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बीईएल ने एनआईटीके सुरत्कल, मंगलूरु के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 9 मार्च, 2023– नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने रक्षा और गैररक्षा अनुप्रयोगों के लिए उभरती प्रौद्योगिकी और तकनीकी समाधान के विकास के लिए आर एंड डी में सहयोग हेतु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक (एनआईटीके सुरत्कल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

एमओयू का उद्देश्य सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल को ध्यान में रखते हुए उत्पादों और समाधानों के स्वदेशीकरण की सुविधा प्रदान करते हुए बीईएल और एनआईटीके सुरत्कल की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक सुरत्कल के बारे में

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक, सुरत्कल, जिसे पहले कर्नाटक क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में जाना जाता था, एक सार्वजनिक तकनीकी विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। एनआईटीके सुरत्कल इंजीनियरिंग विषयों, बुनियादी विज्ञान और प्रबंधन में अनुसंधान और विकास में अपनी ताकत के लिए पहचाना जाता है। संस्थान अनुसंधान पर बहुत जोर देता है और भारत और विदेशों में अग्रणी उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करता है।  इसे भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में स्थान दिया गया है और यह अपनी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और स्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

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श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव ने बीईएल के निदेशक (अन्य यूनिटें) का कार्यभार संभाला

बेंगलूरु, 21 अप्रैल, 2022- श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव ने दिनांक 20 अप्रैल, 2022 से नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के निदेशक (अन्य यूनिटें) का कार्यभार संभाला। इस पदोन्नति से पहले वे बीईएल बेंगलूरु कॉमप्लेक्स की उन्नत रक्षा प्रणाली-नौसेना (एडीएसएन) रणनीतिक कारोबारी यूनिट में महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे।

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, प्रौद्योगिकी स्नातक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) और व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने अगस्त 1986 में बीईएल में कार्यग्रहण किया और उन्हें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में विनिर्माण, परियोजना प्रबंधन, गुणता प्रबंधन, सामग्री प्रबंधन, डिजाइन और विकास और उत्पाद समर्थन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 36 वर्षों का समृद्ध अनुभव है। उन्हें रक्षा कारोबार की अच्छी समझ है और वे संबंधित प्रक्रियाओं जैसे विनिर्माण, उपकरणों का परीक्षण और मूल्यांकन, ग्राहक निरीक्षण और मंजूरी और बिक्री पश्चात् सेवा और समर्थन से सुपरिचित हैं।

वरिष्ठ प्रबंधन के विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए बीईएल के साथ अपनी लंबी संबद्धता के दौरान श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव ने रेडियो और डाटा उपकरण, सैन्य और दूरसंचार स्विचिंग उपकरण, असैनिक और सैन्य अनुप्रयोगों के लिए सी4आई सिस्टम, थल सेना, वायु सेना और नौसेना के लिए रेडार, नौसेना के लिए सोनार, फायर कंट्रोल प्रणाली और संचार प्रणाली, नौसेनिक जहाजों के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल परियोजना आदि के क्षेत्रों में निर्वहनीय कारोबारी विकास और लाभप्रदता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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बीईएल ने आजादी का अमृत महोत्सव, सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम का समापन किया

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड गाजियाबाद ने भी पूरे दिलो, जुनून और देशभक्ति के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया और पूरे हर्षोल्लास के साथ इसका आयोजन किया। समारोह अभियान सह त्यौहार का पर्याय आजादी का अमृत महोत्सव 19 दिसंबर 2021 को समाप्त होता है।  एक सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों (महाराजपुर सरकारी माध्यमिक विद्यालय, एमिटी स्कूल, इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल आदि), आईटीआई नोएडा, इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज, केआईईटी कॉलेज और क्षेत्रीय श्रम संस्थान (आरएलआई) फरीदाबाद के विभिन्न छात्रों ने भाग लिया।

बीईएल गाजियाबाद ने इस सप्ताह (13 दिसंबर से 19 दिसंबर) के दौरान भारतीय रक्षा बलों की परिमापहीन, सीमाहीन और करिश्माई क्षमताओं और शौर्य का प्रदर्शन किया और भारतीय रक्षा और गैर-रक्षा दोनों क्षेत्रों में बीईएल के योगदान और मेक इन इंडिया और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बीईएल के योगदान के चित्रण को भी प्रदर्शित किया। इस सप्ताह के दौरान, बीईएल गाजियाबाद ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया और रेडार और एंटीना और विभिन्न उपग्रह संचार प्रणाली और सेना, नौसेना और वायु बलों में उपयोग की जाने वाली सी 2 प्रणाली (कमान और नियंत्रण प्रणाली) की संस्कृति को समृद्ध किया।

आरएलआई संस्थान के विभाग प्रमुख द्वारा साझा किए गए फीडबैक में से एक फीडबैक में कहा गया, “हम इस महोत्सव कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर बहुत खुश और रोमांचित हैं और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स गाज़ियाबाद परिसर में आकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं और ईवीएम और वीवीपीएटी के रूप में भारतीय लोकतंत्र में बीईएल के योगदान के बारे में जानकर बहुत खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सांद्रक के रूप में चिकित्सा क्षेत्र और विश्वस्तरीय आरएडीएआर और एंटीना प्रणाली और संचार प्रणाली के रूप में भारतीय रक्षा में इसके योगदान और “” एक बहुत ही दिल-दहलाने वाली प्रतिक्रिया “” के बारे में कॉलेज के एक संकाय द्वारा साझा किया गया था”

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बीईएल ने ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 17 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने फील्ड वायरलेस सिस्टम (एफडब्ल्यूएस) के क्षेत्र में सहयोग के लिए ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य फील्ड वायरलेस सिस्टम के क्षेत्र में व्यावसायिक संभावनाओं का लाभ लेना तथा बीईएल और ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है।

ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के बारे में

ट्रूकॉम सभी मिशन महत्वपूर्ण सूचना, संचार प्रणाली और दूरसंचार समाधान उपलब्ध कराती है।

श्रीमती रश्मि कथूरिया, जीएम (एससीसीएस / बीईएल-गाज़ियाबाद) और श्री संजीव दास, एमडी, ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

फोटो कैप्शन – श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए श्रीमती रश्मि कथूरिया, जीएम (एससीसीएस / बीईएल-गाज़ियाबाद), और श्री संजीव दास, एमडी, ट्रूकॉम नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड।

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बीईएल ने एलआरयू के स्वदेशीकरण के लिए ईओआई जारी किया

बेंगलूरु, 24 मार्च, 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) पोर्टल पर रक्षा प्रणाली में उपयोग की जाने वाली प्रमुख लाइन रीप्लेसमेंट यूनिट (एलआरयू) के स्वदेशीकरण के लिए रुचि-प्रकटण (ईओआई) प्रकाशित की है। इसमें भाग लेने के इच्छुक एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित भारतीय विक्रेता पोर्टल यानी https://eprocurebel.co.in/nicgep/app पर बीईएल की ई-खरीद देखें।

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मीडिया उत्कृष्टता पुरस्कारों में बीईएल ने ‘सर्वश्रेष्ठ पीएसयू’ पुरस्कार जीता, कार्पोरेट कम्युनिकेशन की टीम ने संचार पुरस्कार जीता

नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने नई दिल्ली में 2 अप्रैल, 2022 को आयोजित मीडिया उत्कृष्टता पुरस्कार के 16 वें संस्करण में “सर्वश्रेष्ठ पीएसयू पुरस्कार” जीता। बीईएल की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन टीम ने इस कार्यक्रम में संचार पुरस्कार जीते। कृष्णप्पा टी आर, वरिष्ठ डीजीएम (कॉर्प कॉम), बीईएल ने कम्युनिकेटर पुरस्कार जीता, जबकि ई ए हरिहरन, डीजीएम (कॉर्प कॉम), शिरीन सैमुअल एच ए, डीजीएम (सी सी), और नवीन नंबूदिरी, प्रबंधक (सीसी), बीईएल को स्टार कम्युनिकेटर पुरस्कार मिला।

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बीईएल ने विशाखापट्टणम में नया साफ्टवेयर विकास केंद्र खोला

बेंगलूरु, 24 फरवरी, 2023 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने रक्षा और गैर-रक्षा दोनों क्षेत्रों में विभिन्न एप्लीकेशनों के लिए “सर्विस के रूप में साफ्टवेयर” पेश करने हेतु विशाखापट्टणम में अपना नया साफ्टवेयर विकास केंद्र (एसडीसी) खोला है।

श्री विनय कुमार कत्याल, निदेशक (बेंगलूरु कॉमप्लेक्स) ने हाल ही में एसडीसी-विशाखापट्टणम का उद्घाटन किया जो बेंगलूरु कॉमप्लेक्स में बीईएल की साफ्टवेयर रणनीतिक कारोबारी यूनिट (एसबीयू) का विस्तारित केंद्र होगा। बीईएल के साफ्टवेयर प्रभाग ने पिछले कई दशकों से रक्षा, एरोस्पेस, ई-गवर्नेंस, होमलैंड सेक्योरिटी आदि जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय महत्व की अनेक परियोजनाओं का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया है।

महत्वपूर्ण एप्लीकेशनों को ज़रूरतें पूरी करते हुए अत्याधुनिक, सुरक्षित आई.टी. अवसंरचना से सुसज्जित विशाखापट्टणम का यह केंद्र विभिन्न नौसैनिक प्लेटफार्म के संपूर्ण जीवनचक्र के दौरान मूल्य-वर्धित साफ्टवेयर सेवाएं प्रदान करने, डीआरडीओ के साथ गहव साफ्टवेयर की संयुक्त विकास करेगा और स्मार्ट सिटी तथा होम लैंड सुरक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने में बीईएल को सक्षम बनाएगा।

विशाखापट्टणम केंद्र में लगभग 150 इंजीनियर तैनात किए जाएंगे और यहां का कार्य परिवेश पूर्ण व्यावसायिक और सुरक्षित होगा।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

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एडवांस्ड मीडियम कॉम्वैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम के लिए बीईएल ने एडीए, डीआरडीओ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 21 फरवरी, 2023- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोग्राम के लिए वैमानिकी विकास अभिकरण (एडीए), डीआरडीओ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इस समझौता ज्ञापन की घोषणा एयरो इंडिया 2023 में आयोजित “बंधन” कार्यक्रम के मौके पर की गई।

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 5वीं पीढ़ी का, मल्टी-रोल, ऑल-वेदर फाइटर एयरक्राफ्ट है जिसे उच्च उत्तरजीविता और तरकीब क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य बीईएल और एडीए की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है, जिसमें दोनों पक्ष एएमसीए के लिए आंतरिक हथियार बे कंप्यूटर और अन्य एलआरयू की डिजाइन, विकास, योग्यता, उत्पादन और आपूर्ति के लिए सहयोग करेंगे और भारतीय वायु सेना को आजीवन उत्पाद समर्थन प्रदान करेंगे।

एडीए के बारे में 

वैमानिकी विकास अभिकरण (एडीए) की स्थापना रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीआर एंड डी), रक्षा मंत्रालय (एमओडी), भारत सरकार के तहत 1984 में बेंगलूरु में देश के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) प्रोग्राम के विकास की निगरानी के लिए की गई थी। एडीए का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय वायु सेना द्वारा निर्दिष्ट एयर स्टाफ आवश्यकताओं (एएसआर) को पूरा करने के लिए एलसीए की डिज़ाइन और विकास करना और उसके बाद, एलसीए (मेक1ए, मेक2) के कैरियर बोर्न नेवल संस्करण और उन्नत संस्करण, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए), ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (टीईडीबीएफ) एयरक्राफ्ट आदि का डिज़ाइन और विकास करना है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैररक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

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बीईएल और सिस्को ने भारत की डिज़िटल अवसंरचना को बढ़ाने और उसे सुरक्षित बनाने के लिए रणनीतिक साझेदारी की

बेंगलूरु, 21 फरवरी, 2023 – यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एरो इंडिया 2023 में नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने नेटवर्किंग, सहयोग एवं सुरक्षा तथा अन्य संबंधित सेवाओं के क्षेत्र में दीर्घकालीन रणनीतिक सहयोग करने के लिए सिस्को के साथ एक समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

यह साझेदारी नेटवर्क और सुरक्षा के क्षेत्र उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए बीईएल और सिस्को की शक्ति और सामर्थ्य को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। इस एमओयू से बीईएल एक “रणनीतिक साझेदार” के रूप में सिस्को के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने की अपेक्षा करती है।

सुश्री डेज़ी चित्तिलपिल्ली, अध्यक्ष, सिस्को इंडिया एंड सार्क ने कहा – “भारत बड़ी तेजी से अग्रणी डिज़िटल अर्थव्यवस्था बन रहा है लेकिन विस्तार और गति में तेजी लाने के लिए परितंत्र का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। बीईएल के साथ हमारी साझेदारी उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार, अवसंरचना का आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण की गति तेज करने के हमारे प्रयासों में एक उल्लेखनीय कदम है। हमें पूरा विश्वास है कि सिस्को और बीईएल दोनों का प्रौद्योगिकी नेतृत्व और विशेषज्ञता से भारत में हमारे ग्राहकों के लिए नई संभावनाएं और परिणाम प्राप्त होंगे।”

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, बीईएल ने कहा, “इस रणनीतिक साझेदारी से बीईएल को सिस्को की प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी जिसमें उद्यम नेटवर्क, उन्नत बेतार प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, डेटा सेंटर नेटवर्क आदि शामिल हैं। इससे बीईएल की विभिन्न परियोजनाओं के लिए संयुक्त अनुकूलीकरण और उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन भी आसान बनेगा और कंपनी उद्योग के मुख्य कारोबार के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आर्किटेक्चर तैयार कर सकेगी।” इसके अलावा, सिस्को बीईएल उत्कृष्टता अकादमी (नालंदा), बेंगलूरु में सिस्को नेटवर्क प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने पर भी विचार करेगी।

सिस्को के बारे में

सिस्को (NASDAQ: CSCO) इंटरनेट प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी वैश्विक कंपनी है। सिस्को आपके एप्लीकेशनों की पुन:परिकल्पना करते हुए नई संभावनाएं तलाशती है, आपके उद्यम को सुरक्षित बनाती है, आपकी अवसंरचना का रूपांतरण करती है और वैश्विक तथा समावेशी भविष्य के लिए टीमों को सशक्त बनाती है। द न्यूज़रूम पर अधिक जानकारी प्राप्त करें और Twitter @Cisco देखें। सिस्को और सिस्को की नामशैली सिस्को और / या यूएस और अन्य देशों में उसके संबद्ध संस्थानों के ट्रेडमार्क या पंजीकृत ट्रेडमार्क हैं। सिस्को के ट्रेडमार्क की सूची http://www.cisco.com/go/trademarks में देखी जा सकती है। तृतीय पक्षकारों के ट्रेडमार्क उनके संबंधित स्वामियों की संपत्ति है। शब्द साझेदार के उपयोग का अर्थ सिस्को और किसी अन्य कंपनी के बीच साझेदारी संबंध नहीं है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

Photo caption: एरो इंडिया में दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बीईएल और सिस्को के बीच हस्ताक्षरित एमओयू प्रदर्शित करते हुए श्री विनय कुमार कत्याल, निदेशक (बेंगलूरु कॉमप्लेक्स), बीईएल और सुश्री डेज़ी चित्तिलपिल्ली, अध्यक्ष, सिस्को इंडिया एंड सार्क।

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प्रेस विज्ञप्ति

दिल्ली मेट्रो ने रेड लाइन पर संचालन के लिए बीईएल के साथ संयुक्त रूप से विकसित भारत का पहला स्वदेशी विकसित सिग्नलिंग सिस्टम (आई-एटीएस) लॉन्च किया

नई दिल्ली/बेंगलूरु, 18 फरवरी, 2023- रेल आधारित जन पारगमन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास कार्य करते हुए दिल्ली मेट्रो ने आज अपने पहले कॉरिडोर, रेड लाइन (रिठाला से शहीद स्थल) में संचालन हेतु नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन नियंत्रण और पर्यवेक्षण प्रणाली आई-एटीएस (स्वदेशी – स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) आरंभ की।

श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा श्री विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल, और डीएमआरसी और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी), शास्त्री पार्क से आज रेड लाइन पर आई-एटीएस प्रणाली औपचारिक रूप से शुरु की गई।

यह सिग्नलिंग प्रणाली, पूरी तरह से स्थानीय रूप से बनाई गई है, जिसे मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत बीईएल और डीएमआरसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। भारत दुनिया के कुछ देशों की विशिष्ट सूची में शामिल होने वाला छठा देश बन गया है, जिनके पास अपने स्वयं के एटीएस उत्पाद हैं।

रेड लाइन से शुरुआत करते हुए, आई-एटीएस सिस्टम को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालन कॉरीडोर और चरण-4 परियोजना के आगामी स्वतंत्र कॉरीडरों पर भी संचालन के लिए तैयार किया जाएगा। आई-एटीएस का उपयोग करते हुए चरण 4 कॉरिडोर में निवारक रखरखाव मॉड्यूल भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा, आई-एटीएस का उपयोग भारतीय रेलवे सहित अन्य रेल आधारित प्रणालियों के संचालन में किया जा सकता है। उपयुक्त बदलावों के साथ विभिन्न सिग्नलिंग विक्रेताओं की प्रणालियों के साथ काम करने के लिए इस तकनीक को लचीलेपन के साथ विकसित किया गया है।

आई-एटीएस का विकास मेट्रो रेलवे के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) आधारित सिग्नलिंग प्रणाली के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि एटीएस (स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) सीबीटीसी सिग्नलिंग प्रणाली की एक महत्वपूर्ण उप प्रणाली है। एटीएस एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है, जो ट्रेन संचालन का प्रबंधन करती है।

मेट्रो जैसे उच्च ट्रेन घनत्व संचालन के लिए यह प्रणाली अनिवार्य है, जहां हर कुछ मिनटों में सेवाएं निर्धारित की जाती हैं। सीबीटीसी जैसी प्रौद्योगिकी प्रणालियाँ मुख्य रूप से विदेशों द्वारा नियंत्रित होती हैं। आई-एटीएस की तैनाती ऐसी तकनीकों से निपटने वाले विदेशी विक्रेताओं पर भारतीय महानगरों की निर्भरता को बहुत कम करेगी। भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के तहत, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने सीबीटीसी प्रौद्योगिकी को स्वदेशी बनाने का फैसला किया था। एमओएचयूए के साथ, बीईएल, डीएमआरसी, आरडीएसओ और अन्य सहयोगी इस विकास का हिस्सा हैं।

इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए बीईएल और डीएमआरसी ने नवंबर 2022 में एक एमओयू किया था। संचालन की प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए बीईएल और डीएमआरसी की एक समर्पित टीम मिलकर काम कर रही है। साइट की आवश्यकताओं का अनुकरण करने के लिए डीएमआरसी के आईटी पार्क में स्थापित एक पूर्ण विकसित आई-एटीएस लैब को अब सीबीटीसी के विकास के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। बीईएल और डीएमआरसी ने आत्मनिर्भर भारत के शासनादेश के तहत मेट्रो और रेल के लिए विभिन्न प्रणालियों के विकास में सक्रिय रूप से हाथ सहयोग किया है।

 

फोटो शीर्षक – बीईएल और डीएमआरसी, आई-एटीएस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन नियंत्रण और पर्यवेक्षण प्रणाली, श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा श्री विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और डीएमआरसी और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आज औपचारिक रूप से लॉन्च करते हुए।