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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) को 5900 करोड़ रुपये के आदेश प्राप्त हुए

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक रु. 5900 करोड़ के आदेश प्राप्त हुए हैं।

आकाश प्राइम वेपन सिस्टम (रु. 3914 करोड़)

बीईएल को बीडीएल से अपग्रेड के साथ उन्नत आकाश वेपन सिस्टम (एडबल्यूएस) के 2 रेजीमेटों के लिए रु. 3914 करोड़ मूल्य का आदेश प्राप्त हुआ है।

आकाश हर मौसम, बिंदु/क्षेत्र की वायु रक्षा हथियार प्रणाली है जिसका उद्देश्य निम्न, मध्यम और उच्च ऊंचाइयों में उत्पन्न होने वाले खतरों से संवेदनशील बिंदु/क्षेत्रों की रक्षा करना है। इस प्रणाली में मोबाइल अनुप्रयोग के लिए उच्च गतिशीलता वाले वाहनों का उपयोग किया जाता है।

इन सुधारों में उच्च ऊंचाई का संचालन, 360 डिग्री पर कई खतरों को एक साथ रोकना, आरएफ सीकर से लैस मिसाइलें और कम फुट प्रिंट शामिल है।

अन्य महत्वपूर्ण आदेश जिनका मूल्य रु. 1984 करोड़ है

प्राप्त अन्य महत्वपूर्ण आदेशों में अन्य बातों के साथ-साथ शक्ति ईडबल्यू और संकेत मार्क III (नौसैनिक प्रणाली), जीबीएमईएस और जीबीवीयू कॉम जैमर प्रणालियां, एमकेबीटी प्रणालियां, आईएफएफ-मार्क-XII क्रिप्टो मॉड्यूल और एसडीपी का उन्नयन और रोहिणी रेडार का डिस्प्ले, पी 28 के लिए सीएमएस की सीएमएस पी15बी और सीएएमसी के लिए प्रशिक्षण प्रणाली शामिल हैं।

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श्री के वी सुरेश कुमार ने बीईएल के निदेशक (विपणन)का कार्यभार ग्रहण किया

श्री कइगा वेंकट सुरेश कुमार ने 16 जून, 2023 को नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के निदेशक (विपणन) पद का कार्यभार ग्रहण किया। इससे पहले वे बेंगलूरु में स्थित बीईएल के उत्पाद विकास व नवोन्मेष केंद्र (पीडी एंड आईसी) में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरी में स्नातकोत्तर श्री सुरेश कुमार ने परिवीक्षाधीन इंजीनियर के रूप में मई 1989 में बीईएल में कार्यग्रहण किया था। एक सफल इंजीनियर के रूप में उन्होंने बीईएल की अनेक यूनिटों में अनेक प्रौद्योगिकियों पर काम किया और बीईएल के मुख्य स्वदेशीकरण अधिकारी सहित अनेक प्रमुख कार्पोरेट पदों पर कार्य किया। अपने 34 वर्षों के सफल करियर में उन्होंने प्रमुख ग्राहक खंडों में व्यवहार करते हुए प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में गहन अनुभव अर्जित किया और आर एंड डी के माध्यम से कारोबारी विकास करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

श्री सुरेश कुमार प्रतिष्ठित रक्षा मंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्तकर्ता हैं। उनकी सक्षम देखरेख में, उनकी टीमों द्वारा अनेक पेटेंट / कॉपी राइट बनाए गए हैं।

उन्होंने उत्पाद विकास के जीवन-चक्र के सभी चरणों में काम किया है जिसमें परिकल्पना, डिज़ाइन, विकास, अर्हता, संस्थापना और कार्यारंभ, फील्ड परीक्षण और सिस्टम प्रवेश शामिल हैं। उन्हें अंतिम प्रयोक्ता की ज़रूरतों / अपेक्षाओं और उन्हें पूरा करने के साधनों की गहन जानकारी और समझ है।

महाप्रबंधक (पीडी एंड आईसी) के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संपूर्ण बीईएल में प्रयुक्त व्यवसाय के 16 खंडों में प्रौद्योगिकी मॉड्यूल का संस्थागत विकास करने के लिए 500 इंजीनियरों की टीम का मार्गदर्शन किया। उन्होंने पीडी एंड आईसी में आई.पी. सृजन और कौशल वर्धन की भी पहल की। इस उत्तरदायित्व से पहले, श्री सुरेश कुमार बीईएल कार्पोरेट कार्यालय में महाप्रबंधक (प्रौद्योगिकी योजना) के पद पर थे जहां उन्होंने कंपनी भर में सभी आर एंड डी कार्यकलापों की योजना और निष्पादन का नेतृत्व किया जिसके कारण बड़ी संख्या में आर एंड डी परियोजनाएं शुरु की गईं जिनका सफलतापूर्वक वाणिज्यीकरण किया गया।

वर्ष 2017-2019 की अवधि के दौरान उनके प्रयासों और योगदान से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान में अत्यधिक जटिल और अत्याधुनिक एयरबोर्न ई.डबल्यू. प्रणाली शामिल की गई जिसके परिणामस्वरूप रु. 3,000 करोड़ मूल्य के आदेश प्राप्त हुए।

श्री सुरेश कुमार ने बीईएल द्वारा प्राप्त एकल और सबसे बड़े निर्यात आदेश – ई.डबल्यू. सुइट की आपूर्ति के लिए एयरबस के 90 मिलियन यूएसडी से अधिक के निर्यात आदेश को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने नए उत्पादों को भी प्रारंभ किया और लगभग रु. 4,000 करोड़ मूल्य के भावी कारोबारी अवसरों को तैयार किया।

वर्ष 2014 और 2017 के बीच, उन्होंने भारतीय थलसेना और अर्धसैनिक बलों में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उत्पादों / प्रणालियों का विकास करने और उन्हें शामिल करने वाली टीमों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया जिसके कारण बीईएल को लगभग रु. 5,000 करोड़ का कारोबार मिला। उन्होंने आक्रामक ढंग से स्वदेशीकरण के प्रयास किए और लगभग रु. 300 करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत की।

वर्ष 2014 से पहले उन्होंने भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों और विमानों के लिए अनेक ई.डबल्यू. प्रणालियों का विकास किया और सेना में शामिल किया। इसी अवधि के दौरान किए गए उनके प्रयासों से भारत में दुनिया का सबसे बड़ा ई.डबल्यू. परीक्षण रेंज स्थापित करने के लिए नामांकन आधार पर भारतीय वायुसेना से लगभग रु. 1,000 करोड़ के आदेश प्राप्त हुए।

वर्ष 2021 से, वे बीईएल के मुख्य स्वदेशीकरण अधिकारी के रूप में कार्य करते आ रहे हैं और उन्होंने सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके इन स्वदेशीकरण प्रयासों के माध्यम से बीईएल को पिछले दो वर्षों में रु. 1,000 करोड़ रु. की विदेशी मुद्रा की बचत हुई। कंपनी ने भी रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी सकारात्मक स्वदेशीकरण की सूची में 100 से अधिक उत्पादों का योगदान दिया। इनमें से ज्यादातर उत्पाद मेक II मार्ग द्वारा विकासाधीन हैं।

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श्री विक्रमन एन ने बीईएल के निदेशक (मानव संसाधन) का पदभार ग्रहण किया

बेंगलूरु, 1 जून, 2023 – श्री विक्रमन एन ने आज नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के निदेशक (मानव संसाधन) का पदभार ग्रहण किया। मंडल में पदोन्नत होने से पहले वे बीईएल की गाज़ियाबाद यूनिट में कार्यपालक निदेशक (रेडार) और यूनिट प्रमुख के पद पर कार्यरत थे।

श्री विक्रमन को मानव संसाधन के विभिन्न क्षेत्रों तथा रेडार और मिसाइल प्रणालियों से संबंधित विविध कार्यों जैसे परीक्षण, विपणन और ग्राहक समर्थन में 35 वर्षों का दीर्घ और समृद्ध अनुभव है। वे इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरी डिग्री (ऑनर्स) और मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारक हैं। वे ‘नवाचार’ के लिए प्रतिष्ठित रक्षा मंत्री पुरस्कार के विजेता हैं। वे प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, यूएसए से प्रमाणित परियोजना प्रबंधन पेशेवर भी हैं।

ई.डी. (रेडार) एवं यूनिट प्रमुख, बीईएल-गाज़ियाबाद के रूप में उन्होंने बीईएल की दूसरी सबसे बड़ी यूनिट को उसके अब तक के सर्वोच्च कारोबार और लाभप्रदता के स्तर तक पहुंचाया जिसके फलस्वरूप उन्हें बीईएल की वार्षिक रोल-ऑन- प्लान कारोबारी बैठक में ‘एचीवर’ का पुरस्कार प्रदान किया गया।

श्री विक्रमन ने बीईएल के मानव संसाधन कार्य को रणनीतिक प्रतिस्पर्धात्मकता प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। बीईएल के कार्पोरेट कार्यालय में महाप्रबंधक (मानव संसाधन) के अपने पूर्व कार्यकाल के दौरान, श्री विक्रमन एच.आर. नीतियों और रणनीतियों को बीईएल की कारोबारी आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए जिम्मेदार रहे। उन्होंने जनशक्ति योजना, कार्य-निष्पादन प्रबंधन, प्रशिक्षण और विकास, सक्षमता विकास, कौशल विकास आदि जैसे क्षेत्रों में नई प्रणालियां और प्रक्रियाएं स्थापित की। कार्य-निष्पादन मानक निर्धारित करने और करियर प्रगति के लिए वे अधिक न्यायसंगत विधि बनाने के लिए विभिन्न सक्षमताओं का व्यापक ढांचा शुरु करने के लिए उत्तरदायी थे। उनके नेतृत्व में, बीईएल ने पीपल कैपेबिलिटी मैच्युरिटी मॉडल (स्तर 3) का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया।

श्री विक्रमन ने बीईएल उत्कृष्टता अकादमी की स्थापना करते हुए और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों के शिक्षा जगत में साझेदारी बढ़ाने के लिए कंपनी में ज्ञानार्जन के अनुकूल परिवेश को संवर्धित किया। मानव संसाधन के क्षेत्र में बीईएल को दिए गए उनके कुछ अन्य प्रमुख योगदान में प्रतिभा प्रबंधन के लिए ई.आर.पी. आधारित ज्ञानार्जन प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना, विभिन्न कार्य भूमिकाओं के लिए आवश्यक सक्षमता तैयार करने के लिए मिश्रित ई-लर्निंग प्लेटफार्म शुरु करना शामिल हैं। वैश्विक महामारी में कार्यबल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मानव संसाधन की प्रमुख प्रक्रियाओं में परिवर्तन लागू किए और कारोबार की निरंतरता सुनिश्चित किया।

बीईएल की मिसाइल सिस्टम एसबीयू में अपने पिछले कार्यकाल में, श्री विक्रमन ने सिस्टम एकीकरण परियोजनाओं पर कार्य करने के लिए अपनी में अंतर-विषयक सक्षमताएं विकसित की। उन्होंने रेडार निर्माता की भूमिका में परिवर्तन कर उसे शस्त्र प्रणाली एकीकरणकर्ता बनाने के लिए संगठन के लिए आवश्यक परिवर्तन की संस्कृति का पोषण किया। परीक्षण, विपणन और ग्राहक समर्थन प्रमुख होते हुए, मिसाइल सिस्टम एसबीयू ने लगातार चार वर्षों तक रु. 1,000 करोड़ का रिकार्ड कुल कारोबार हासिल किया। श्री विक्रमन ने प्रतिष्ठित आकाश परियोजना में शामिल 100 से अधिक प्रमुख भागीदारों के साथ कार्य किया और देश की पहली स्वदेशी मिसाइल प्रणाली का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया।

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बीईएल ने रणनीतिक प्रयोग के लिए बोलार्ड के संयुक्त निर्माण और व्यावसायिक विकास के लिए एमजे के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 5 मई, 2023 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने विभिन्न रक्षा, होमलैंड सेक्योरिटी, पैरामिलिट्री और निर्यात परियोजनाओं में प्रयोग होने वाले अत्याधुनिक, इलेक्ट्रो-मेकेनिकल बोलार्ड के संयुक्त निर्माण और व्यवसाय विकास के लिए मे. एमजे कंट्रोल सिस्टम्स प्रा. लि. के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।

ये बोलार्ड भारी वाहनों के अनधिकृत प्रवेश को रोकते हुए महत्वपूर्ण संस्थापनाओं की रक्षा करने में मदद करते हैं। ये बोलार्ड 24,000-1,50,000 कि.ग्रा. तक भारी आईईडी-लदी गाड़ियों के प्रभाव को वहन करने के लिए बनाए जाते हैं जो 80-100 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार से अंदर आ रहे होते हैं।

इन बोलार्ड की डिज़ाइन सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत नीतियों को ध्यान में रखते हुए स्वदेशी रूप से तैयार की गई है।

एमजे कंट्रोल सिस्टम्स प्रा. लि. के बारे में

एमजे कंट्रोल सिस्टम्स प्रा. लि. बेंगलूरु स्थित कंपनी है जिसका विनिर्माण केंद्र कोलार जिले के मालूर में स्थित है। एमजे मैनुअल ओवरराइड के साथ ऑटोमेटिक रिट्रैक्टेबल बोलार्ड का अग्रणी निर्माता है जिसका ISEQ (इंटरनेशनल सेक्योरिटी इक्विपमेंट) ब्रांड नाम के साथ भारत और यूएस में पेटेंट हैं।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है। 

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

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बीईएल ने 17300 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया

बेंगलूरु, 1 अप्रैल, 2023: नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पिछले वर्ष के 15,044 करोड़ रुपए के टर्नओवर के मुकाबले 15% की वृद्धि दर्ज करते हुए लगभग 17300 करोड़ रुपए (अनंतिम और अनऑडिटेड) का कारोबार हासिल किया है। 1 अप्रैल, 2023 को बीईएल की आदेश पुस्तिका लगभग 60500 करोड़ रुपए है। वर्ष 2022-23 में, बीईएल ने लगभग 20200 करोड़ रूपए (कर मुक्त) के महत्वपूर्ण आदेश प्राप्त किए। वर्ष के दौरान प्राप्त किए गए कुछ प्रमुख आदेश थे-हिमाशक्ति, मीडियम पावर रडार (अरुधरा), एयर डिफेंस कंट्रोल एंड रिपोर्टिंग सिस्टम (आकाशर), यू2 लिनेक्स सिस्टम, एसयूडबल्यू के लिए सुइट-118, एसयू-30, एसएआरएलआर, एसएआरएलआर आदि। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान निष्पादित कुछ प्रमुख परियोजनाओं में लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआरएसएएम) प्रणाली, आकाश मिसाइल प्रणाली, सैटकॉम नेटवर्क, कमान एवं नियंत्रण प्रणाली, विभिन्न रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, संचार उपकरण, तटीय निगरानी प्रणाली, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक प्रणाली, अग्नि नियंत्रण प्रणाली, गृह भूमि सुरक्षा प्रणाली, स्मार्ट सिटी परियोजना आदि शामिल हैं। बीईएल ने वर्ष 2022-23 के दौरान 75.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात आदेश प्राप्त किए हैं। बीईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा, “बीईएल रक्षा और संबंधित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में योगदान देती रही है। बीईएल आंतरिक प्रयासों और डीआरडीओ, शिक्षाविदों और अन्य उद्योग साझेदारों के साथ सहयोग के माध्यम से अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करती रही है। मेक इन इंडिया पहल, स्वदेशीकरण, भारतीय निजी उद्योग को आउटसोर्सिंग, एमएसएमई से खरीद और जेम खरीद हमारी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर बनी हुई है। बीईएल निर्यात पहल, विविधीकरण, क्षमता संवर्धन, प्रतिस्पर्धात्मकता और आधुनिकीकरण के माध्यम से विकास के नए अवसरों का पता लगाना जारी रखेगी।

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बीईएल को 52 मिलियन (लगभग) अमरीकी डालर के निर्यात आदेश प्राप्त हुए

मार्च 2023 के महीने में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को 52 मिलियन (लगभग) अमरीकी डालर के निर्यात आदेश प्राप्त हुए हैं। इस में फ्रांस, इज़राइल, यू एस ए आदि के विभिन्न ग्राहकों के लिए कम्युनिकेशन एक़्वाइपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक असेंबली, माइक्रो मॉड्यूल और मैकेनिकल पार्ट्स शामिल हैं।

यह बीईएल और भारतीय उद्योगों पर अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है जो भारत सरकार के प्रोत्साहन के साथ आता है।

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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बीईएल के साथ 2,696 करोड़ रुपये के 2 संविदा पर हस्ताक्षर किए

बेंगलूरु/नई दिल्ली, 30 मार्च, 2023: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने देश की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), बेंगलूरु के साथ रु. 2,696 करोड़ के दो ठेकों पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस प्रणाली को प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ-साथ स्वदेशीकरण पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करते हुए विकसित किया गया है और भारतीय नौसेना को प्रदान किया गया है। यह दो दशकों से अधिक समय से सेवा में है, विभिन्न वर्गों के भारतीय नौसेना के जहाजों जैसे विध्वंसक, फ्रिगेट, मिसाइल, नाव, कॉर्वेट आदि की रणनीतिक आवश्यकताओं को संतोषजनक रूप से पूरा करता है। इस ठेके में प्रस्तावित प्रणाली चौथी पीढ़ी की है और एक पूरी तरह स्वदेशी प्रणाली है, जो ‘आत्मनिर्भर’ की सच्ची भावना में विकसित हुई है। बी) भारतीय सेना के लिए हथियार का पता लगाने वाले राडार (स्वाथी) (12 नंबर) को 991 करोड़ रुपये में मुख्य रूप से दुश्मन बंदूकों, मोर्टार और रॉकेटों का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

अपनी द्वितीयक भूमिका में यह फायर करने के लिए अपने हथियारों से शॉट के पतन को ट्रैक और निगरानी कर सकता है। आवश्यक लक्ष्यों का पता लगाने, स्थान और ट्रैकिंग उन्नत एल्गोरिदम और अत्याधुनिक हार्डवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। अपने पहले दौर से दुश्मन के हथियारों का पता लगाने और लक्ष्य को फिर से तैनात करने से पहले जवाबी कार्रवाई के लिए काउंटर फायर तत्वों को आवश्यक लक्ष्य के डेटा को प्रेषित करने की क्षमता राडार की मुख्य विशेषता है। स्वथी भारतीय सेना की आवश्यकता को पूरा करने के लिए रेडार हाउस एलआरडीई (डीआरडीओ) और बीईएल द्वारा ली गई एक संयुक्त विकास परियोजना है।

ये प्रमुख परियोजनाएं बीईएल के नेतृत्व में अन्य सरकारी क्षेत्रों, निजी क्षेत्रों और एमएसएमई को शामिल करते हुए भारतीय रक्षा उद्योग की स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमताओं को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में एक और मील का पत्थर साबित होंगी।

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रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बीईएल के साथ 5,498 करोड़ रूपए के 10 संविदा पर हस्ताक्षर किए

बेंगलूरु/नई दिल्ली, 30 मार्च, 2023: रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ 5,498 करोड़ रूपए के 10 संविदा पर हस्ताक्षर किए हैं- यह संविदा वायु सेना परियोजनाएँ-ए) मध्यम लिफ्ट हेलीकॉप्टर (90) के लिए ईडबल्यू सूट उपकरण बीईएल-बेंगलूरु के साथ हस्ताक्षरित किया गया है। यह डीआरडीओ लैब, कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सिस्टम डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया गया है। इसमें रेडार वार्निंग रिसीवर (आरडब्ल्यूआर), मिसाइल चेतावनी प्रणाली (एमएडब्ल्यूएस) और काउंटर मेज़र डिस्पैसिंग सिस्टम (सीएमडीएस) शामिल हैं और यह आकाश प्रणाली के लिए काउंटर-ऑपरेशनल मिशन के साथ-साथ आकाश मिसाइल प्रणाली (एएमएस) एक मध्यम दूरी की, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है, जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित और बीईएल द्वारा विकसित किया गया है। एएमएस में निगरानी रेडार, फायर कंट्रोल रेडार, नियंत्रण और कमान केंद्र शामिल है। आकाश मिसाइल प्रणाली 30 किलोमीटर तक दूर तक विमानों को लक्षित कर सकती है और लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइलों और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों जैसे हवाई खतरों को बेअसर करने की क्षमता रखती है। यह सी4आई के साथ पूरी तरह एकीकृत है और ईसीसीएम विशेषताओं से सुसज्जित है। सेना की परियोजनाः ए) स्वचालित वायु रक्षा नियंत्रण और रिपोर्टिंग प्रणाली (परियोजना आकाशतीर) पर बीईएल-गाजियाबाद के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं। यह भारतीय सेना के युद्धक क्षेत्रों में निचले स्तर के हवाई क्षेत्र की निगरानी करने और जमीन आधारित वायु रक्षा हथियार प्रणालियों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सक्षम बनाएगा। बी) बीईएल-कोटद्वार के साथ टी 72 के लिए तुरंत आग का पता लगाने और सप्रेसिंग प्रणाली (आईएफडीएसएस) पर हस्ताक्षर किया गया है। आईएफडीएसएस डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया है और बीईएल-कोटद्वार द्वारा इसका निर्माण किया जाएगा। नौसेना परियोजनाः ए) सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर) (1265)-भारतीय नौसेना के लिए पोर्टेबल नवीनतम अत्याधुनिक रेडियो हैं जो डीईएएल (डीआरडीओ) और बीईएल द्वारा संयुक्त रूप से स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। एसडीआर पोर्टेबल तीन कॉन्फ़िगरेशन में विकसित किए गए हैं – भारतीय नौसेना की विशिष्ट परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एसडीआर मैनपैक, एसडीआर फिक्स्ड पैक और एसडीआर हैंड-हेल्ड। एसडीआर पोर्टेबल एक नई पीढ़ी का सॉफ्टवेयर है जो भारतीय नौसेना के नेटवर्क-केंद्रित युद्ध की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवाज/डेटा के साथ मल्टी बैंड, मल्टी-चैनल, मल्टी रोल/मिशन ऑपरेशन का समर्थन करता है। ये रेडियो समृद्ध कॉम्पैक्ट रेडियो हैं जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का उपयोग करते हुए उसी हार्डवेयर पर भविष्य के तरंग रूपों के कार्यान्वयन द्वारा प्रदर्शन को बढ़ाने का लचीलापन प्रदान करते हैं. बी. एचडीवीएलएफ एचएफ रिसीवर (1178) एक संचार उपकरण है, जिसे भारतीय नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों में वीएलएफ और एचएफ बैंड के संचालन में डेटा/आवाज को प्राप्त करने और डिमॉड्यूलेट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस उपकरण में उच्च श्रेणी के इनबिल्ट एन्क्रिप्शन के साथ उन्नत डीएसपी प्रौद्योगिकी शामिल है। इस अत्याधुनिक उपकरण के शामिल होने के साथ, नौसेना बलों को सुरक्षित और उच्च डेटा क्षमता के लिए आधुनिक बनाया जाएगा। इस उपकरण का उत्पादन बीईएल-पंचकूला द्वारा डिज़ाइन एजेंसी डीईएएल डीआरडीओ देहरादून से टीओटी के साथ किया जाएगा। सी) सारंग (12 नंबर) को भारतीय नौसेना के कामोव 31 हेलीकॉप्टरों में स्थापित किया जाएगा जो अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त रेडार उत्सर्जकों को रोकते हैं, उनका पता लगाते हैं और उनकी पहचान करते हैं। यह परियोजना स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई है और बीईएल-हैदराबाद द्वारा इसका निर्माण किया गया है। भारतीय नौसेना-आईएनएस-सीएमएस फॉर पी17 एंड 28 और ईडबल्यू सिस्टम के साथ तीन और परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ये सभी प्रमुख परियोजनाएं हैं जो बीईएल के नेतृत्व में अन्य सरकारी क्षेत्रों, निजी क्षेत्रों और एमएसएमई को शामिल करते हुए भारतीय रक्षा उद्योग की स्वदेशी डिज़ाइन और विनिर्माण क्षमताओं को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में एक और मील का पत्थर साबित होंगी।

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भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने भारत सरकार को रु. 224 करोड़ का दूसरा अंतरिम लाभांश अदा किया

Bengaluru / New Delhi, March 27, 2023: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बी ई एल), नवरत्न रक्षा पीएसयू ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार को अपनी चुकता पूंजी पर 60% का अंतरिम लाभांश अदा किया है।

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल ने 27.03.2023 को नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति द्वारा धारित, शेयरों पर प्रदेय रु. 224,27,53,160.40/- (रुपये दो सौ चौबीस करोड़ सत्ताईस लाख तिरपन हजार एक सौ साठ दशमलव चार शून्य मात्र) के दूसरे अंतरिम लाभांश का चेक माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह को प्रदान किया । बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने शेयरधारकों को 60% (रु. 0.60 प्रति शेयर) के दूसरे अंतरिम लाभांश की घोषणा की है ।

बीईएल द्वारा अंतरिम लाभांश अदा करने का यह लगातार 20 वां वर्ष है। बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने शेयरधारकों को 60% (रु. 0.60 प्रति शेयर) का पहला अंतरिम लाभांश का भुगतान फ़रवरी 2023 में किया था ।

बीईएल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपनी चुकता पूंजी पर 450% का कुल लाभांश अदा किया है।

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बीईएल को भारतीय सेना और भारतीय नौसेना से 4,300 करोड़ रुपए के आदेश प्राप्त हुए

बेंगलूरु/नई दिल्ली, 24 मार्च, 2023: रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने भारतीय सेना के लिए समेकित इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणालियों की आपूर्ति के लिए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ रु. 3,000 करोड़ के एक संविदा पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय सेना के लिए समेकित इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणालियां अत्याधुनिक तकनीकों के साथ अत्याधुनिक हैं, और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएलआरएल), डीआरडीओ, डिजाइन के आधार पर बीईएल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित की गई हैं। ये एकीकृत प्रणालियां वास्तविक बल-गुणक होंगी और आगे चलकर भारतीय सेना की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता को बढ़ाएंगी। इसके अलावा, बीईएल को पिछले पखवाड़े के दौरान स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि नियंत्रण, गन फायर कंट्रोल, निगरानी, ट्रैकिंग, ईएसएम, सोनार सिस्टम आदि की आपूर्ति के लिए भारतीय नौसेना से कुल रु. 1,300 करोड़ (लगभग) के कई ठेके भी प्राप्त हुए हैं। रक्षा मंत्रालय ने बीईएल और भारतीय वायु सेना के साथ रक्षा मंत्रालय के ठेकों पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने पहले ही भारतीय वायु सेना के लिए मीडियम पावर रेडार और डिजिटल रेडार वार्निंग रिसीवर (आरडब्ल्यूआर) की आपूर्ति के लिए बीईएल के साथ रु. 3,800 करोड़ के दो ठेकों पर हस्ताक्षर किया है। भारतीय वायु सेना के लिए मीडियम पावर रेडार (अरुधरा) एक अत्याधुनिक 4डी निगरानी रेडार है जो सॉलिड स्टेट टीआर ट्रांसमिशन मॉड्यूल पर आधारित सक्रिय एपर्सड फेज एरे तकनीकों से सुसज्जित है। यह रेडार इलेक्ट्रॉनिक्स एवं रेडार विकास स्थापना (एलडीआरई), डीआरडीओ, डिजाइन के आधार पर बीईएल द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित किया जा रहा है। उपर्युक्त प्रणाली से अत्याधुनिक ईसीसीएम क्षमताओं सहित आधुनिक रेडार तकनीकों के साथ भारतीय वायु सेना की निगरानी क्षमता में और वृद्धि होगी। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों के लिए डिजिटल आरडब्ल्यूआर को स्वदेशी रूप से कॉम्बैट एयरक्राफ्ट सिस्टम डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी), डीआरडीओ द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। उन्नत ईडब्ल्यू प्रणालियों की आपूर्ति से दुश्मनों के खिलाफ परिचालन मिशन हाथ में लेते समय आईएएफ लड़ाकू विमान की युद्ध-उपयुक्तता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ये प्रमुख परियोजनाएं बीईएल के नेतृत्व में अन्य सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों और एमएसएमई को शामिल करते हुए भारतीय रक्षा उद्योग की स्वदेशी डिजाइन और निर्माण क्षमताओं को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों में एक और मील का पत्थर साबित होंगी।