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महिलाओं के एमएसएमई से खरीद करने के लिए बीईएल को सराहा गया

बेंगलूरु, 21 नवंबर, 2022 – सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) ने भारत सरकार की सार्वजनिक खरीद नीति के कार्यान्वयन में बीईएल द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की है। नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान एमएसएमई वर्ग के तहत महिला उद्यमियों से नवरत्न सीपीएसई में सर्वाधिक खरीद के लिए प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया है। इस पत्र में भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक खरीद नीति का कार्यान्वयन आज्ञापक बनाने के लिए बीईएल द्वारा किए गए प्रयासों के लिए आभार भी व्यक्त किया गया है।

यह पुरस्कार 18 नवंबर, 2022 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक खरीद नीति पर आयोजित सीपीएसई सम्मेलन के दौरान बीईएल को प्रदान किया गया। इस सीपीएसई सम्मेलन का उद्घाटन श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, एमएसएमई के राज्य मंत्री द्वारा किया गया। सम्मेलन का विषय ‘लोचता से पुनरुत्थान’ (‘Resilience to Resurgence’) था।

बीईएल की ओर से यह सम्मान श्री मनोज यादव, अपर महाप्रबंधक (प्रबंध सेवाएं) ने प्राप्त किया।

चित्र परिचय – सार्वजनिक खरीद नीति के सीपीएसई सम्मेलन में बीईएल की ओर से प्रशस्ति-पत्र प्राप्त करते हुए श्री मनोज यादव, अपर महाप्रबंधक (प्रबंध सेवाएं)।

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बीईएल ने आईएमटीएमए उत्पादकता के 2 पुरस्कार जीते

बेंगलूरु, 21 नवंबर 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के बेंगलूरु कॉमप्लेक्स की निर्यात विनिर्माण रणनीतिक कारोबार यूनिट ने 18-19 नवंबर, 2022 को इंडियन मशीन टूल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएमटीएमए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय उत्पादकता के शिखर सम्मेलन में 2 पुरस्कार जीते। बीईएल ने विनिर्माण उत्पादकता बढ़ाने में उत्कृष्ट योगदान के लिए चैंपियन ऑफ चैंपियंस अवार्ड (प्रथम पुरस्कार) और वॉक्स पॉपुली (वॉयस ऑफ द ऑडियंस) पुरस्कार प्राप्त किया। पुरस्कार विजेता टीम में निर्यात विनिर्माण एसबीयू, बेंगलूरु कॉमप्लेक्स, बीईएल के श्री प्रेमकुमार डी, श्री नागेंद्र बाबू आर, श्री दीपक जी एच, सुश्री कल्याणी बी, श्री चंगप्पा एन आर और श्री अंजन के एन शामिल थे।

पुरस्कार विजेता केस अध्ययन में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि रक्षा प्रमुख बीईएल ने किस तरह पहली बार आईसीयू वेंटिलेटर के निर्माण के क्षेत्र में प्रवेश किया और कोविड-19 वैश्विक महामारी की पहली लहर के दौरान सभी प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ते हुए 90 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30,000 आईसीयू वेंटिलेटर के निर्माण की चुनौती को स्वीकार किया।

भारत सरकार ने 30,000 आईसीयू वेंटिलेटर का ऑर्डर देकर बीईएल और इसकी चपल उत्पादन प्रणाली क्षमता पर भरोसा जताया। इन वेंटिलेटर का निर्माण लॉकडाउन के दौरान किया गया था। आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को दूर करने के लिए बीईएल को विभिन्न सरकारी एजेंसियों से अपार समर्थन मिला। इस परियोजना को अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में शुरू किया गया था और कई चुनौतियों का सामना करते हुए 30,000 वेंटिलेटर का उत्पादन 14 अगस्त, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।

बीईएल ने सामने किए गए प्रमुख चुनौतियाँ इस प्रकार रहीं – बीईएल ने किसी पूर्व अनुभव/क्षेत्र ज्ञान/अवसंरचना के बिना महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण निर्माण में प्रवेश किया; 30,000 वेंटिलेटर की सुपुर्दगी 90 दिनों की कम अवधि में करने की डिज़ाइन; निर्यात प्रतिबंध और विदेशी घरेलू मांग, गतिशील मूल्य निर्धारण और अप्रत्याशित लीड समय के साथ महत्वपूर्ण घटकों का आयात करना; राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण एमएसएमई से कार्य पैकेजों का उप-ठेका करना; सीमा पार और अंतर-राज्यीय यातायात बंद होने आदि के कारण परिवहन संबंधी समस्याएं; समवर्ती उत्पादन चरण के दौरान विभिन्न तकनीकी मानकों को पूरा करना क्योंकि सीवी 200 वेंटिलेटर को महत्वपूर्ण घटकों के स्वदेशीकरण प्रयासों को पूरा करने के लिए डिजाइन टीमों (डीआरडीओ, स्कैनरे और बीईएल) द्वारा लगातार उन्नत किया जा रहा था; डीजीएचएस द्वारा नैदानिक परीक्षण और अनुमोदन चूंकि सीवी200 पहली बार शुरु किए जा रहे थे; रक्षा उत्पादों के बदले मेडिकल ग्रेड के आईसीयू वेंटिलेटर के उत्पादन को पूरा करने के लिए विनिर्माण सुविधा का पुनर्गठन।

बीईएल द्वारा अपनाया गया दृष्टिकोण जिसके कारण सफलता प्राप्त हुई, में शामिल थे – तेजी से और गतिशील निर्णय लेने के लिए युद्ध कक्ष का निर्माण; टीओटी भागीदारों की पहचान और बीईएल और टीओटी टीमों का सह-विन्यास; बुनियादी ढांचे का निर्माण / पुनर्संरेखण; विशिष्ट कार्यों के साथ विभिन्न-क्षेत्रों में कार्य बल टीमों का गठन; वैधानिक प्रमाण पत्र प्राप्त करना; महत्वपूर्ण और लंबे लीड के पुर्जों के लिए एकाधिक/वैकल्पिक सोर्सिंग; आयातित पुर्जों का समय पर स्वदेशीकरण; कई व्यावसायिक यूनिटों में उत्पादन; वेंटिलेटर के उपयोग पर चिकित्सा पेशेवरों का ऑनलाइन प्रशिक्षण; अखिल भारतीय स्थापना नेटवर्क।

शीर्ष प्रबंधन की पूर्ण भागीदारी, संसाधन अनुकूलन और कर्मचारियों की कुल भागीदारी के कारण रिकॉर्ड समय में इस विशाल परियोजना को सफलता मिली। इस सफलता ने बीईएल को चिकित्सा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में विविधीकरण कर के लिए प्रेरित किया।

चित्र परिचय

आईएमटीएमए उत्पादकता पुरस्कार प्राप्त करते हुए बेंगलूरु कॉम्प्लेक्स के निर्यात विनिर्माण एसबीयू की बीईएल टीम ।

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बीईएल और एडबल्यूईआईएल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने भारतीय रक्षा और निर्यात बाज़ारों की आवश्यकताओं को संयुक्त रूप से पूरा करने के लिए एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडबल्यूईआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य वायु रक्षा, आर्टिलरी गन सिस्टम, मध्यम कैलिबर शस्त्र, छोटे हथियार और संबंधित प्रणालियों के क्षेत्र में घरेलू और निर्यात अवसरों को पता करने के लिए बीईएल और एडबल्यूईआईएल की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाना है।

श्री दिनेश कुमार बत्रा, तत्कालीन सीएमडी, बीईएल और श्री रविन कुलश्रेष्ठ, निदेशक (वित्त), एडब्ल्यूईआईएल ने श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) तथा बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के बीच हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया।

एडबल्यूआईएल के बारे में

एडबल्यूईआईएल, तत्कालीन आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के निगमीकरण द्वारा गठित सात रक्षा पीएसयू में से एक, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय के तहत भारत सरकार का उद्यम है। इसे कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत एक कंपनी के रूप में निगमित किया गया है जो छोटे हथियारों, मध्यम कैलिबर हथियारों, वायु रक्षा, आर्टिलरी गन सिस्टम्स, गोला-बारूद हार्डवेयर आदि जैसी रक्षा प्रणालियों की डिजाइन, विकास और निर्माण में लगी हुई है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो- ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है।

बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

श्री भानु प्रकाश श्रीवास्तव, निदेशक (अन्य यूनिटें), श्री मनोज जैन, निदेशक (आर एंड डी) तथा बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में डिफेक्सपो 2022 में बीईएल और एडब्ल्यूईआईएल के बीच हस्ताक्षरित एमओयू दस्तावेज़ें का आदान-प्रदान करते हुए श्री दिनेश कुमार बत्रा, तत्कालीन सीएमडी, बीईएल, और श्री रविन कुलश्रेष्ठ, निदेशक (वित्त), एडब्ल्यूईआईएल।

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बीईएल ने अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस हैंडलिंग रोबॉट के निर्माण के लिए आर एंड डीई (ई), डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस हैंडलिंग रोबॉट के निर्माण और एकीकरण के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशाला, अनुसंधान एवं विकास संस्थापना (इंजीनियर्स), पुणे के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस की हैंडलिंग और डिफ्यूज़िंग के लिए सुदूर परिचालित वाहन यूएक्सओआर की डिज़ाइन तैयार की गई है। यह हवा से गिराए गए अनएक्सप्लोडेड बमों की हैंडलिंग और उन्हें डिफ्यूज़ करने में सक्षम होता है। यूएक्सओआर का उपयोग यूएक्सओ तक सुदूर रूप से पहुंचने और उसे डिफ्यूज़ करने के लिए किया जा सकता है। यह हैवी ड्यूटी-कॉम्पैक्ट सर्व भू-भागीय प्लेटफार्म पर आधारित होता है और रोबोटिक आर्म, एब्रासिव वाटर जेट कटिंग मशीन आदि से सुसज्जित होता है। इसे सुदूर रूप से भी नियंत्रित किया जा सकता है।

समझौता ज्ञापन बीईएल को दूरस्थ रूप से संचालित वाहनों के अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करने और अनएक्सप्लोडेड ऑर्डनेंस हैंडलिंग उपकरणों के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता को और बढ़ाने में सक्षम करेगा।

आर एंड डीई (ई), डीआरडीओ

आर एंड डीई (ई), डीआरडीओ, भारतीय रक्षा बलों के तीनों स्कंधों के लिए विभिन्न इंजीनियरिंग प्रणालियों के स्वदेशी विकास में लगा हुआ है। आर एंड डीई (ई) ने सैन्य ब्रिजिंग, माइन-वारफेयर और संबद्ध प्रणालियों, हथियार कार्यक्रमों और क्षेत्र रक्षा और एनबीसी सामूहिक-सुरक्षा प्रणाली के लिए लॉन्चर जैसी लड़ाकू इंजीनियरिंग प्रणालियों को विकसित और वितरित किया है। यह रोबोटिक्स, समग्र उत्पादों और माइक्रो-इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम के क्षेत्रों में भी काम कर रहा है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो- ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने सीएचईएसएस, डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने मल्टी केडबल्यू बीम डायरेक्टेड ऑप्टिकल चैनल (बीडीओसी) के निर्माण के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशाला, सेंटर फॉर हाई एनर्जी सिस्टम्स एंड साइंसेस (सीएचईएसएस) के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

“मल्टी किलो-वॉट बीम डायरेक्टिंग ऑप्टिकल चैनल” किसी भी लेज़र डीईडबल्यू प्रणाली के लिए प्रमुख घटक होता है। बीम डायरेक्टिंग ऑप्टिकल चैनल यथावत् रखे लैन्सों और दर्पणों की एक जटिल प्रणाली होती है जो उच्च शक्ति के लेज़र का संचालन करने में सक्षम होती है। यह लक्ष्य पर अत्यंत सटीक, फोकसित और स्थिरीकृत लेज़र बीम डालता है।

इस एलएटीओटी पर हस्ताक्षर करने से बीईएल अपनी पुणे स्थित अत्याधुनिक और नवीनतम निर्माणी सुविधा में “मल्टी किलो-वॉट बीम डायरेक्टिंग ऑप्टिकल चैनल” का निर्माण कर सकेगी जहां विभिन्न उच्च तकनीक और मिशन के लिए अत्यावश्यक ईओ और लेज़र प्रणालियों का निर्माण पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है।

सीएचईएसएस, डीआरडीओ के बारे में

सीएचईएसएस, डीआरडीओ उच्च ऊर्जा की शस्त्र प्रणालियों का विकास करता है। इसका प्रमुख ध्यान उच्च शक्ति के लेज़र सहित विभिन्न लेज़र पदार्थों, घटकों और लेज़र प्रणालियों का अनुसंधान और विकास करने पर है। इसने उच्च शक्ति की लेज़र प्रौद्योगिकी के आधार पर डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम पहले ही विकसित कर उसकी आपूर्ति की है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ के निर्माण के लिए डीआरडीएल, आईआरडीई के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ (एलबीईजीएफ) का निर्माण करने के लिए डीआरडीओ की प्रयोगशालाएं डीआरडीएल, हैदराबाद और आईआरडीई, देहरादून के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया।

लेज़र आधारित एंड गेम फ्यूज़ मिसाइल की एक उप-प्रणाली होती है जिसका उपयोग वांछित टार्गेट का पता लगाने के लिए डिटोनेशन पल्स पैदा करने के लिए किया जाता है। यह लेज़र प्रोक्सिमिटी सेन्सर और एंड गेम प्रोसेसर की असेंबली है। लेज़र प्रोक्सिमिटी सेन्सर का प्रयोग टार्गेट रेंज और सेक्टर सूचना को मापन में किया जाता है जबकि एंड गेम प्रोसेसर ऐल्गोरिद्म का प्रयोग करते हुए एलपीएफ द्वारा दिए गए रेंज डेटा का संसाधन करता है और डिटोनेशन पल्स पैदा करता है।

इस एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किए जाने से बीईएल पुणे में स्थित अपनी अत्याधुनिक और नवीनतम सुविधा में एलबीईजीएफ का निर्माण कर सकेगी जहां विभिन्न उच्च स्तरीय और मिशन के लिए अत्यावश्यक ईओ और लेज़र प्रणालियों का निर्माण पिछले तीन दशकों से किया जा रहा है।

डीआरडीएल, डीआरडीओ के बारे में

रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) देश की रक्षा के लिए आवश्यक अत्याधुनिक और नवीनतम मिसाइल प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों की डिज़ाइन और विकास करता है। डीआरडीएल मिसाइल और रणनीतिक प्रणालियों के लिए आवश्यक अनेक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहा है जिनमें एरोडायनेमिक्स और एयरफ्रेम डिज़ाइन, कंप्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स, सॉलिड, लिक्विड, रैमजेट और स्कैमजेट प्रोपल्शन, प्रिसीज़न फेब्रिकेशन, सिस्टम एनालिसिस और मिसाइल आधारित शस्त्र प्रणालियों के लिए कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं।

आईआरडीई, डीआरडीओ के बारे में

यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थापना (आईआरडीई) मुख्य रूप से रक्षा सेवाओं के लिए ऑप्टिकल और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल यंत्रीकरण में अनुसंधान, डिज़ाइन, विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कार्य करती है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने सीएएसडीआईसी, डीआरडीओ के साथ एलएटीओटी पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने डिज़िटल रेडार वार्निंग रिसीवर की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट सिस्टम्स डेवलपमेंट एंड इंटीग्रेशन सेंटर (सीएएसडीआईसी), डीआरडीओ के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु लाइसेंसिंग करार (एलएटीओटी) पर हस्ताक्षर किया। यह अत्याधुनिक व नवीनतम, वायुवाहित इलेक्ट्रॉनिक युद्धपद्धति प्रणाली है जो घने संकेत परिस्थिति में लड़ाकू प्लेटफार्म को परिवर्तनशील परिस्थिति जागरूकता, उत्कृष्ट संवेदनशीलता, बेहतर प्राचल मापन की सटीकता और घने संकेत के समक्ष अवरोधन की उच्च संभाव्यता प्रदान करेगा।

एलएटीओटी से बीईएल भारतीय सशस्त्र बलों को डिज़िटल रेडार चेतावनी रिसीवर का निर्माण व आपूर्ति कर सकेगी। इसके द्वारा सीएएसडीआईसी इस उत्पाद के कामकाज से संबंधित आवश्यक डेटा के साथ बीईएल को गुणता आवश्वासन हेतु तकनीकी जानकारी, परीक्षण व अनुरक्षण की विधि के पूर्ण ब्यौरे अंतरित करेगा।

सीएएसडीआईसी, डीआरडीओ के बारे में

सीएएसडीआईसी डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रयोगशाला है जिसे लड़ाकू विमान की प्रणालियों और समाधान के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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बीईएल ने आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नालॉजीस फाउंडेशन के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने संवितरित ध्वनिक संवेदन के क्षेत्र में सहयोग के लिए आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस एमओयू का उद्देश्य संवितरित ध्वनिक संवेदन की तकनीक विकसित करने के लिए बीईएल और आईआईटीएम की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाना है। इससे बीईएल और आईआईटीएम को परिधि सुरक्षा क्षेत्र में भविष्य के व्यवसाय की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।

आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के बारे में

आईआईटीएम प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत एक कंपनी है। प्रवर्तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) द्वारा विज्ञान, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई धारा 8 कंपनी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित हब, यह साइबर भौतिक प्रणाली के विज्ञान, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल ने आईआईटी मद्रास के साथ जेडीए पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 16 नवंबर, 2022 – नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) ने क्वान्टम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) के साथ एक संयुक्त विकास करार (जेडीए) पर हस्ताक्षर किया। यह जेडीए क्वान्टम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बीईएल और आईआईटीएम की पूरक शक्तियों और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है।

आईआईटी – मद्रास के बारे में

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटीएम) को देश और विदेश दोनों में तकनीकी शिक्षा, मूलभूत व व्यावहारिक अनुसंधान, नवोन्मेष, उद्यमिता और औद्योगिक परामर्श में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय ख्याति के संकाय सदस्य, अत्यधिक अभिप्रेरित और प्रतिभावान विद्यार्थियों, उत्कृष्ट तकनीकी और सहायक स्टाफ और प्रभावी प्रशासन, सभी ने आईआईटी मद्रास की इस ख्यातलब्ध दर्जे को स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। इस संस्थान को भारत के अव्वल दर्जे की इंजीनियरी विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। हाल ही में, आईआईटी मद्रास को प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा दिया गया है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहु-उत्पाद, बहु-प्रौद्योगिकी, बहु-यूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैर-रक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बी-रोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैर-रक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है।

इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोला-बारूद, सीकर और मिसाइल, मानव-रहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।

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प्रेस विज्ञप्ति

बीईएल ने एचएसएल के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया

बेंगलूरु, 14 नवंबर, 2022- नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने अभिचिह्नित उत्पादों / प्रणालियों के संयुक्त विकास, विनिर्माण और उत्पाद उन्नयन करने के लिए तथा स्वदेशी रक्षा, गैर-रक्षा और निर्यात बाज़ारों के उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए रक्षा पीएसयू हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

एचएसएल के बारे में

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड रक्षा मंत्रालय के तहत एक अग्रणी जहाज निर्माण संगठन है जो जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत, पनडुब्बी निर्माण और मरम्मत के साथ-साथ अपतटीय और तटवर्ती संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण की जरूरतों को पूरा करता है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में, एचएसएल ने 1948 में अपने पहले जहाज, जल उषा के शुभारंभ के बाद से, 200 जहाजों के निर्माण और 2,000 जहाजों की मरम्मत को पूरा करने की दुर्लभ विशिष्टता अर्जित की है।

बीईएल के बारे में

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल) वर्ष 1954 में बेंगलूरु में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक नवरत्न डीपीएसयू है जो भारतीय रक्षा सेवाओं की रणनीतिक ज़रूरतें पूरी करती है। वर्षों के दौरान बीईएल एक बहुउत्पाद, बहुप्रौद्योगिकी, बहुयूनिट वाली विशाल कंपनी के रूप में विकसित हुई है जो व्यापक श्रृंखला के रक्षा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों, प्रणालियों, रणनीतिक घटकों, सेवाओं और चयनित गैररक्षा उत्पादों की डिज़ाइन, विकास, निर्माण, आपूर्ति और समर्थन का कार्य करती है और भारत और विदेशों में ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करती है।

रक्षा क्षेत्र में बीईएल की रेडार और फायर कंट्रोल प्रणालियां, शस्त्र प्रणालियां, संचार, नेटवर्क केंद्रित प्रणालियां (सी4आई), इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां, वैमानिकी, पनडुब्बीरोधी युद्ध प्रणालियां और सोनार, इलेक्ट्रोऑप्टिकी, टैंक इलेक्ट्रॉनिकी, होमलैंड सुरक्षा, गन के अपग्रेड, रणनीतिक घटक आदि में मज़बूत मौजूदगी है। बीईएल ईवीएम, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा भंडारण उत्पाद, स्मार्ट सिटी, जैमर, साफ्टवेयर आदि जैसे गैररक्षा बाज़ार में अपने समाधानों को विस्तारित करने का लगातार प्रयास करती आ रही है। इसके अलावा, बीईएल ने उभरते अवसरों का लाभ लेने के लिए हथियार और गोलाबारूद, सीकर और मिसाइल, मानवरहित प्रणालियां, नेटवर्क और सायबर सुरक्षा, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिकी, अंतरिक्ष इलेक्ट्रॉनिकी, ईवी, रेल्वे/मेट्रो और नागर विमानन में विविधीकरण किया है।