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बीईएल ने एलआरयू के स्वदेशीकरण के लिए ईओआई जारी किया

बेंगलूरु, 24 मार्च, 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) पोर्टल पर रक्षा प्रणाली में उपयोग की जाने वाली प्रमुख लाइन रीप्लेसमेंट यूनिट (एलआरयू) के स्वदेशीकरण के लिए रुचि-प्रकटण (ईओआई) प्रकाशित की है। इसमें भाग लेने के इच्छुक एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित भारतीय विक्रेता पोर्टल यानी https://eprocurebel.co.in/nicgep/app पर बीईएल की ई-खरीद देखें।

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मीडिया उत्कृष्टता पुरस्कारों में बीईएल ने ‘सर्वश्रेष्ठ पीएसयू’ पुरस्कार जीता, कार्पोरेट कम्युनिकेशन की टीम ने संचार पुरस्कार जीता

नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने नई दिल्ली में 2 अप्रैल, 2022 को आयोजित मीडिया उत्कृष्टता पुरस्कार के 16 वें संस्करण में “सर्वश्रेष्ठ पीएसयू पुरस्कार” जीता। बीईएल की कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन टीम ने इस कार्यक्रम में संचार पुरस्कार जीते। कृष्णप्पा टी आर, वरिष्ठ डीजीएम (कॉर्प कॉम), बीईएल ने कम्युनिकेटर पुरस्कार जीता, जबकि ई ए हरिहरन, डीजीएम (कॉर्प कॉम), शिरीन सैमुअल एच ए, डीजीएम (सी सी), और नवीन नंबूदिरी, प्रबंधक (सीसी), बीईएल को स्टार कम्युनिकेटर पुरस्कार मिला।

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बीईएल ने विशाखापट्टणम में नया साफ्टवेयर विकास केंद्र खोला

बेंगलूरु, 24 फरवरी, 2023 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने रक्षा और गैर-रक्षा दोनों क्षेत्रों में विभिन्न एप्लीकेशनों के लिए “सर्विस के रूप में साफ्टवेयर” पेश करने हेतु विशाखापट्टणम में अपना नया साफ्टवेयर विकास केंद्र (एसडीसी) खोला है।

श्री विनय कुमार कत्याल, निदेशक (बेंगलूरु कॉमप्लेक्स) ने हाल ही में एसडीसी-विशाखापट्टणम का उद्घाटन किया जो बेंगलूरु कॉमप्लेक्स में बीईएल की साफ्टवेयर रणनीतिक कारोबारी यूनिट (एसबीयू) का विस्तारित केंद्र होगा। बीईएल के साफ्टवेयर प्रभाग ने पिछले कई दशकों से रक्षा, एरोस्पेस, ई-गवर्नेंस, होमलैंड सेक्योरिटी आदि जैसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय महत्व की अनेक परियोजनाओं का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया है।

महत्वपूर्ण एप्लीकेशनों को ज़रूरतें पूरी करते हुए अत्याधुनिक, सुरक्षित आई.टी. अवसंरचना से सुसज्जित विशाखापट्टणम का यह केंद्र विभिन्न नौसैनिक प्लेटफार्म के संपूर्ण जीवनचक्र के दौरान मूल्य-वर्धित साफ्टवेयर सेवाएं प्रदान करने, डीआरडीओ के साथ गहव साफ्टवेयर की संयुक्त विकास करेगा और स्मार्ट सिटी तथा होम लैंड सुरक्षा की आवश्यकताओं को पूरा करने में बीईएल को सक्षम बनाएगा।

विशाखापट्टणम केंद्र में लगभग 150 इंजीनियर तैनात किए जाएंगे और यहां का कार्य परिवेश पूर्ण व्यावसायिक और सुरक्षित होगा।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

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एडवांस्ड मीडियम कॉम्वैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम के लिए बीईएल ने एडीए, डीआरडीओ के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 21 फरवरी, 2023- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) प्रोग्राम के लिए वैमानिकी विकास अभिकरण (एडीए), डीआरडीओ के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इस समझौता ज्ञापन की घोषणा एयरो इंडिया 2023 में आयोजित “बंधन” कार्यक्रम के मौके पर की गई।

एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 5वीं पीढ़ी का, मल्टी-रोल, ऑल-वेदर फाइटर एयरक्राफ्ट है जिसे उच्च उत्तरजीविता और तरकीब क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य बीईएल और एडीए की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना है, जिसमें दोनों पक्ष एएमसीए के लिए आंतरिक हथियार बे कंप्यूटर और अन्य एलआरयू की डिजाइन, विकास, योग्यता, उत्पादन और आपूर्ति के लिए सहयोग करेंगे और भारतीय वायु सेना को आजीवन उत्पाद समर्थन प्रदान करेंगे।

एडीए के बारे में 

वैमानिकी विकास अभिकरण (एडीए) की स्थापना रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीआर एंड डी), रक्षा मंत्रालय (एमओडी), भारत सरकार के तहत 1984 में बेंगलूरु में देश के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) प्रोग्राम के विकास की निगरानी के लिए की गई थी। एडीए का प्राथमिक उद्देश्य भारतीय वायु सेना द्वारा निर्दिष्ट एयर स्टाफ आवश्यकताओं (एएसआर) को पूरा करने के लिए एलसीए की डिज़ाइन और विकास करना और उसके बाद, एलसीए (मेक1ए, मेक2) के कैरियर बोर्न नेवल संस्करण और उन्नत संस्करण, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए), ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (टीईडीबीएफ) एयरक्राफ्ट आदि का डिज़ाइन और विकास करना है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैररक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

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बीईएल और सिस्को ने भारत की डिज़िटल अवसंरचना को बढ़ाने और उसे सुरक्षित बनाने के लिए रणनीतिक साझेदारी की

बेंगलूरु, 21 फरवरी, 2023 – यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एरो इंडिया 2023 में नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने नेटवर्किंग, सहयोग एवं सुरक्षा तथा अन्य संबंधित सेवाओं के क्षेत्र में दीर्घकालीन रणनीतिक सहयोग करने के लिए सिस्को के साथ एक समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

यह साझेदारी नेटवर्क और सुरक्षा के क्षेत्र उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए बीईएल और सिस्को की शक्ति और सामर्थ्य को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई है। इस एमओयू से बीईएल एक “रणनीतिक साझेदार” के रूप में सिस्को के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने की अपेक्षा करती है।

सुश्री डेज़ी चित्तिलपिल्ली, अध्यक्ष, सिस्को इंडिया एंड सार्क ने कहा – “भारत बड़ी तेजी से अग्रणी डिज़िटल अर्थव्यवस्था बन रहा है लेकिन विस्तार और गति में तेजी लाने के लिए परितंत्र का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। बीईएल के साथ हमारी साझेदारी उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार, अवसंरचना का आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण की गति तेज करने के हमारे प्रयासों में एक उल्लेखनीय कदम है। हमें पूरा विश्वास है कि सिस्को और बीईएल दोनों का प्रौद्योगिकी नेतृत्व और विशेषज्ञता से भारत में हमारे ग्राहकों के लिए नई संभावनाएं और परिणाम प्राप्त होंगे।”

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, बीईएल ने कहा, “इस रणनीतिक साझेदारी से बीईएल को सिस्को की प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी जिसमें उद्यम नेटवर्क, उन्नत बेतार प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, डेटा सेंटर नेटवर्क आदि शामिल हैं। इससे बीईएल की विभिन्न परियोजनाओं के लिए संयुक्त अनुकूलीकरण और उत्पाद जीवनचक्र प्रबंधन भी आसान बनेगा और कंपनी उद्योग के मुख्य कारोबार के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आर्किटेक्चर तैयार कर सकेगी।” इसके अलावा, सिस्को बीईएल उत्कृष्टता अकादमी (नालंदा), बेंगलूरु में सिस्को नेटवर्क प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करने पर भी विचार करेगी।

सिस्को के बारे में

सिस्को (NASDAQ: CSCO) इंटरनेट प्रौद्योगिकी में एक अग्रणी वैश्विक कंपनी है। सिस्को आपके एप्लीकेशनों की पुन:परिकल्पना करते हुए नई संभावनाएं तलाशती है, आपके उद्यम को सुरक्षित बनाती है, आपकी अवसंरचना का रूपांतरण करती है और वैश्विक तथा समावेशी भविष्य के लिए टीमों को सशक्त बनाती है। द न्यूज़रूम पर अधिक जानकारी प्राप्त करें और Twitter @Cisco देखें। सिस्को और सिस्को की नामशैली सिस्को और / या यूएस और अन्य देशों में उसके संबद्ध संस्थानों के ट्रेडमार्क या पंजीकृत ट्रेडमार्क हैं। सिस्को के ट्रेडमार्क की सूची http://www.cisco.com/go/trademarks में देखी जा सकती है। तृतीय पक्षकारों के ट्रेडमार्क उनके संबंधित स्वामियों की संपत्ति है। शब्द साझेदार के उपयोग का अर्थ सिस्को और किसी अन्य कंपनी के बीच साझेदारी संबंध नहीं है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके पथ-प्रदर्शक निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

Photo caption: एरो इंडिया में दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बीईएल और सिस्को के बीच हस्ताक्षरित एमओयू प्रदर्शित करते हुए श्री विनय कुमार कत्याल, निदेशक (बेंगलूरु कॉमप्लेक्स), बीईएल और सुश्री डेज़ी चित्तिलपिल्ली, अध्यक्ष, सिस्को इंडिया एंड सार्क।

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दिल्ली मेट्रो ने रेड लाइन पर संचालन के लिए बीईएल के साथ संयुक्त रूप से विकसित भारत का पहला स्वदेशी विकसित सिग्नलिंग सिस्टम (आई-एटीएस) लॉन्च किया

नई दिल्ली/बेंगलूरु, 18 फरवरी, 2023- रेल आधारित जन पारगमन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास कार्य करते हुए दिल्ली मेट्रो ने आज अपने पहले कॉरिडोर, रेड लाइन (रिठाला से शहीद स्थल) में संचालन हेतु नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन नियंत्रण और पर्यवेक्षण प्रणाली आई-एटीएस (स्वदेशी – स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) आरंभ की।

श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा श्री विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल, और डीएमआरसी और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी), शास्त्री पार्क से आज रेड लाइन पर आई-एटीएस प्रणाली औपचारिक रूप से शुरु की गई।

यह सिग्नलिंग प्रणाली, पूरी तरह से स्थानीय रूप से बनाई गई है, जिसे मेट्रो रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत बीईएल और डीएमआरसी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। भारत दुनिया के कुछ देशों की विशिष्ट सूची में शामिल होने वाला छठा देश बन गया है, जिनके पास अपने स्वयं के एटीएस उत्पाद हैं।

रेड लाइन से शुरुआत करते हुए, आई-एटीएस सिस्टम को दिल्ली मेट्रो के अन्य परिचालन कॉरीडोर और चरण-4 परियोजना के आगामी स्वतंत्र कॉरीडरों पर भी संचालन के लिए तैयार किया जाएगा। आई-एटीएस का उपयोग करते हुए चरण 4 कॉरिडोर में निवारक रखरखाव मॉड्यूल भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा, आई-एटीएस का उपयोग भारतीय रेलवे सहित अन्य रेल आधारित प्रणालियों के संचालन में किया जा सकता है। उपयुक्त बदलावों के साथ विभिन्न सिग्नलिंग विक्रेताओं की प्रणालियों के साथ काम करने के लिए इस तकनीक को लचीलेपन के साथ विकसित किया गया है।

आई-एटीएस का विकास मेट्रो रेलवे के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) आधारित सिग्नलिंग प्रणाली के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है क्योंकि एटीएस (स्वचालित ट्रेन पर्यवेक्षण) सीबीटीसी सिग्नलिंग प्रणाली की एक महत्वपूर्ण उप प्रणाली है। एटीएस एक कंप्यूटर आधारित प्रणाली है, जो ट्रेन संचालन का प्रबंधन करती है।

मेट्रो जैसे उच्च ट्रेन घनत्व संचालन के लिए यह प्रणाली अनिवार्य है, जहां हर कुछ मिनटों में सेवाएं निर्धारित की जाती हैं। सीबीटीसी जैसी प्रौद्योगिकी प्रणालियाँ मुख्य रूप से विदेशों द्वारा नियंत्रित होती हैं। आई-एटीएस की तैनाती ऐसी तकनीकों से निपटने वाले विदेशी विक्रेताओं पर भारतीय महानगरों की निर्भरता को बहुत कम करेगी। भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के तहत, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने सीबीटीसी प्रौद्योगिकी को स्वदेशी बनाने का फैसला किया था। एमओएचयूए के साथ, बीईएल, डीएमआरसी, आरडीएसओ और अन्य सहयोगी इस विकास का हिस्सा हैं।

इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए बीईएल और डीएमआरसी ने नवंबर 2022 में एक एमओयू किया था। संचालन की प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए बीईएल और डीएमआरसी की एक समर्पित टीम मिलकर काम कर रही है। साइट की आवश्यकताओं का अनुकरण करने के लिए डीएमआरसी के आईटी पार्क में स्थापित एक पूर्ण विकसित आई-एटीएस लैब को अब सीबीटीसी के विकास के लिए अपग्रेड किया जा रहा है। बीईएल और डीएमआरसी ने आत्मनिर्भर भारत के शासनादेश के तहत मेट्रो और रेल के लिए विभिन्न प्रणालियों के विकास में सक्रिय रूप से हाथ सहयोग किया है।

 

फोटो शीर्षक – बीईएल और डीएमआरसी, आई-एटीएस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन नियंत्रण और पर्यवेक्षण प्रणाली, श्री मनोज जोशी, सचिव, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, दिल्ली मेट्रो द्वारा श्री विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, दिल्ली मेट्रो, श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बीईएल, श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और डीएमआरसी और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आज औपचारिक रूप से लॉन्च करते हुए।

 

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बीईएल ने सायबर वारफेर और सायबर रक्षा प्रणालियों के लिए ग्लोबल्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 फरवरी, 2023 – यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित हो रहे द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 में नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने सायबर वारफेर और सायबर रक्षा प्रणालियों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग, पुनर्निर्माण और पुन:नवाचार, संयुक्त विपणन और बिक्री हेतु ग्लोबल्स आईटीईएस प्राइवेट लि. के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

यह एमओयू बीईएल और ग्लोबल्स की पूरक शक्तियों और सक्षमताओं को बढ़ाने पर लक्षित है। दोनों कंपनियां सायबर सुरक्षा समाधान के लिए आर एंड डी और संयुक्त गो-टू-मार्केट के लिए एक दूसरे को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करते हुए गहन सहयोग के साथ काम करेंगी।

“बीईएल के साथ यह साझेदारी महत्वपूर्ण समय पर की गई है जब दुनिया भर में सायबर हमले कई गुना बढ़ रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण और सामान्य दोनों अवसंरचनाओं को सायबर हमले से बचाने की मांग भी बढ़ी है,” श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें) एवं अतिरिक्त प्रभार, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एवं निदेशक (विपणन) ने कहा।

बीईएल और ग्लोबल्स संयुक्त रूप से क्षेत्र-विशिष्ट सायबर सुरक्षा समाधान, एकीकृत जोखिम प्रबंधन प्रणाली, आधुनिक सुरक्षा प्रचालन केंद्र (एसओसी) और कृत्रिम मेधा (ए.आई.) चलित सायबर रक्षा प्रणाली विकसित करेंगे।

ग्लोबल्स के बारे में

ग्लोबल्स एक मान्यताप्राप्त भारतीय कंपनी है जो सरकार, रक्षा, ई-कॉमर्स, शिक्षा, एसएमई, विनिर्माण और यात्रा उद्योग के लिए सायबर सुरक्षा समाधान और उद्यम साफ्टवेयर समाधान पेश करती है।

ग्लोबल्स सायबर सुरक्षा, सायबर वारफेर, लो कोड पर ईआरपी और बिज़नस प्रोसेस मैनेंजमेंट सुइट, नो कोड प्लेटफार्म, शिक्षा प्रबंधन प्रणालियां, इंटरप्राइसज मोबाइल एप्लीकेशन, इंटरप्राइज़ क्लाउड एप्लीकेशन, DevOps और DevSecOps सेवाओं के क्षेत्र में समाधान पेश करती है। ग्लोबल्स का ए.आई.-आधारित सायबर सुरक्षा और सायबर रक्षा प्रणालियों में विशेष अनुभव है और इसने नेटवर्क डिवाइसों के लिए स्वयं का अत्याधुनिक ज़ीरो डे लैब स्थापित किया है। यह कंपनी एमएसएमई के लिए फॉर्च्यून 500 कंपनियों के संगठनों की सलाहकार रही है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु- प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके नवाचारी निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

Photo caption: बीईएल और ग्लोबल्स आईटीईएस प्राइवेट लि. के बीच एमओयू दस्तावेज का आदान प्रदान करते हुए श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और श्री सुहास गोपीनाथ, सीईओ, ग्लोबल्स आईटीईएस प्राइवेट लि.।

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बीईएल और आईआईएससी, बेंगलूरु ने ए.आई. और एम.एल. में सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 फरवरी, 2023 – यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित हो रहे द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 में नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने कृत्रिम मेधा (ए.आई.), मशीन लर्निंग (एम.एल.) तथा अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में मिलकर काम करने के लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलूरु के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

यह एमओयू बीईएल और भारतीय विज्ञान संस्थान की पूरक शक्तियों और सक्षमताओं को बढ़ाने पर लक्षित है। इससे बीईएल और आईआईएस, बेंगलूरु दोनों ऐसे विभिन्न उत्पाद और सेवाएं विकसित करने में सक्षम होंगे जिनमें कृत्रिम मेधा अंतर्निर्मित और एकीकृत होती है। आईआईएससी आर एंड डी समाधान का विकास, ऐल्गोरिद्म, बीईएल के इंजीनियरों को प्रशिक्षण आदि के संदर्भ में विभिन्न परियोजनाएं शुरु करने के लिए बीईएल हेतु ए.आई. और एम.एल. में विशिष्टीकृत सेवाएं प्रदान करेगा।

भारतीय विज्ञान संस्थान के बारे में

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) जो धर्मार्थ अक्षयनिधि अधिनियम, 1890 के तहत पंजीकृत एक ट्रस्ट है, जो विज्ञान, इंजीनियरी, डिज़ाइन और प्रबंधन में उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त-पोषित, समविश्वविद्यालय और स्वशासी संस्थान है। बेंगलूरु, कर्नाटक में स्थित आईआईएससी मूलभूत ज्ञान और अपने अनुसंधान को औद्योगिक और सामाजिक हितलाभ में कार्यान्वित करने के बीच संतुलन को बढ़ाने का प्रयास करते आ रहा है। वर्ष 2018 में, आईआईएससी को भारत सरकार द्वारा इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) चुना गया और यह संस्थान दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में लगातार सर्वोच्च स्थान पर बना हुआ है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु- प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके नवाचारी निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

Photo caption: बीईएल और आईआईएससी के बीच एमओयू दस्तावेज का आदान प्रदान करते हुए श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और प्रो के जे विनॉय, आईआईएससी, बेंगलूरु।

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प्रेस विज्ञप्ति

आईएआई, इज़राइल और बीईएल ने भारतीय रक्षा बलों के लिए उत्पाद समर्थन प्रदान करने हेतु जे.वी. की स्थापना की

बेंगलूरु, 16 फरवरी, 2023 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों और प्रणालियों की अग्रणी निर्माता कंपनी और इज़राइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (आईएआई), इज़राइल की अग्रणी एरोस्पेस और रक्षा कंपनी ने भारतीय रक्षा बलों के लिए दीर्घकालीन उत्पाद समर्थन सेवाएं प्रदान करने के लिए एकल संपर्क बिंदु तैयार करने पर लक्षित संयुक्त उद्यम स्थापित करेंगे।

यह घोषणा यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित हो रहे द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 में माननीय रक्षा राज्य मंत्री, श्री अजय भट द्वारा की गई।

यह साझेदारी दोनों कंपनियों के बीच संबंधों को मज़बूत बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है जिनका आपसी सहयोग का लंबा इतिहास है। बीईएल और आईएआई भारतीय रक्षा बलों के लिए अनेक संयुक्त प्रोग्राम में साथ काम कर रहे हैं। नया संयुक्त उद्यम देश में एमआरसैम वायु-रक्षा प्रणालियों के लिए जीवनचक्र समर्थन प्रदान करने के लिए स्थापित किया जा रहा है। इस नए उद्यम का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा जो सशस्त्र बलों के लिए आवश्यक तकनीकी और अनुरक्षण समर्थन प्रदान करेगा।

एमआरसैम एक उन्नत पथ-प्रदर्शक वायु और मिसाइल रक्षा प्रणाली है जो विभिन्न प्रकार के हवाई प्लेटफार्मों के समक्ष सुरक्षा प्रदान करती है। इसका प्रयोग भारतीय वायु सेना, भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना और इज़राइली रक्षा बलों द्वारा किया जाता है। इस प्रणाली में एक एडवांस्ड फैज़्ड ऐरे रेडार, कमांड और कंट्रोल शेल्टर, मोबाइल लांचर और उन्नत आर.एफ. सीकर के साथ इंटरसेप्टर होते हैं। एमआरसैम का विकास भारतीय रक्षा बलों के लिए भारत और इज़राइल के सहयोग से आईएआई और डीआरडीओ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

इस संयुक्त उद्यम के माध्यम से, आईएआई भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के प्रति अपने समर्थन पर ज़ोर देती है। यह उद्यम भारतीय रक्षा बलों के लिए उन्नत प्रणालियां विकसित करने और उनके लिए समर्थन प्रदान करने में डीआरडीओ के साथ मज़बूत साझेदारी के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण पहल साबित होगा। इस सहयोग से आईएआई और बीईएल दोनों की आपकी सक्षमताएं बढ़ेंगी।

श्री अजय भट, माननीय रक्षा राज्य मंत्री जी ने कहा, “इज़राइल भारत का बहुत महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और भारतीय रक्षा बलों के लिए एमआरसैम प्रणाली का सफल विकास और तैनाती दोनों देशों के बीच सफल संयुक्त सहयोग का बेहतरीन उदाहरण है। भारत और इज़राइल की इन दोनों प्रतिष्ठित कंपनियों के बीच किए जा रहा यह संयुक्त उद्यम एमआरसैम प्रणालियों के लिए उत्पाद समर्थन सेवाएं प्रदान करने में एक संपर्क बिंदु के रूप में निश्चित रूप से बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मेक इन इंडिया नीति के लिए यह प्रेरक शक्ति होगी।”

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, सीएमडी, बीईएल ने कहा, “बीईएल आईएआई, इज़राइल को बहुत महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मानती है। दोनों कंपनियों के बीच स्थापित किए जाने वाला यह संयुक्त उद्यम एमआरसैम प्रणालियों के लिए समय पर उत्पाद समर्थन सेवाएं सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारतीय आपूर्ति कड़ी की सक्रिय सहभागिता के साथ समुचित स्वदेशी कार्य सहभाजन सक्षम बनाएगा।”

श्री बोज़ लेवी, आईएआई के अध्यक्ष और सीईओ ने इससे पहले कहा, “बीईएल के साथ हमारे संयुक्त उद्यम से भारत में हमारे ग्राहकों की ज़रूरतों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और प्रतिभा सुकर बनेगी। हमने वर्ष 2022 में नई दिल्ली में एरोस्पेस सर्विसेस इंडिया (एएसआई), जो आईएआई की सहायक कंपनी है, खोलने की घोषणा की थी और ये दोनों भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल और भारत में निवेश के लिए हमारे समर्थन को दर्शाता है।”

इज़राइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (आईएआई) के बारे में

इज़राइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (आईएआई) दुनिया की अग्रणी एरोस्पेस और रक्षा कंपनी है जो रक्षा और वाणिज्यिक बाज़ार के लिए अंतरिक्ष, वायु, भूमि, नौसेना, सायबर और होमलैंड सुरक्षा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में नवोन्मेष करती है और सुपुर्दगी देती है। दशकों से युद्ध-सिद्ध अनुभव के साथ नवोन्मेष की “स्टार्ट-अप नेशन” की भावना के साथ, आईएआई अपने ग्राहकों को उपग्रहों, यूएवी, मिसाइल, आसूचना समाधान, शस्त्र प्रणाली, वायु रक्षा प्रणाली, रोबोटिक प्रणाली, रेडार, व्यावसायिक जेट, एरोस्ट्रक्चर आदि सहित ग्राहकों द्वारा सामना की जा रही विशेष चुनौतियों के लिए आवश्यकता-अनुरूप, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधान पेश करती है। वर्ष 1953 में स्थापित आईएआई इज़राइल की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी नियोक्ता है जिसके कार्यालय और आर एंड डी केंद्र इज़राइल और विदेशों में स्थित हैं। अधिक जानकारी के लिए https://www.iai.co.il/ देखें।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके नवाचारी निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

डाफना रैविट्ज़, संप्रेषण प्रबंधक, @iai.co.il 972-52-4677010 www.iai.co.il कार्पोरेट संप्रेषण

संजीव एन देशपांडे, वरिष्ठ उप महाप्रबंधक, कार्पोरेट संप्रेषण ई-मेल – media@bel.co.in

Photo caption: भारतीय रक्षा बलों के लिए दीर्घकालीन उत्पाद समर्थन सेवाएं प्रदान करने के लिए एकल संपर्क बिंदु तैयार करने के लिए लक्षित संयुक्त उद्यम स्थापित करने हेतु एमओए की घोषणा करने के बाद, श्री अजय कुमार भट, माननीय रक्षा राज्य मंत्री, एयर वाइस मार्शल शरद जैन, वीएसएम, एसीएएस (एमपी), रियर एडमिरल बी शिवकुमार, एवीएसएम, वीएसएम, एसीओएम (आईटी एंड एस) तथा बीईएल और आईएआई, इज़राइल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, सीएमडी, बीईएल और श्री ड्रोर ब्रार, वीपी और जीएम, आईएआई, इज़राइल।

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प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल ने लोरा शस्त्र प्रणाली के लिए आईएआई के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 15 फरवरी, 2023- यलहंका वायु सेना स्टेशन, बेंगलूरु में आयोजित हो रहे द्विवार्षिक एयर शो और विमानन प्रदर्शनी एयरो इंडिया 2023 में नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने भारत की तीनों सेवाओं के लिए लोरा शस्त्र प्रणाली के देशीय निर्माण और आपूर्ति के लिए इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।

इस अत्याधुनिक सामरिक शस्त्र प्रणाली हथियार का निर्माण आईएआई के साथ कार्य-भाजन व्यवस्था के आधार पर मुख्य ठेकेदार के रूप में बीईएल द्वारा किया जाएगा।

यह समझौता ज्ञापन उच्च प्रौद्योगिकी रणनीतिक रक्षा प्रणालियों के क्षेत्र में भारत और इज़राइल के बीच बढ़ती साझेदारी का परिणाम है, जो प्रमुख शस्त्र प्रणालियों के लिए भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है।

आईएआई के एमएएलएएम प्रभाग द्वारा विकसित, लोरा समुद्र से जमीन और जमीन से जमीन पर मार करने वाली प्रणाली है जिसमें लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, एक अद्वितीय लांचर, कमांड और नियंत्रण प्रणाली और जमीन/समुद्री समर्थन प्रणाली शामिल है। लोरा प्रणाली 10 मीटर सीईपी के परिशुद्ध स्तर के साथ कई रेंजों के लिए बैलिस्टिक हमले की क्षमता प्रदान करती है।

आईएआई के बारे में

इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) लिमिटेड इज़राइल की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रौद्योगिकी और नवाचार नेतृत्वकर्ता है जो वायु, अंतरिक्ष, समुद्र, भूमि, साइबर और गृहभूमि सुरक्षा के लिए उन्नत, अत्याधुनिक प्रणालियों के विकास और निर्माण में विशेषज्ञता रखती है। 1953 से, इस कंपनी ने दुनिया भर की सरकारों और वाणिज्यिक ग्राहकों को उन्नत प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान किए हैं जिसमें उपग्रह, मिसाइल, हथियार प्रणाली और युद्ध सामग्री, मानव रहित और रोबोटिक प्रणालियां, रेडार, सी4आईएसआर आदि शामिल हैं। आईएआई बिजनेस जेट की डिजाइन और निर्माण भी करती है।

लोरा को आईएआई के सिस्टम्स, मिसाइल्स एंड स्पेस ग्रुप में विकसित किया गया था। इस समूह का वायु-रक्षा प्रणालियों में लंबा रिकॉर्ड है जैसे ऐरो 2 और 3, बराक 8, मंडराती मिसाइलें और अनगिनत मिसाइल और उपग्रह प्रणालियां, जैसे प्रेक्षण उपग्रह, नैनो- उपग्रह, संचार उपग्रह (राष्ट्रीय संचार उपग्रह ड्रोर सहित)। इस समूह ने बेरेशीट अंतरिक्ष यान का भी सह-निर्माण किया है जिसने अपने पहले ही मिशन पर चंद्रमा की यात्रा की थी। आईएआई वायु रक्षा, रेडार, उपग्रह, मानव रहित वाहन, नागरिक विमानन और साइबर के लिए एक राष्ट्रीय और वैश्विक तकनीकी केंद्र है।

बीईएल के बारे में

नवरत्न पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की स्थापना रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दूरदृष्टि के साथ रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन वर्ष 1954 में की गई। आज, बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी है जो रक्षा क्षेत्र में रेडार, मिसाइल प्रणाली, सैन्य संचार, नौसैनिक प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति व वैमानिकी, सी4आई प्रणाली, इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी और गन / शस्त्र प्रणाली के अपग्रेड और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज़ सहित विभिन्न क्षेत्रों में अत्याधुनिक उत्पादों और प्रणालियों की डिज़ाइन, निर्माण और आपूर्ति करती है।

बीईएल के गैर-रक्षा कारोबार खंड में कंपोसिट शेल्टर और मास्ट के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, गृह भूमि सुरक्षा और स्मार्ट सिटी, उपग्रह एकीकरण और पेस इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर, ऊर्जा भंडारण उत्पाद शामिल हैं। बीईएल अपनी वैश्विक मौजूदगी को तेजी से बढ़ा रही है और दुनिया भर में निर्यात पर ज़ोर देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय महासागर और मित्र देशों सहित, दुनिया भर में नए बाज़ार के अवसरों का लाभ लेने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

अपनी आर एंड डी स्थापना को बढ़ाने के अतिरिक्त, कंपनी द्वारा सहयोगात्मक आर एंड डी में किए जा रहे प्रयास हों, भारतीय निजी उद्योगों और एमएसएमई को कार्य बाह्यस्रोत करने के इसके हाल के प्रयास हों या टर्नकी परियोजनाएं निष्पादित करने के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारियां करने के इसके नवाचारी निर्णय हो, बीईएल यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि वह स्वदेशीकरण और आत्म-निर्भरता के सरकार के अधिक व्यापक लक्ष्य के अनुरूप कार्य करे।

फोटो कैप्शन- श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल और श्री योएल रोनेन, मुख्य विपणन अधिकारी, आईएआई, इज़राइल ने बीईएल और आईएआई, इज़राइल के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान करते हुए।