की आपूर्ति के लिए गाज़ियाबाद यूनिट को ग्रीन चैनल प्रमाण पत्र प्रदान करते हुएलेफ्टिनेंट जनरल आर के मल्होत्रा, डीजी डीजीक्यूए ।
श्री रामकृष्णन एल, जीएम(एमआर)/बीईएल-बेंगलूरु को वेपन लोकेटिंग रेडार, युद्ध क्षेत्रचौकसी रेडार (मध्यम रेंज/कम रेंज) और शिल्का शस्त्र प्रणाली उन्नयन की आपूर्ति के लिएबीईएल-बेंगलूरु के मिलिटरी रेडार एसबीयू को ग्रीन चैन प्रमाण-पत्र प्रदान करते हुएलेफ्टिनेंट जनरल आर के मल्होत्रा, डीजी डीजीक्यूए ।
श्री जी एल पेड्रो, जीएम (बीईएल-चेन्नै) को एल-70 गन उन्नयन और बीएमपी मार्क IIउपकरण की आपूर्ति के लिए चेन्नै यूनिट को ग्रीन चैन प्रमाण-पत्र प्रदान करते हुए लेफ्टिनेंटजनरल आर के मल्होत्रा, डीजी डीजीक्यूए ।

बेंगलूरु

5, अप्रैल, 2021

अशोक के एस

वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (सीसी)/सीओ

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प्रेस विज्ञप्ति समाचार

बीईएल ने रु. 13500 करोड़ का रिकार्ड कुल कारोबार हासिल किया

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बेंगलूरु, 1 अप्रैल, 2021-

नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने कोविड-19महामारी और गहन कारोबारी प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों के बावजूद पिछले वर्ष के कुल कारोबार रु.12608 करोड़ के समक्ष वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग रु. 13500 करोड़ (अनंतिम एवं लेखाअपरीक्षित) का कुल कारोबार हासिल किया ।

यथा 1.4.2021 को बीईएल की आदेश बही लगभग रु. 53000 करोड़ है । वर्ष 2020-21 में, बीईएल को रु.15000 मूल्य के उल्लेखनीय आदेश प्राप्त हुए । वर्ष के दौरान प्राप्त कुछ प्रमुख आदेश हैं – आईसीयूवेंटिलेटर, सॉफ्टवेयर निर्धारित रेडियो और संचार उपकरण, विभिन्न प्रकार के रेडार, सोनार, टारपिडोडिकॉय प्रणालियाँ, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति प्रणालियाँ, नेटवर्किंग और इन्क्रिप्शन उत्पाद और स्मार्ट सिटीआदि ।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में निष्पादित कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं – आईसीयू वेंटिलेटर, मिसाइल प्रणालियाँ(आकाश और एलआरसैम), गन के अपग्रेड, विभिन्न रेडार, विभिन्न सोनार, कमान एवं नियंत्रण प्रणालियाँ,इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणालियाँ, कम्यूनिकेशन और इन्क्रिप्शन उत्पाद, ई.डबल्यू. प्रणालियाँ, तटीय चौकसीप्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़, गृहभूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, केएफओएन, एलसीए के लिएवैमानिकी पैकेज आदि ।

बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 50 मिलियन यूएस$ की निर्यात बिक्री की है । निर्यात किएगए प्रमुख उत्पादों में तटीय चौकसी प्रणाली, ट्रांस-रिसीव (टीआर) मॉड्यूल, भारती रेडियो,आइडेंटिफिकेशन ऑफ फ्रेंड या फो-इंटरोगेटर (आईएफएफआई), इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम कॉम्पैक्टमल्टी-पर्पस एड्वांस स्टबिलाइज़ेशन सिस्टम (ईओएस कम्पास), इलेक्ट्रो-मेकेनिकल पार्ट, रेडार फिंगरप्रिंटिंग सिस्टम (आरएफपीएस), लो बैंड रिसीवर (एलबीआरईसी), रेडार के पुर्जे आदि शामिल हैं ।बीईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एम वी गौतमा ने कहा “बीईएल स्वदेशीकरण पर अधिक ज़ोर देते हुए,एमएसएमई और जेम से खरीद पर अधिक ज़ोर देते हुए देशीय उद्योग के बाह्यस्रोतण के माध्यम सेआत्मनिर्भर बनने के अपने प्रयास जारी रखेगी और इस तरह आयात पर निर्भरता को कम करेगी । कंपनीसतत विविधीकरण, क्षमताओं और प्रतियोगितात्मकता की वृद्धि, आधुनिकीकरण आदि के माध्यम से प्रगतिके नए क्षेत्रों और नए कारोबारी अवसरों का पता करने के लिए तैयार है । बीईएल ने स्वास्थ्य देखभालसमाधान, नेटवर्क एवं साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा भंडारण प्रणाली, सॉफ्टवेयर आदि जैसेनए संभावित कारोबारी खंडों में प्रवेश करने का प्रयास कर रही है और इसे पूरा विश्वास है कि आगामी वर्षों मेंइन क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति करेगी ।

स्थान – बेंगलूरु

दिनांक – 01.04.2021

अशोक के एस

वरिष्ठ उप महाप्रबंधक (कार्पोरेट संप्रेषण)

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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने भारत सरकार को रु. 174 करोड़ का दूसरा अंतरिम लाभांश अदा किया

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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बी ई एल), नवरत्न रक्षा पीएसयू ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भारत सरकार को अपनी चुकता पूंजी पर 140% का दूसरा अंतरिम लाभांश अदा किया है।

श्री एम वी गौतम, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल ने 30 मार्च, 2021 को नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा धारित, शेयरों पर प्रदेय रु. 174,43,63,569.20/- (रु. एक सौ चौहत्तर करोड़ तैंतालीस लाख तिरसठ हजार पाँच सौ उनहत्तर और पैसे बीस मात्र) के दूसरा अंतरिम लाभांश का चेक माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह को प्रदान किया । बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अपने शेयरधारकों को 140% (रु. 1.40 प्रति शेयर) के दूसरा अंतरिम लाभांश की घोषणा की है ।

बीईएल द्वारा अंतरिम लाभांश अदा करने का यह लगातार 18 वां वर्ष है। बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपनी चुकता पूंजी पर 280% का कुल लाभांश अदा किया है।

Photo caption:

दिनांक 30 मार्च 2021 को नई दिल्ली में माननीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी को दूसरा अंतरिम लाभांश का चेक भेंट करते हुए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक श्री एम वी गौतमा।

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बीईएल ने ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

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बेंगलूरु, 4 फरवरी, 2021- एरो इंडिया 2021 बेंगलूरु में, नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) तथा ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. ने ऑटोनमस मैनपेड डाटा लिंक सिस्टम (एएमडीएलएस) के विकास में सहयोग करने और साथ ही भारत सरकार की मेक इन इंडिया जैसे नीतिगत पहलों को आगे बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया ।

बीईएल और ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. की ओर से क्रमश: श्री राजशेखर एम.वी., निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और विंग कमांडर एम वी एन साई, निदेशक- रक्षा, ग्रेने रोबोटिक्स ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया ।

ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. के बारे में

ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. अग्रणी प्रौद्योगिकी और अनुसंधान व विकास केंद्र है जो स्वाभाविक दक्षता और बुद्धिमत्ता डिज़ाइन से प्रेरित भारतीय कंपनी है । 2008 में अपनी शुरुआत से ही ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. ने उद्यमों और सरकार के लिए अत्यंत लाभदायक और अपनी तरह की स्वतंत्र प्रणालियों की डिज़ाइन, विकास और परिनियोजन करने की दृष्टि से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और रोबोटिक्स के अनुसंधान व विकास में अग्रणी रही है । ग्रेने रोबोटिक्स को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन ज्ञानार्जन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए रक्षा संबंधी सभी एकीकरण प्रणालियों का निर्माण करने के लिए सॉफ्टवेयर परिवेश में विशेषज्ञका प्राप्त है ।

बीईएल के बारे में

बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जिसके उत्पाद रक्षा कारोबार में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति एवं वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी एवं गन/शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ के क्षेत्रों में है। बीईएल के रक्षा-इतर कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक मतदान मशीन, गृहभूमि सुरक्षा एवं स्मार्ट सिटी, सोलार, उपग्रह एकीकरण एवं अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिक्स, रेल्वे, ए.आई., सायबर सुरक्षा, सेवा के रूप में साफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद और कंपोज़िट शेल्टर एवं मास्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद, श्री राजशेखर एम.वी., निदेशक (आर एंड डी), बीईएल ने कहा- “एएमडीएल एक आधुनिक एवं नवीनतम डाटा लिंक प्रणाली है, जिसमें एक व्यापक वायु रक्षा समाधान प्रदान करने के लिए एआई का उपयोग किया जाता है । हम ग्रेने रोबेटिक्स के साथ साझेदारी करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं, जो एआई और रोबोटिक्स के मुख्य क्षेत्रों में काम करने वाली अग्रणी कंपनी है ।”

बीईएल और ग्रेने रोबोटिक्स के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एरो इंडिया 2021 में समझौता ज्ञापन दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए श्री राजशेखर एम.वी., निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और विंग कमांडर एम वी एन साई, निदेशक – रक्षा, ग्रेने रोबोटिक्स प्रा.लि. ।