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प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल ने सिटी पुलिस के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को किराना किट वितरित किया

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बेंगलूर, 11 मई, 2020 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने अपनी सीएसआर पहल के तहत, कोविड-19 के फैलने से देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के कारण प्रभावित बेंगलूर के प्रवासी मजदूरों की मदद करने की पहल की । बीईएल के बेंगलूर कॉमप्लेक्स ने आज सिटी पुलिस के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को रु. 23 लाख मूल्य के 1,300 किराना पैकेट सौंपे ।
श्री विनय कुमार कत्याल, निदेशक, बीईएल-बेंगलूर और श्री शिवकुमारन के एम, निदेशक (एच.आर.), बीईएल ने श्री शशिकुमार एन, आईपीएस, डीसीपी, बेंगलूर नॉर्थ, श्रीमती निशा जेम्स, आईपीएस, एडमिन बेंगलूर, पुलिस आयुक्त कार्यालय और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में प्रवासी मजदूरों को चावल, दाल, चीनी और अन्य आवश्यक सामान के पैकेट सौंपे ।

प्रवासी मजदूरों द्वारा सामना की जाने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए, बीईएल का बेंगलूर कॉम्प्लेक्स लॉकडाउन लागू करने के बाद से, सिटी पुलिस के माध्यम से मजदूरों को प्रतिदिन 250 भोजन के पैकेट उपलब्ध करा रहा है ।

बीईएल के कर्मचारियों ने इससे पहले प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत के लिए (पीएम केयर) कोष में अपने एक दिन के वेतन रु. 2.71 करोड़ का योगदान दिया था । कंपनी ने भारत में कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने और राहत प्रयासों के लिए अपने सीएसआर निधि से पीएम केयर्स कोष में रु. 10 करोड़ का अंशदान भी दिया ।

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ए.आई.आई.एम.एस.- ऋषिकेश ने बीईएल के साथ साझेदारी की, कोविड-19 से लड़ने का रिमोट हेल्थ मॉनीटरी सिस्टम विकसित किया

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बेंगलूरु, 9 अप्रैल, 2020 – अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (ए.आई.आई.एम.एस.), ऋषिकेश ने नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के सहयोग से एक अत्युन्नत एवं नवीनतम हेल्थ मॉनीटरी सिस्टम विकसित किया है जो घरों और अस्पतालों में कोविड-19 के संदिग्धों / संगरोधी मरीजों के स्वास्थ्य की सुदूर जांच करेगा । इस समाधान से स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों को बीमारी से संक्रमित होने का खतरा उल्लेखनीय रूप से कम करने में मदद मिलेगी। इससे पी.पी.ई. तथा अन्य लॉजिस्टिक की बढ़ती मांग को कम भी किया जा सकेगा।

कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों को इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा कम करने के लिए मरीजों की सुदूर निगरानी करने का समाधान विकसित करने की बहुत ज़रूरत महसूस की जा रही थी। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए, ए.आई.आई.एम.एस. ऋषिकेश और बीईएल ने मिलकर एक व्यापक डिज़िटल और नैदानिक रूप से उपयुक्त समाधान प्रदान करने का प्रयास किया है। ए.आई.आई.एम.एस. ऋषिकेश द्वारा दी गई सूचना के आधार पर बीईएल ने सिस्टम का प्रूफ़ ऑफ़ कॉन्सेप्ट (PoC) मॉडल विकसित किया जिसमें तापमान, नब्ज़ की दर, SPO2 (सैचुरेटेड ऑक्सीजन लेवल) और श्वास दर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी को मापने वाले गैर-आक्रामक स्वास्थ्य निगरानी सेन्सरों को एकीकृत किया गया है। बीईएल, जिसकी नेटवर्क केंद्रित और आई.ओ.टी. सिस्टमों में विशेषज्ञता है, ने इन महत्वपूर्ण जानकारियों की सुदूर निगरानी करने के लिए इन सेन्सरों का नेटवर्क भी तैयार किया है।

कोविड-19 का लक्षण दिखने पर ए.आई.आई.एम.एस. ऋषिकेश में नामांकित होने के लिए, लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप / वेब ब्राउज़र विकसित किया गया है। ए.आई.आई.एम.एस. ऋषिकेश मरीज की शिकायतों का अध्ययन करेगा और चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा की गई जांच के आधार पर, मरीजों को स्वास्थ्य निगरानी किट दी जाएगी जिससे नैदानिक जानकारी की आवधिक निगरानी की जाएगी।

मरीज के स्थान के साथ-साथ उसकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मरीज के मोबाइल फ़ोन या इंटीग्रल जीएसएम सिम से क्लाउड पर केंद्रीकृत कमांड व कंट्रोल सेंटर (सी.सी.सी.) पर नियमित रूप से अपलोड की जाएगी । क्लाउड के इस्तेमाल से कोविड-19 के संदिग्धों / मरीजों का डेटाबेस आसानी से प्राप्त किया जा सकेगा।

स्वास्थ्य परिमापियों के निर्धारित स्तर से अधिक होने पर इसमें लगा साफ्टवेयर चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों को संदेश के रूप में चेतावनी देगा। यह विभिन्न रंगों द्वारा मरीज की हालत की गंभीरता भी दर्ज करेगा।

सी.सी.सी. का डेटा विश्लेषण साफ्टवेयर राज्य के कोविड-19 संदिग्धों / मरीजों के भू-वितरण का भौगोलिक नक्शा भी प्रदान करेगा। इससे अस्पताल के प्रशासन को संवेदनशील क्षेत्रों का पता लगाने और वायरस के फैलने की जाँच करने के लिए इन क्षेत्रों को विलगित करने और घेरा लगाने की आवश्यक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।